ओपन-सोर्स सीड्स मूवमेंट एक ऐसा विषय है, जिस पर UPSC की प्रीलिम्स और मेंस दोनों परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते हैं। इस एग्जाम अपडेट के माध्यम से आपको ओपन-सोर्स सीड्स मूवमेंट पर इम्पोर्टेन्ट नोट्स के बारे में जानने को मिलेगा।
ओपन-सोर्स सीड्स मूवमेंट किसे कहते हैं?
ओपन-सोर्स सीड्स मूवमेंट, ओपन-सोर्स सीड्स मॉडल पर आधारित एक ऐसी मूवमेंट है जिसका उद्देश्य पेड़-पौधों की विभिन्न प्रकार की किस्मों को पेटेंट से मुक्त बनाये रखना होता है। यूँ तो कई देशों में किसानों के लिए बीजों को बचाना या बाँटना अवैध माना जाता है, पर हाल ही में भारत, कनाडा और यूरोपीय संघ आदि देशों में बीज बचाने की गतिविधयों और अदला-बदली को अवैध बनाने के लिए कानून बनाया गया है।
ओपन-सोर्स सीड्स मूवमेंट का इतिहास
जैसे-जैसे बीजों की अदला-बदली आदि के माध्यम से कॉर्पोरेट बीज कंपनियों का इस क्षेत्र में एकाधिकार बढ़ने लगा, वैसे वैसे सार्वजानिक क्षेत्रों में बीजों के प्रजनन में गिरावट आने लगी। इस गिरावट से बचने के लिए ओपन-सोर्स सीड्स मूवमेंट को चलाया गया। निम्नलिखित बिंदुओं से आप इसकी जानकारी ले सकते हैं-
- ओपन-सोर्स सीड्स मूवमेंट में ओपन-सोर्स सीड्स मॉडल का विचार लिनक्स जैसे प्रसिद्ध ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर में देखा जा सकता है।
- T.E माइकल ने वर्ष 1999 में ओपन-सोर्स सीड्स मूवमेंट का सुझाव दिया था। जिसके अनुसार उनका कहना था कि पेड़-पौधों का निजीकरण या इन्हें प्रतिबंधिंत नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह सामूहिक संसाधन हैं।
- ओपन-सोर्स सीड्स मूवमेंट का ही एक हिस्सा ओपन-सोर्स सीड्स इनिशिएटिव है जो कि एक सोशल मूवमेंट है।
- इस सोशल मूवमेंट के अनुसार कोई भी व्यक्ति बीजों को न तो पेटेंट करा सकता है और न ही कोई इन्हें प्रतिबंधित कर सकता है।
- भारतीय बौद्धिक संपदा अधिनियम के तहत कोई भी व्यक्ति बीजों का पेटेंट नहीं करा सकता है।
पेटेंट किसे कहते हैं?
यह एक प्रकार के विशेष अधिकार के बारें में बताता है जो किसी भी नए अविष्कार, उत्पाद या किसी प्रक्रिया के लिए दिया जाता है। इसके तहत आप अपने विचारों, उत्पादों या अविष्कारों पर अपना एकाधिकार करवा सकते हैं।
भारत में पेटेंट की व्यवस्था को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा देखा जाता है, जिसमें कि भारतीय पेटेंट अधिनियम 1970 के तहत कार्य किए जाते हैं।
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