UPSC एग्जाम 2023 के लिए सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty) टॉपिक पर महत्वपूर्ण नोट्स

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UPSC exam 2023 ke liye sindhu jal samjhauta (Indus water treaty ) topic par mahatvapurn notes

प्रमुख सुर्खियां 

  • भारत ने चिनाब नदी पर बने हाइड्रो पॉवर प्लांट के सम्बन्ध में पकिस्तान से चल रहे विवाद को हल करने के लिए इंडस वॉटर ट्रीटी में संशोधन किए जाने के संबंध में पाकिस्तान को नोटिस दिया है।  
  • इस नोटिस का उद्देश्य सिंधु जल संधि सिंधु अल संधि के अनुच्छेद IX द्वारा उतपन्न विवाद का निपटारा करना है।  

सिंधु जल संधि से सम्बंधित महत्वपूर्ण बिंदु 

  • भारत और पाकिस्तान द्वारा सन 1960 में सिंधु जल समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।  
  • इस समझौते पर विश्वबैंक ने भी हस्ताक्षर किए हैं।  
  • यह संधि सिंधु नदी और इसकी पांच सहायक नदियों : सतलज, व्यास, रावी, झेलम और चिनाब के पानी के उपयोग को लेकर दोनों देशों के बीच हुआ है।  
  • इसके अनुसार तीन पश्चिमी नदियों : सिंधु, चेनाब और झेलम का पानी इस्तेमाल करने के लिए पकिस्तान को अनुमति प्रदान की गई, जबकि भारत को तीन पूर्वी नदियां : रावी, व्यास और सतलज का पानी उपयोग करने के लिए आवंटित किया गया।  
  • मोटे तौर पर इन नदियों का 80% पानी पाकिस्तान के पास चला गया और भारत के पास केवल 20% पानी ही उपयोग के लिए रह गया।  

सिंधु जल विवाद सुलझाने के लिए स्थाई सिंधु आयोग का गठन 

  • इसके लिए दोनों देशों के स्थाई आयुक्तों के द्वारा स्थाई आयोग का गठन किया गया। 
  • सिंधु जल संधि के अनुसार भारत और पाकिस्तान वर्ष में कम से कम एक बार बैठक ज़रूर करते हैं।  
  • आयोग का काम सिंधु जल संधि से जुड़े किसी भी तकनिकी विवाद को सुलझाना है।  
  • सिंधु जल संधि के अंतर्गत किसी भी पेचीदा मामले के निपटारे के लिए आयोग विश्व बैंक से तटस्थ विशेषज्ञ की नियुक्ति करने के लिए कह सकता है।  
  • यदि दोनों में से कोई भी पक्ष तटस्थ विशेषज्ञ निर्णय से संतुष्ट नहीं होता है तो ऐसी स्थिति में इस मामले को मध्यस्थता न्यायालय भेजा जा सकता है।  

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