प्रतियोगी परीक्षाओं में करंट अफेयर्स से जुड़े क्वेश्चन पूछे जाते हैं, क्योंकि करंट अफेयर्स का उद्देश्य मनुष्य की समझ को विस्तार करना है। UPSC में प्री और मेंस एग्जाम के अलावा इंटरव्यू का भी महत्वपूर्ण रोल है, इसलिए कैंडिडेट्स को रोजाना हो रहीं आसपास और देश-दुनिया की घटनाओं को समझना होगा। आज हम इस ब्लाॅग में आदित्य L1 मिशन (Aditya-L1 Mission) के बारे में जानेंगे, जिसे आप अपनी तैयारी में जोड़ सकते हैं।
Aditya-L1 Mission : आदित्य L1 मिशन क्या है?
2019 में चंद्रयान -2 की सफलता के बाद भारत की स्पेश ऑर्गनाईजेशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आदित्य L1 मिशन लाॅन्च करेगा। Aditya-L1 Mission सूर्य की स्टडी करने वाला इंडिया का पहला साइंस मिशन है। इसके अलावा सौर पवन की उत्पत्ति की स्टडी और अंतरिक्ष मौसम पर प्रभाव की स्टडी भी करेगा।
यह भी पढ़ें- New Education Policy : नई शिक्षा नीति क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?
Aditya-L1 Mission : आदित्य L1 मिशन की लाॅन्चिग कब होगी?
आदित्य L1 मिशन की लाॅन्चिग डेट अभी तक तय नहीं हुई है, हालांकि जुलाई में इसे लाॅन्च करने की योजना बनाई गई है। ISRO पेलोड समेत सभी उपकरण कंप्लीट कर चुका है और भी कई तरह के टेस्ट कंप्लीट हो चुके हैं। 2008 में इसरो ने इसे आदित्य-1 नाम से घोषित किया था।
यह भी पढ़ें- Artemis Program : NASA का आर्टेमिस प्रोग्राम क्या है?
सूर्य के पास यान भेजने वाला चौथा देश बनेगा भारत
जर्मनी, अमेरिका और यूरोपीय स्पेश एजेंसी के बाद भारत सूर्य के पास अंतरिक्ष यान भेजने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। अंतरिक्ष साइंस की फील्ड में भारत चंद्रमा और मंगल ग्रह पर यान भेजकर सफलता पा चुका है और अब सूर्य के पास यान भेजकर अपनी स्पेश शक्ति का प्रदर्शन करेगा।
FAQs
ISRO की फुल फाॅर्म Indian Space Research Organization है।
आदित्य L1 को को लॉन्च करने की डेट की अभी तक ऑफिशियल अनाउंसमेंट नहीं की गई है, इसे जुलाई में लाॅन्च किया जा सकता है।
इसरो का अगला मिशन चंद्रयान-3 है।
एग्जाम की तैयारी और बेहतर करने और डेली करेंट अफेयर्स के बारे में अधिक जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।