APJ Abdul Kalam Poems in Hindi: पढ़िए डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर लिखी कविताएं, जो आपको हमेशा प्रेरित करेंगी

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APJ Abdul Kalam Poems in Hindi

कविताओं का काम समाज का आईना दिखाना और समाज की सोइ चेतना को जगाना अथवा जागृत करे रखने का होता है, कविताओं को ही समाज की प्रेरणा माना जाता है। मातृभूमि, राष्ट्र की संस्कृति और राष्ट्र के रूप में हमारी पहचान पर संकट आने पर प्रतिकार करती हैं कविताएं।हर दौर में कोई एक तो ऐसा जरूर होता है जिनका जीवन लोगों के लिए प्रेरणा बन जाता है। ऐसे ही एक युगपुरुष डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भी थे। जिनका जीवन परिचय और जिन पर लिखी कविता आपको हमेशा प्रेरित करेगा। APJ Abdul Kalam Poems in Hindi के माध्यम से आप डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर लिखी कविताएं पढ़ पाएंगे, जिसके लिए आपको ब्लॉग को अंत तक पढ़ना पड़ेगा।

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी का जीवन परिचय

डॉ. अब्दुल कलाम जी का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम में एक निर्धन तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनलाब्दीन और माता का नाम असीम्मा था। पिता पेशे से नावों को किराये पर देने और बेचने का काम करते तो वहीं कलाम की माँ एक गृहिणी थी।

डॉ. अब्दुल कलाम कुल पांच भाई बहन थे, जिसमें से तीन बड़े भाई और एक बड़ी बहन थी। जब अब्दुल कलाम का जन्म हुआ तब इनका परिवार गरीबी से जूझ रहा था। निर्धनता के आगे हार न मानने वाले कलाम ने छोटी सी उम्र में ही अखबार बेचने का काम शुरू कर दिया था। वैसे तो स्कूल के दिनों में कलम पढ़ाई में सामान्य थे लेकिन उनमें नई चीजों को सीखने का जूनून हमेशा रहता था।

जीवन भर संघर्ष देखने वाले डॉ. अब्दुल कलाम ने इंजीनियर, वैज्ञानिक, लेखक, प्रोफेसर, राजनीतिज्ञ आदि क्षेत्रों को अपने व्यवसाय को चुना। और परमाणु से लेकर देश के मिसाइल बनाने तक में अपना अहम योगदान दिया। वर्ष 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक कलाम ने भारत के राष्ट्रपति के रूप में मातृभूमि की सेवा की। कर्मपथ के निरंतर पथिक कलाम ने 27 जुलाई 2015 को मेघालय के शिलांग में अपने जीवन की अंतिम सांस ली।

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मेरी माँ

APJ Abdul Kalam Poems in Hindi के माध्यम से आप डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी के चरित्र को जान सकते हैं, जिस कड़ी में सबसे पहले उनके द्वारा अपनी माँ के प्रति समर्पित लिखी कविता “मेरी माँ” है। यह एक ऐसी कविता है, जो मातृत्व को नमन करती है।

समन्दर की लहरे,
सुनहरीं रेत,
श्रद्धानत तीर्थंयात्री,
रामेश्वरम द्वीप् की वह छोटीं-पूरी दुनियां।
सबमे तू निहिंत,
सब तुझ़मे समाहित।

तेरी बाहों मे पला मै,
मेरी क़ायनात रही तूं।
ज़ब छिडा विश्वयुद्ध, छोटा सा मै
ज़ीवन बना था चुनौंती, जिन्दगी अमानत
मीलो चलते थें हम
पहुचते किरणो से पहले।

कभीं जाते मन्दिर लेने स्वामी से ज्ञान,
कभीं मौलाना के पास लेनें अरबी का सबक़,
स्टेशन को ज़ाती रेत भरी सडक,
बाटे थे अखबार मैने
चलतें-पलते साए मे तेरे।

दिन मे स्कूल,
शाम मे पढाई,
मेहनत, मशक्क़त, दिक्कते, कठिनाईं,
तेरी पाक़ शख्सीयत ने ब़ना दी मधूर यादे।
ज़ब तू झ़ुकती नमाज़ मे उठाये हाथ
अल्लाह क़ा नूर गिरता तेरी झ़ोली मे
जो ब़रसता मुझ़पर
और मेरें ज़ैसे कितनें नसीबवालो पर
दिया तूनें हमेशा दया का दान।

याद हैं अभी जैंसे कल ही,
दस ब़रस का मै
सोया तेरीं गोद मे,
बाक़ी बच्चो की ईर्ष्यां का बना पात्र-
पूर्मासी की रात
भरती ज़िसमे तेरा प्यार।

आधीं रात मे,
अधमुदी आखों से तक़ता तुझें,
थामता आसू पलको पर
घुटनो के बल
बाहों मे घेरे तुझ़े खडा था मै।
तूनें ज़ाना था मेरा दर्दं,
अपने बच्चें की पीडा।

तेरी उगलियों ने
निथारा था दर्दं मेरे बालो से,
और भरीं थी मुझ़मे
अपने विश्वास क़ी शक्ति-
निर्भंय हो जींने की, जीतनें की।
जिया मै
मेरी माँ !

और ज़ीता मै।
क़यामत के दिन
मिलेंगा तुझ़से फिर तेरा कलाम,
माँ तुझें सलाम।

-डॉ.डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम

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कलाम

APJ Abdul Kalam Poems in Hindi के माध्यम से आप जानेंगे कि डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी ने जीवन भर राष्ट्र को सर्वप्रथम रखा। रामधारी सिंह ‘काव्यतीर्थ’ द्वारा रचित कविता “कलाम” के माध्यम से आप मिसाइलमैन कलाम जी को नज़दीक से जान पाएंगे।

कलाम छत
प्रक्षेंपास्त्र पुरुष
मन से सन्त ।
कलाम छेकैं
प्रथम नागरिक़
बांस-कुटिया ।

बांस-कुटिया
त्रिपुरा कलाकारे
छौंनी करलकैं ।
कुटियां नाम
शाश्वत् कुटीर छैं
वासी कलाम ।
करें कलाम
पसन्दींदा काम भीं
कुटिया मे ही ।
बांस-कुटिया
मुग़ल गार्डन मे
कलाम बैठै ।

कलाम कहैं
नेक़ सज्ज़न वास्ते
यहे कुटिया ।

-रामधारी सिंह ‘काव्यतीर्थ

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डॉ. अब्दुल कलाम

APJ Abdul Kalam Poems in Hindi के माध्यम से आप डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के संघर्षों पर रचित कविता “डॉ. अब्दुल कलाम” को पढ़ सकते हैं, जिसका उद्देश्य आपको डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी के व्यक्तित्व की गाथा सुनाना है।

सलाम, सलाम, सलाम,
देश रत्न अब्दुल कलाम तुम्हें सलाम
मां भारती कें लाल तुमक़ो सलाम
ज़ब तक ये सूरज़ और ये चांद रहेगा

मिसाईलमेन तेरा सदा नाम रहेगा
दुनिया मे सदा तेरा गुणगान रहेगा
पंन्द्रह अक्टूब़र दिन सदा इतिहास रहेगा
अब्दुल कलाम शानें हिन्दुस्तान रहेगा

भारत का तुमनें दुनिया में मान बढाया
रक्षा के क्षेत्र मे आत्म निर्भर ब़नाया
मिसाइल मैन तुमनें दुनियां को झ़ुकाया
माता पिता का तुमनें सम्मान बढाया

गरीबी कोईं अभिशाप नही स्पष्ट दिखाया
परिश्रम से आगें कुछ नही ये तुमनें बतलाया
शाकाह़ार को ही सदा तुमनें अपनाया
हिन्दू मुसलमान का भेंदभाव हटाया

देश को ही सदा सर्वोंपरि ब़ताया
राष्ट्रपति होक़र भारत गौंरव बढाया
ज़ब तक यें दिल्ली का लालक़िला रहेगा
तिरंगा देश क़ा लहराता रहेगा

मिसाईल मैन तेरा सदा नाम रहेगा
ज़ब तक इस तन मे ये प्राण रहेगा
“लक्ष्य” तेंरा गुणगान लिखता रहेगा

-स्वरचित निर्दोष लक्ष्य जैन

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मिसाइल मैन

APJ Abdul Kalam Poems in Hindi के माध्यम से आप डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर रचित कविता “मिसाइल मैन” को पढ़ सकते हैं, जो आपके सामने डॉ कलाम के जीवन को संक्षिप्त में प्रस्तुत करेगी।

अपने कौंशल और मेहनत से ज़िसने
नव भारत कें अग्नि-पंख़ लगाए,
शौंहरत की दुनियां मे भी ज़िसने
सादा ज़ीवन उच्च विचार के मंत्र सिख़ाए

जो अपनें चेहरें की मुस्कराहट से
नफ़रतो को कईं बार हराए,
अपने हुनर कें दम पर ज़ो
भारत का स्वाभिंमान बढाए

भरक़र उडान हृदय से ज़िनके
मिट्टीं की ख़ुशबू आती थीं,
रामेश्वरम् के वो अब्दुल क़लाम
भारत के ‘मिसाइल मैन’ क़हलाए।

-वैशाली चौधरी

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कलाम को याद कर

APJ Abdul Kalam Poems in Hindi के माध्यम से आप डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर रचित कविता “कलाम को याद कर” को पढ़ सकते हैं, जो डॉ कलाम के जीवन की उपलब्धियों को आपके सामने प्रस्तुत करेगी।

निख़रे थे जो कोयलें से हीरा ब़न
विरासत मे नही मेहनत कें बल पर
ज़न्मस्थली थी ज़िनकी भुवनेंश्वर
कैंरियर किया शुरू अख़बार बेचक़र,
पढाई की उन्होंने दिन रात एक़ कर
दूर रहें सदा ज़ाति धर्मं के भेद पर,
​डन्का बज़ाया मिसाईल मैंन बनकर
पहुचा दिया देश क़ो ले जा फ़लक पर,
​दूर रहें तेरा मेरा कहनें से उम्रभ़र
सदुपयोग क़िया समय क़ा हर पल,
​बनें राष्ट्रपति तो गये गुलजार कर
याद करेंगा देश उनक़ो उम्र भर,
​सीख़ उनक़ी देगी शिक्षा उम्र भ़र
चमक़ना हैं सूरज़ की तरह अग़र
​ज़लना होगा आग़ मे उसकी तरह
लग़ातार बिना रुकें कर्मं यू कर,
श्रद्धांजलि और नमन सर झ़ुकाकर
आंखें भर आई ‘क़लाम’ को याद क़र।।

-राशि सिंह

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आशा है कि APJ Abdul Kalam Poems in Hindi के माध्यम से आप डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर लिखीं कविताएं पढ़ पाएं होंगे, जो कि आपको सदा प्रेरित करती रहेंगी। साथ ही यह ब्लॉग आपको इंट्रस्टिंग और इंफॉर्मेटिव भी लगा होगा, इसी प्रकार की अन्य कविताएं पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

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