प्रमुख सुर्खियां
- 2008 में मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला डाला था। इसके बाद उस समय की मनमोहन सरकार ने भविष्य में ऐसे किसी हमले से देश को बचाने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) का गठन किया।
- NIA सीधे गृहमंत्री को रिपोर्ट करती है।
- दिसंबर 2008 में पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने NIA से सम्बंधित विधेयक पास किया था।
- इसका आधिकारिक गठन 31 दिसंबर 2008 को हुआ और इसने अपना कार्यकाल 2009 से शुरू किया।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अधिकार क्षेत्र
- यह देश के नागरिकों के साथ साथ विदेशी नागरिकों की भी जांच कर सकती है।
- वे लोग जो देश के बाहर रहकर किसी भारतीय नागरिक या भारत के खिलाफ साजिश करते हैं। उनके खिलाफ NIA जांच करती है।
- भारत में रजिस्टर जहाज़ों पर तैनात व्यक्तियों पर भी NIA जांच कर सकती है।
- वे भारतीय नागरिक जो भारत के बाहर रहकर देश के खिलाफ काम करते हैं, NIA उनकी जांच करती है।
अपराध जिन पर NIA कर सकती है जांच
- विस्फोट पदार्थ रखने पर
- गैर कानूनी गतिविधियां करने पर
- अपहरण
- आतंकवाद
- सूचना प्रौद्योगिकी से सम्बंधित अपराध
NIA की जांच प्रणाली
- अधिनियम की धारा 6 के अनुसार राज्य सरकारें किसी NIA के अधिकार क्षेत्र में आने वाले किसी भी मामले के सम्बन्ध में जांच कराने हेतु NIA से हस्तक्षेप करने के लिए कह सकती है।
- उपलब्ध विवरण की जांच करने के बाद केंद्र सरकार NIA को वह मामला सौंप सकती है।
NIA की विशेष अदालत
अनुसूचित मामलों की सुनवाई के लिए NIA के द्वारा एक विशेष अदालत का गठन किया जाता है। यह NIA अधिनयम 2008 की धारा 11 और 22 के अंतर्गत गठित की जाती है।
NIA की विशेष अदालत की अध्यक्षता एक जज के द्वारा की जाती है जिसे मुख्य न्यायाधीश की सिफारिश पर केंद्र सरकार के द्वारा नियुक्त किया जाता है।
आवश्यक पाए जाने पर केंद्र सरकार NIA अदालत के लिए एक से अधिक जज भी नियुक्त कर सकती है।
विशेष अदालत के अधिकार और शक्तियां
न्यायालयों को प्राप्त सभी अधिकार NIA अदालत को भी प्राप्त हैं।
सर्वोच्च न्यायालय लंबित पड़े किसी मामले पर त्वरित सुनवाई के लिए NIA अदालत को सौंप सकती है।
इसी प्रकार राज्य के उच्च न्यायालय भी किसी लंबित पड़े मामले पर त्वरित सुनवाई हेतु NIA को हस्तांतरित कर सकता है।
NIA अधिनियम में हुए संशोधन
- NIA अधिनियम में 2019 में निम्नलिखित संशोधन किए गए हैं :
- भारत के बाहर होने वाले अपराधों में भी हस्तक्षेप करने का भी अधिकार दिया गया।
- NIA को मानव तस्करी की जांच करेने की भी अनुमति दी गई।
- जाली नोट के मामलों की जांच का अधिकार दिया गया।
- प्रतिबंधित हथियारों के मामलों की जांच करने की अनुमति दी गई।
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