विविध परंपराओं, संस्कृतियों और धर्मों से भरा देश भारत, त्योहारों की भूमि है। यहाँ सभी जाती और धर्म के लोग मिल जुलकर रहते है जिसके कारण यहाँ साल भर बहुत सारे त्योहार मनाए जाते हैं। कुछ प्रमुख त्योहारों में दिवाली, होली, ईद, क्रिसमस, नवरात्रि आदि शामिल हैं। इन्ही में से एक है लोहड़ी का त्यौहार जो पूरे देश में भिन्न-भिन्न मान्यताओं के साथ बड़ी ही श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। ऐसे में कई बार विद्यालयों में Paragraph on Lohri in Hindi के बारे में लिखने के लिए दिया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आपको बताएंगे कि Paragraph on Lohri in Hindi कैसे लिखे। इसके साथ ही लोहड़ी पर्व के इतिहास और महत्व के बारे में भी बताएंगे। तो आईये जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
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लोहड़ी पर्व क्या है?
“लोहड़ी” का त्योहार देशभर में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह उत्तर भारत का, खासतौर से पंजाब और हरियाणा का सबसे लोकप्रिय त्यौहार है जो हर साल मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है। यह पर्व फसल और मौसम से जुड़ा हुआ है। दरअसल, यह त्योहार फसल पकने और अच्छी खेती का प्रतीक माना जाता है जिसमें लोग एक जगह इकठ्ठा होकर अग्नि देव को तिल, गुड़ से बनी चीजें चढ़ाते करते हैं और अच्छी फसल की प्रार्थना करते हैं। लोग मान्यताओं के अनुसार आग की लपटें जितनी ऊंची होती उतनी जल्दी लोगों की प्रार्थना सूर्यदेव तक पहुँचाती है।
लोहड़ी पर्व का इतिहास और महत्व
लोहड़ी पर्व का इतिहास भी इस त्यौहार जितना ही दिलचस्प है। इस पर्व पर कई कथाएं प्रचलित है। एक मान्यता के अनुसार, यह त्योहार आग राजा दक्ष की पुत्री सती माता सती के आत्म-दाह के बाद मनाया जाने लगा है। कुछ इतिहासकारों के अनुसार आग जलने को लेकर यह मान्यता है कि यह आग माता सती की याद में जलाई जाती है। वहीं कुछ अन्य मान्यताएं यह भी है कि यह त्योहार दुल्ला भट्टी से भी जुड़ा हुआ है। आईये जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
क्या है दुल्ला भट्टी की कहानी
मुगल शासक अकबर के समय में दुल्ला भट्टी नामक एक नामी लुटेरा था जो पंजाब प्रान्त में रहता था। एक बार उसे खबर मिली कि संदलबार (वर्तमान पाकिस्तान) में लड़कियों की बाजारी हो रही है। उस समय सुंदरी और मुंदरी नाम की दो अनाथ लड़कियाँ थी जिन्हें जमींदार अगवा कर ले गए थे। ऐसे में दुल्ला भट्टी ने अपना साहस दिखाया उन लड़कियों को अमीर सौदागर से बचाया और एक अच्छे लड़के की तलाश कर उन दोनों लड़किओं का विवाह करवाया। दुल्ला भट्टी के इसी साहस के कारण वह पंजाब में खूब प्रसिद्ध होगया और उसे लुटेरे से नायक के रूप में जाना जाने लगेगा। यही कारण है कि लोहड़ी वाले दिन इस लोग इक्कठा होकर साहसी नायक को याद कर उसकी कहानी सुनते हैं।
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लोहड़ी पर्व क्यों मनाया जाता है?
Paragraph on Lohri in Hindi के इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि यह पर्व क्यों मनाया जाता है? तो आईये आपको बता दें कि पारंपरिक तौर पर इस अवसर पर नई फसल की बुआई और पुरानी फसल की कटाई होती है। वहीं इस दिन लोग अग्नि देव की भी पूजा करते हैं और उन्हें रवि की फसल जैसे मूंगफली, गुड़, तिल आदि चीजें अर्पित करते हैं। इसके साथ ही अच्छी फसल की कामना करते हुए उनका आभार व्यक्त करते हैं।
कैसे मनाया जाता है लोहड़ी का त्योहार?
लोहड़ी पर्व के शुभ अवसर पर शाम के समय सब लोग तैयार होकर एक जगह इकट्ठा होते हैं और फिर लकड़ियों की ढेरी बनाकर पारंपरिक तौर से आग लगाते हैं। इसके बाद लोहड़ी पूजन करते हैं और चारों ओर चक्कर काटते हैं और इसी दौरान नाचते-गाते हुए उसमें मूंगफली, गजक, पॉपकॉर्न आदि की आहुति देते हैं। यह एक खुशी का उत्सव है। जहाँ सब लोग एक साथ मिलकर नए साल का स्वागत करते हैं।
लोहड़ी पर 10 लाइनें
यहाँ कुछ लाइनें दी गई हैं जिन्हें आप अपने पैराग्राफ में शामिल कर सकते हैं:
- मुख्य रूप से लोहड़ी का त्यौहार पंजाब का सबसे लोकप्रिय त्यौहार है। यह त्योहार पंजाबी धर्म के लोग प्रत्येक वर्ष सर्दियों के मौसम में बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं।
- पंजाब राज्य के अलावा भारत के अन्य राज्यों में भी इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
- इस शुभ दिन पर लोग मक्के की रोटी और सरसों का साग बनाकर खाते हैं। यह इस त्यौहार का पारंपरिक व्यंजन है। इसके अलावा गजक, मूंगफली, रेवड़ी आदि खाकर भी इस त्यौहार का आनंद लिया जाता है।
- ऐसी मान्यता है कि इस पावन पर्व का नाम लोई के नाम से पड़ा है क्योंकि यह नाम महान संत कबीर दास की पत्नी जी का था।
- यह त्योहार हर साल पौष माह के अंतिम तिथि को मनाया जाता है।
- इस त्योहार को नए साल की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।
- मुख्य रूप से इस त्योहार को गन्ने की फसल की कटाई के उपलक्ष में भी मनाया जाता है।
- यह त्योहार नवविवाहित जोड़ों के लिए एक शुभ अवसर माना जाता है। इस दिन वह पवित्र अग्नि के सात फेरे लेकर बड़ों से आशीर्वाद लेते हैं।
- ऐसा भी माना जाता है कि आग की लपटें जितनी ऊँची होती हैं उतना ही अच्छा आशीर्वाद मिलता है।
- इस दिन किसान अपनी नई फसल को अग्नि को समर्पित कर आभार व्यक्त करते हैं।
FAQs
ऐसा माना जाता है कि लोहड़ी का त्योहार फसल पकने और अच्छी खेती के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। इस दिन लोग सूर्य के प्रकाश व अन्य प्राकृतिक तत्वों से तैयार हुई फसल के उल्लास में लोग एकजुट होकर यह पर्व मनाते हैं।
लोहड़ी के दिन भगवान श्रीकृष्ण, मां आदिशक्ति और अग्निदेव की विशेष रूप से पूजा की जाती है।
लोहड़ी के शुभ अवसर पर लोग एक-दूसरे को मिठाइयां देकर लोहड़ी की शुभकामनाएं देते हैं। यह पर्व नए फसल के तैयार होने की खुशी में मनाया जाता है।
उम्मीद है कि इस ब्लाॅग में आपको Paragraph on Lohri in Hindi के बारे में विस्तृत जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।