इस 26 जनवरी को भारत अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस दिन को भारत में संविधान लागू किया गया था। इस दिन भारत में अंग्रेजों के द्वारा बनाए गए क़ानून की समाप्ति हुई थी और भारत के लोग एक नए संविधान के तहत अपने देश को चलाने के लिए आत्मनिर्भर बने थे। इस दिन राष्ट्रपति कर्तव्यपथ पर झंडा फहराते हैं। अक्सर छात्र इस बात के बारे में ज़रूर सोचते होंगे कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने में क्या अंतर है? यहाँ इस बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।
स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में झंडा फहराने में अंतर
यहाँ स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में झंडा फहराने के बीच अंतर के बारे में बताया जा रहा है :
- 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री झंडा फहराते हैं जबकि 26 जनवरी के दिन राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं।
- 15 अगस्त को लाल किले पर झंडा फहराया जाता है जबकि 26 जनवरी को कर्तव्यपथ पर झंडा फहराया जाता है।
- 26 जनवरी मौके पर झंडे को ऊपर से खोलकर फहराया जाता है जबकि 15 अगस्त के अवसर पर झंडे को रस्सी से खींचकर ऊपर ले जाया जाता है और तब इसे फहराया जाता इस प्रक्रिया को ध्वजारोहण कहा जाता है।
तिरंगे से जुड़े रोचक तथ्य
यहाँ तिरंगे से जुड़े रोचक तथ्य दिए जा रहे हैं :
- भारत का तिरंगा झंडा पिंगली वेंकैया द्वारा डिज़ाइन किया गया था।
- भारत में पहली बार भारतीय राष्ट्रीय ध्वज 7 अगस्त, 1906 कोलकाता के पारसी बागान स्क्वायर (ग्रीन पार्क) में फहराया गया था।
- वर्ष 1931 में, तिरंगे झंडे को हमारे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाने के लिए एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया गया था। इस पर महात्मा गांधी का चरखा बना हुआ था।
- भारत के तिरंगे में तीन रंग हैं। इन तीनों रंगों का अलग अलग अर्थ है। भगवा रंग – साहस और बलिदान, सफेद – सत्य, शांति और पवित्रता का और हरा रंग-समृद्धि का सूचक है।
- राष्ट्र्रीय ध्वज में बना अशोक चक्र कर्तव्य का प्रतीक है।
- राष्ट्रीय ध्वज में बने अशोक चक्र में 24 तीलियाँ हैं।
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उम्मीद है, अब आप जीके में आने वाले इस सवाल जो है कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में झंडा फहराने में क्या अंतर है? का जवाब जान गए हैं। इसी तरह के जीके और ट्रेंडिंग इवेंट्स से संबंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।