डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग क्या है और कैसे करें?

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डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग

डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग एक तीन साल का डिप्लोमा कोर्स होता है। इस कोर्स में बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के अलग-अलगत प्रोग्राम्स के बारे में पढ़ाया जाता है।

मेडिकल इंडस्ट्री ऐसी इंडस्ट्रीस में से एक है जो दिन-ब-दिन नई उचाईओं को छूती दिख रही है। ऐसी ग्रोथ की तरफ बढ़ती इंडस्ट्री का कारण है उसमें जुड़ने वाले कई नए आस्पेक्ट्स जो उसमें होने वाली एक्टिविटीज और क्वालिटी को इम्प्रूव करने में मददगार साबित होती हैं। अब अगर ध्यान दिया जाए कि पहले की मेडिकल फैसिलिटी और आज की मेडिकल फैसिलिटी में क्या अंतर देखने को मिलता है तो आप कहेंगे टेक्नोलॉजी। ऍम आए राईट? टेक्नोलॉजी वाकई हर सेक्टर को ग्रोथ की तरफ लेजाती नज़र आ रही है जिसका असर मेडिकल सेक्टर पर भी देखने को मिल रहा है। 

आज का यह ब्लॉग इसी मैटर से जुड़ा है। मेडिकल और टेक्नोलॉजी के इस मिश्र को देखते हुए कई ऐसे महत्वपूर्ण कोर्सेज देखने को मिले है जिसका आउटपुट काफी बेहतर देखने को मिला है। उनमें से एक है डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग। अब इस कोर्स से जुड़ी इन्डेप्थ नॉलेज के लिए आपको यह ब्लॉग आखिर तक पढ़ना होगा। आइए शुरू करते हैं। 

कोर्स लेवलडिप्लोमा 
फुल फॉर्मडिप्लोमा इन बायोमेडिकल इंजीनियरिंग 
अवधितीन साल 
एग्जामिनेशन टाइपसेमेस्टर 
टॉप रिक्रूटिंग कंपनीज़Max Healthcare, GE Healthcare, Sapthagiri Institute of Medical Science and Research, Medical Centres
जॉब पोज़िशनबायोमेडिकल इंजीनियर, सर्विस इंजीनियर, एसोसिएट फैकल्टी एंड साइंटिफिक सपोर्ट स्पेशलिस्ट आदि। 

डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग क्या है?

डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग एक तीन साल का डिप्लोमा कोर्स है जो बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में आने वाले विभिन्न प्रोग्राम्स में से एक है। यह कोर्स मुख्य रूप से कैंडिडेट्स को मेडिकल टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग टेक्नीक्स के बारे में नॉलेज देने के बारे में है। तीन साल की अवधि वाला यह डिप्लोमा 6 सेमेस्टर्स में बांटा गया है। इस कोर्स में एडमिशन के लिए कैंडिडेट को अपनी दसवीं पास करना आवश्यक है। इसके अलावा आप चाहें तो आप अपनी डिप्लोमा की डिग्री के बाद ग्रेजुएशन, पोस्टग्रेजुएशन, एमफिल और फिर पीएचडी कर सकते हो। बेहतर डिग्री आपको बेहतर विकल्पों के लिए तैयार करने में मददगार साबित होगी। वहीँ अगर आप इस कोर्स के बाद नौकरी करने का विकल्प चुनते हैं तब भी आपके पास कई बेहतरीन ऑप्शंस मौजूद हैं। जिसमें बायोमेडिकल इंजीनियर, सर्विस इंजीनियर, एसोसिएट फैकल्टी ऑफ़ साइंटिफिक सपोर्ट स्पेशलिस्ट आदि प्रोफाइल्स शामिल हैं। 

डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग क्यों करें?

आज के समय में विद्यार्थियों को डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग करने के कई फायदे हैं, जिनमे से मुख्य नीचे दिए गए हैं-

  • यूनिवर्सिटीज़ क्वालिटी एजुकेशन और एक्सीलेंट एजुकेशन पर जोर देती हैं, जिससे प्रैक्टिकल नॉलेज और एक्सपीरियंस में बढ़ोतरी होती है। 
  • आप इस कोर्स को अपनी दसवीं के बाद ही शुरू कर सकते हैं जिसके बाद आपके पास बेहतर डिग्री चुनने के साथ साथ बेहतर नौकरी पाने के चांसेस बढ़ जाते हैं। 
  • डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग एक सैंडविच प्रोग्राम होने के कारण छात्र पढ़ाई के साथ काम भी कर सकते हैं।
  • बायोमेडिकल इंजीनियरिंग मेडिकल प्रॉब्लम्स के लिए इंजीनियरिंग प्रिंसिपल्स और विधियों को लागू करके मानव स्वास्थ्य में सुधार करता है। आपको भी इस क्षेत्र में अधिक महारथ हासिल होगी। 
  • इसके अलावा अगर आप गणित और विज्ञान जैसे विषयों में इंट्रेस्ट रखते हैं और चिकित्सा में रुचि रखते हैं तो आपके लिए यह फील्ड उपयोगी हो सकते है। 

डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग सिलेबस

डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में आने वाले सब्जेक्ट्स आपकी चुनी गई यूनिवर्सिटी और जगह के अनुसार बदल सकते हैं। डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के कुछ कॉमन सब्जेक्ट्स हमने नीचे टेबल में मेंशन किए हैं-

सेमेस्टर 1 सेमेस्टर 2 
इलेक्ट्रॉनिक प्रैक्टिस एंड कंपोनेंट्स इंजीनियरिंग केमिस्ट्री इंजीनियरिंग मैथमेटिक्स इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एंड कंप्यूटर इंजीनियरिंग फिजिक्स ह्यूमन एनाटोमी बेसिक लीनिंग्स फॉर डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स ह्यूमन फिजियोलॉजी 
सेमेस्टर 3 सेमेस्टर 4 
मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स नेटवर्किंग एंड डेटा कम्युनिकेशन मेज़रमेंट टेक्निक्स एंड मेडिकल सेंसर्स बेसिक स्टडी ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स इनफार्मेशन सिस्टम एंड हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट ऑप्टिकल एंड एनालिटिकल इंस्ट्रूमेंटेशन डायग्नोस्टिक्स मेडिकल इंस्ट्रूमेंटेशन असेम्ब्ली लैंग्वेज प्रोग्रामिंग एंड माइक्रोप्रोसेसर 
सेमेस्टर 5 सेमेस्टर 6 
मेडिकल इमेजिंग टेक्नीक्स इंस्ट्रूमेंटेशन फॉर क्रिटिकल केयर एप्लीकेशन ऑफ़ माइक्रोकंट्रोलर इन मेडिकल टेक्नोलॉजी वर्क ऑन प्रोजेक्ट इलेक्टिव वर्क बायोमेडिकल डिजिटल सिगनल प्रोसेसिंग इंजीनियरिंग ऑन रिहैबिलिटेशन वर्क ऑन प्रोजेक्ट 

विदेश में डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग कोर्स के लिए बेस्ट यूनिवर्सिटीज

 विदेश में डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग कोर्स के लिए बेस्ट यूनिवर्सिटीज नीचे दी गई है-

भारत में डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग कोर्स के लिए बेस्ट यूनिवर्सिटीज

भारत में डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग कोर्स के लिए बेस्ट यूनिवर्सिटी के नाम नीचे दिए गए हैं-

  •  AWH पॉलिटेक्निक कॉलेज, केरला 
  • गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक, गुजरात 
  • गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, गुजरात 
  • KMCT पॉलिटेक्निक कॉलेज, केरला 
  • नागाजी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट-NITM, मध्य प्रदेश 
  • AV पारेख टेक्निकल इंस्टिट्यूट, गुजरात 
  • गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक फॉर गर्ल्स, गुजरात 
  • स्टेट बोर्ड ऑफ़ टेक्निकल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग, आंध्र प्रदेश 
  • पारुल यूनिवर्सिटी, गुजरात 

डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के लिए योग्यताएं 

यदि आप डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में डिग्री प्राप्त करने के इच्छुक हैं, तो आपको अपने चुने हुए विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित योग्यताओं को पूरा करना होगा। ये आवश्यकताएं कोर्सेज के स्तर के अनुसार भिन्न होती हैं, जैसे बैचलर, मास्टर या डिप्लोमा। डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग कोर्स के लिए कुछ सामान्य योग्यताएं इस प्रकार हैं:

  • डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन के लिए कैंडिडेट को अपनी दसवीं साइंस और मैथमेटिक्स (मुख्य सब्जेक्ट्स) के साथ एक मान्यता प्राप्त बोर्ड से पास करना आवश्यक है। 
  • बैचलर्स डिग्री और डिप्लोमा प्रोग्राम दोनों के लिए ज़रुरी है कि उम्मीदवारों ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2 में कम से कम 50 % मार्क्स अर्जित किए हों।
  • डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन मेरिट बेसिस पर लिए जाते हैं लेकिन कुछ यूनिवर्सिटीज प्रवेश परीक्षा के आधार पर भी एडमिशन स्वीकार करतीं हैं।
  • विदेश की अधिकतर यूनिवर्सिटीज मास्टर्स कोर्सेज के लिए GRE स्कोर की मांग करते हैं।
  • साथ ही मास्टर्स में एडमिशन के लिए आपकी अंडरग्रेजुएट डिग्री में कम से कम 50 % मार्क्स का होना आवश्यक है। 
  • विदेश की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए IELTS या TOEFL टेस्ट स्कोर, अंग्रेजी प्रोफिशिएंसी के प्रमाण के रूप में ज़रूरी होते हैं।
  • विदेश यूनिवर्सिटीज में पढ़ने के लिए SOP, LOR, सीवी/रिज्यूमे और पोर्टफोलियो भी जमा करने की ज़रूरत होती है।

आवेदन प्रक्रिया 

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। 
  • एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे। 
  • अगला कदम अपने सभी दस्तावेज़ों जैसे SOP, निबंध, सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टैस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है। 
  • यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
  • आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीज़ा और छात्रवृत्ति/छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे । 
  • अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लैटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है। 

भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है:

  • सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  • यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूज़र नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  • फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  • अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  • इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  • यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

आवश्यक दस्तावेज़  

कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ों की लिस्ट नीचे दी गई है–

प्रवेश परीक्षाएं

डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन के लिए दिए जाने वाले एंट्रेंस एग्ज़ाम की लिस्ट नीचे दी गई है-

  • JEECUP 
  • DCECE 
  • AP JEE 
  • Assam PAT  

करियर स्कोप

इस डिप्लोमा की कंप्लीशन के बाद कैंडिडेट्स के बाद कई सारे ऑप्शंस मौजूद होंगे। अगर आप उनमें से हैं जो अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने की इच्छा रखते हैं तो आप बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन, मास्टर्स और पीएचडी भी कर सकते हो। आइए डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के बाद करने और मिलने वाले ऑप्शंस के बारे में विस्तार से जानते हैं-

  • डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग को थ्योरी और प्रैक्टिकल सब्जेक्ट्स में बांटा गया है। इस प्रोग्राम में स्टूडेंट्स को मुख्य रूप से इंस्ट्रूमेंटेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग इन मेडिसिन, मेडिकल सेंसर्स, केमिस्ट्री जैसे सब्जेक्ट्स में ट्रेन किया जाता है। 
  • अगर बात करें डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के बाद पढ़ाई की तो आप अपनी ही फील्ड में ग्रेजुएशन, पोस्टग्रेजुएशन, एमफिल और फिर पीएचडी करने का विकल्प चुन सकते हैं। 
  • कैंडिडेट्स जो डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के बाद नौकरी करने का विकल्प चुनने में दिलचस्पी रखते हैं वह सरकारी और प्राइवेट दोनों की सेक्टर्स में नौकरी हासिल करने में सक्षम होंगे। इन वर्क प्लेसेस में मैक्स हैल्थकेयर, GE हैल्थकेयर, मेडिकल सेंटर्स आदि शामिल हैं। 
  • डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के बाद नौकरी प्रोवाइड करने वाले सेक्टर्स में मुख्य रूप से डेवलपर ऑफ़ बायोमैटेरियल्स, रिहैबिलिटेशन्स इंजीनियर, मैन्युफैक्चरिंग इंजीनियर, मेडिकल टेक्नोलॉजी डेवलपर आदि आते हैं। 
  • इन सभी पोस्ट्स और जॉब प्रोफाइल्स के साथ साथ आप चाहें तो अपनी पढ़ाई पूरी कर लेक्चरर बनने का भी प्लान बना सकते हैं। 

डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के लिए बेस्ट बुक्स 

डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए हमने आपकी सहायता के लिए कुछ किताबों के लिंक ना सहित नीचे टेबल में दिए हैं-

बुक्स लेखक 
Introduction to Biomedical EngineeringMichael M.Domach
Introduction to Biomedical EngineeringJohn Enderle Joseph Bronzino
Biomedical Engineering Bridging Medicine and TechnologyW.Mark Saltzman

जॉब प्रोफाइल एंड सैलरी

डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के बाद मिलने वाले जॉब ऑप्शंस उनकी एवरेज सैलरी के साथ नीचे टेबल में दिए गए हैं। आइए डालते हैं एक नज़र-

जॉब प्रोफाइल्स सालाना औसत सैलरी(INR)
डिज़ाइन इंजीनियर6-8 लाख 
क्वालिटी कंट्रोल इंजीनियर 3-5 लाख 
बॉयोमेडिकल इंजीनियर 3-5 लाख
मार्केटिंग प्रोफेशनल 6-8 लाख
एप्लीकेशन स्पेशलिस्ट 5-7 लाख
रिसर्च इंजीनियर 6-8 लाख

FAQs

बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग कोर्स क्या है?

बायोमेडिकल इंजीनियरिंग (बीएमई) एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें विशेषज्ञ इंजीनियरिंग व लाइफ साइंस के सिद्धांतों को प्रयोग में लाते हैं और मानव व पशुओं के जीवन पर रिसर्च आदि के जरिए कार्य करते हैं। अगर इसके कार्यक्षेत्र को समझा जाए तो यह अपने अंदर कई क्षेत्रों को समाहित किए हुए है।

बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के लिए क्या योग्यता चाहिए?

बायोमेडिकल इंजीनियरिंग (Career in Biomedical Engineering) के लिए यह जरूरी है कि छात्र 12वीं कक्षा में साइंस स्ट्रीम से पास किए हों और 50 फीसदी नंबर आए हों।  पीसीएम (फिजिक्स, कैमेस्ट्री, मैथ्स) और पीसीबी (फिजिक्स, कैमेस्ट्री, बायोलॉजी) के छात्र इस कोर्स में दाखिला ले सकते हैं।

बायोमेडिकल इंजीनियर का काम क्या होता है?

बायोमेडिकल इंजीनियर (Biomedical Engineer) का मुख्य कार्य मेडिकल संबंधी उपकरणों की देखभाल करना होता है, ताकि मरीजों के इलाज के समय उपकरणों में किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो।

हम आशा करते हैं कि अब आप जान गए होंगे कि डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग कैसे करें? अगर आप डिप्लोमा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग कोर्स करना चाहते हैं और साथ ही एक उचित मार्गदर्शन चाहते हैं तो आज ही 1800572000 पर कॉल करके हमारे Leverage Edu के एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक कीजिए। 

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