Shoshan Ke Viruddh Adhikar: शोषण के विरुद्ध अधिकार  

1 minute read
Shoshan Ke Viruddh Adhikar

Shoshan Ke Viruddh Adhikar: सोचिए ज़रा, अगर कोई आपसे जबरदस्ती काम करवाए, या आपको किसी वस्तु की भांति बेच दे, या आपके छोटे भाई-बहनों से जोखिम भरा कार्य करवाए तो कैसा लगेगा? डर गए ना? कोई बात नहीं क्योंकि इस प्रकार की स्थितियों का सामना करने के लिए आपको संविधान एक पावर देता है जिसका नाम है “शोषण के विरुद्ध अधिकार,” जो आपको इन बुराइयों से बचाता है। भारत के संविधान, 1950 के अनुच्छेद 23 और 24 शोषण के विरुद्ध अधिकार से संबंधित हैं। इस ब्लॉग में शोषण के विरुद्ध अधिकार (Shoshan Ke Viruddh Adhikar) से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। 

शोषण के विरुद्ध अधिकार (Article 23 और Article 24)

भारतीय संविधान ने हम सभी को सम्मान से जीने का हक दिया है। इस हक को बचाने के लिए, संविधान के मौलिक अधिकार वाले भाग में “शोषण के विरुद्ध अधिकार” (अनुच्छेद 23 और 24) दिया गया है। शोषण का अर्थ है- बल की सहायता से दूसरों की सेवाओं का दुरुपयोग करना। यह अधिकार हमें बुरी चीजों जैसे मानव तस्करी, जबरदस्ती काम और 14 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों द्वारा काम करवाने से बचाता है। किसी भी प्रकार के शोषण के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना मौलिक मानव अधिकार है। यह अधिकार उन सभी पहलुओं के खिलाफ आवाज़ उठाता है जो मनुष्यों की मर्यादा को ठेस पहुंचाते हैं। 

अनुच्छेद 23

यह अनुच्छेद कहता है कि:

मानव तस्करी गलत है: किसी भी इंसान को समान की तरह खरीदना या बेचना गैरकानूनी है। खासकर महिलाओं और बच्चों की तस्करी तो बहुत बड़ा अपराध है। इसके लिए 1956 में एक खास कानून भी बना है जो मानव तस्करों को सजा देता है।

जबरन श्रम के निषेध: किसी से भी उसकी मर्जी के बिना काम करवाना, या बिना पैसे दिए काम करवाना गलत है। अदालतों ने भी ऐसे कामों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है जहाँ लोगों को मजबूर किया जाता हैं। 

सरकारी काम में भेदभाव नहीं: सरकार अगर किसी जरूरी काम के लिए लोगों को बुलाती है, तो वह धर्म, जाति, रंग या अमीरी-गरीबी के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं कर सकती। सबको बराबर मानना होगा। यह अधिकार भारत के नागरिकों के साथ-साथ गैर-नागरिकों को भी उपलब्ध है।

अनुच्छेद 24

यह अनुच्छेद बच्चों को सुरक्षा देता है। इसके अनुसार, 14 साल से कम उम्र के किसी भी बच्चे को कारखानों, खदानों या किसी भी खतरनाक काम में नहीं लगाया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि यह नियम अपने आप में बहुत ताकतवर है, भले ही इसके लिए कोई और कानून न बना हो। यह नियम सरकार को भी कहता है कि वह बच्चों के स्वास्थ्य और अच्छे भविष्य का ध्यान रखे। यह प्रावधान सार्वजनिक स्वास्थ्य और बच्चों के जीवन की सुरक्षा के हित में है।

शोषण के विरुद्ध अधिकार क्यों ज़रूरी है?

हमारे देश में पहले जबरदस्ती काम करवाना और इंसानों को बेचना जैसी बुरी चीजें होती थीं, खासकर गरीब और कमजोर लोगों के साथ। हमारे संविधान निर्माताओं ने इन बुराइयों को हमेशा के लिए खत्म करने की ठानी थी।

आज भी, भले ही ये चीजें कम हो गई हों, लेकिन मानव तस्करी और बच्चों से काम करवाने जैसी समस्याएँ अभी भी  समाज में ज़िंदा हैं। इसलिए, हमें इन अधिकारों के बारे में जानना और इन्हें लागू करवाना बहुत ज़रूरी है, ताकि हर कोई सम्मान से जी सके।

शोषण के विरूद्ध अधिकार का महत्त्व

शोषण के विरूद्ध अधिकार (Right against Exploitation) का महत्व निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता हैं:-

  • मानव अधिकारों की सुरक्षा
  • मानव गरिमा की रक्षा
  • नैतिक श्रम प्रथाओं को बढ़ावा
  • बच्चों का संरक्षण
  • समानता की स्थापना
  • आर्थिक सशक्तिकरण
  • मानव तस्करी की रोकथाम
  • गरीब और कमजोर आबादी को सहायता
  • बलात् श्रम का उन्मूलन

FAQs 

शोषण के विरुद्ध के अधिकार क्या हैं?

शोषण के विरुद्ध अधिकार, इसमें बेगार, बाल श्रम और मनुष्‍यों के व्‍यापार का निषेध किया जाता है।

शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23 से 24) क्या हैं?

शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23 से 24) में किसी व्यक्ति की गरिमा और स्वतंत्रता का उल्लंघन नहीं किया जा सकता है। किसी को भी उसकी इच्छा के विरुद्ध श्रम करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।

शोषण के विरुद्ध अधिकार का क्या अर्थ है?

शोषण के विरुद्ध अधिकार का अर्थ है कि किसी भी व्यक्ति से जबरन श्रम नहीं करवाया जाएगा। 

अनुच्छेद 23 में क्या लिखा गया है?

अनुच्छेद 23 सुनिश्चित करता है कि किसी भी व्यक्ति को शोषण या काम की अपमानजनक परिस्थितियों का सामना न करना पड़े। 

6 मौलिक अधिकार कौन-कौन से हैं?

भारतीय संविधान के छह मौलिक अधिकार हैं: समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, सांस्कृतिक और शिक्षा संबंधी अधिकार, और संवैधानिक उपचारों का अधिकार।

आशा है कि आपको इस लेख में शोषण के विरुद्ध अधिकार (Shoshan Ke Viruddh Adhikar) से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही UPSC और सामान्य ज्ञान से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*