अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) की सीट सीमा हटाने की घोषणा से स्टूडेंट्स को लाभ हुआ है। अभी तक इंजीनियरिंग कॉलेज में एक ब्रांच में अधिकतम 240 सीटें हो सकती थीं, लेकिन परिषद ने नेशनल एजुकेशन पाॅलिसी-2020 के तहत सीट कैप को हटाने का निर्णय लिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के सदस्य सचिव राजीव कुमार ने कहा कि 2024-25 एकेडमिक सेशन के लिए नए प्रोग्राम शुरू करने या सीट संख्या बढ़ाने के लिए काॅलेजों को 31 जनवरी 2024 तक आवेदन करना होगा।
इससे छात्रों को अपनी पसंद के कॉलेज और ब्रांच में एडमिशन लेने के लिए अधिक ऑप्शन होंगे। इसके अलावा AICTE को यह भी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि नए प्रोग्राम के लिए बढ़ी हुई सीटों पर एडमिशन में पारदर्शिता हो।
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IIT और NIT के 800 से अधिक विशेषज्ञ करेंगे संस्थानों का निरीक्षण
AICTE के अध्यक्ष टीजी सीताराम के बयान भारतीय इंजीनियरिंग शिक्षा के भविष्य के लिए एक आशाजनक संकेत है। IIT और NIT के 800 से अधिक विशेषज्ञ उन संस्थानों का निरीक्षण करेंगे जिनका लक्ष्य किसी विशेष स्ट्रीम में सीटों की संख्या बढ़ाना है। एक नियामक संस्था के रूप में, हम तकनीकी और प्रबंधन संस्थानों में गुणवत्ता बनाए रखना चाहते हैं। हमारी मुख्य प्राथमिकता रोजगार क्षमता है को बढ़ाना है।
सीटों पर सीमा हटने के लाभ
सीट सीमा हटाने से इंजीनियरिंग कॉलेजों में अधिक सीटें उपलब्ध होंगी। इससे छात्रों के पास अपनी पसंद के कॉलेज और ब्रांच में प्रवेश लेने के लिए अधिक विकल्प होंगे। सीट सीमा हटने से कंप्टीशन बढ़ेगा और स्टूडेंट्स को अपनी पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन के लिए मोटिवेट किया जाएगा। कॉलेजों में छात्रों के लिए सुविधाओं में सुधार करने की जरूरत होगी।
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