Essay on Lion in Hindi | जानिये 100, 200 और 500 शब्दों में कैसे लिखें शेर पर निबंध

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Essay on Lion in Hindi

जंगल का राजा कहे जाने के साथ-साथ शेर दुनिया का सबसे खतरनाक जानवर भी कहा जाता है। उसे जंगल का सबसे अच्छा शिकारी माना जाता है। शेर को जैविक नाम “पैंथेरा लियो” के नाम से भी पुकारते हैं, क्योंकि वह बहुत बड़ा और शक्तिशाली है। कई बार स्कूलों में या किसी प्रतियोगी परीक्षा में स्टूडेंट्स से शेर पर निबंध पूछ लिया जाता है और हम उसे अच्छे से व्यक्त नहीं कर पाते हैं, इसको देखते हुए आज हम इस ब्लाॅग में Essay on Lion in Hindi (शेर पर निबंध) लिखने के बारे में जानेंगे। 

शेर के बारे में हिंदी में

शेर एक जंगली जानवर है और जंगल उसका प्राकृतिक आवास है। इसे हम “जंगल का राजा” भी कहते हैं। शेर अपनी दहाड़ और शिकार करने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध है। यह ‘गौरव’ में रहता है। शेर, पैंथेरा, बाघ, हिम तेंदुआ, जगुआर और तेंदुए के अलावा पांच जानवर हैं।

Essay on Lion in Hindi

शेर पर निबंध 100 शब्दों में

100 शब्दों में Essay on Lion in Hindi इस प्रकार लिखा जा सकता हैः

बिल्ली की सभी प्रजातियों में से केवल शेर ही सामाजिक रूप से सक्रिय हैं। शेर जो शिकार करने में सबसे शक्तिशाली होता है। उसका शरीर छोटे भूरे बालों से ढका हुआ, जो उसे एक अच्छा दिखने वाला लुक देता है। एक शावक के शरीर पर काले धब्बे होते हैं जो उम्र के साथ धीरे-धीरे ख़त्म हो जाते हैं। शेर और मादा शेरनी का वजन औसतन लगभग 130 किलोग्राम और 190 किलोग्राम होता है। 

दुनिया भर में शेर की लगभग 10 प्रजातियाँ हैं। दक्षिण अफ़्रीकी शेर सबसे बड़े हैं और ट्रांसवाल शेर दूसरे सबसे बड़े होते हैं। शेर एक समय यूरेशिया, अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका में पाए जाते थे। मादा शेर को “शेरनी” और शेर की संतान को “शावक” कहा जाता है। शेर हमेशा समूह में रहते हैं.शेर दिन में बारह से चौदह घंटे सोते हैं और रात में शिकार करने जाते हैं। शेरों की नज़र बहुत तेज़ होती है और इसलिए वे बेहतरीन शिकारी होते हैं। शेरों की तेज़ दहाड़ 8 किलोमीटर दूर से सुनी जा सकती थी।

शेर पर निबंध 200 शब्दों में

200 शब्दों में Essay on Lion in Hindi इस तरह लिख सकते हैंः

दक्षिणी अफ्रीका में लेपित शेर कभी-कभी देखे जाते हैं, लेकिन ये सच्चे अल्बिनो नहीं हैं। आम अल्बिनो में हल्के भूरे या गहरे भूरे रंग का सादा कोट होता है, जिसमें कोई दाग या निशान नहीं होता है। शेर, पैंथर, जगुआर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ और बाघ एक ही परिवार के हैं। अत्यधिक शिकार के कारण शेर अब लुप्तप्राय जानवरों में से हैं।

शेर की कुछ प्रजातियाँ रेड लिस्ट में क्यों हैं?

पुराने ज़माने में लोग शिकार के लिए जाते थे और शेर का शिकार करना गर्व की बात मानी जाती थी। तो, यह एक प्रमुख कारण है। तब हम इसे गैरकानूनी नहीं मानते थे। आज देखा जाए तो अत्यधिक जनसंख्या बढ़ रही है और लोगों का विस्तार हो रहा है, परिणामस्वरूप नए उद्योग और आवासीय क्षेत्र भी अत्यधिक मात्रा में बन रहे हैं, और जंगल नष्ट हो रहे हैं। शेरों और बाघों का अवैध रूप से शिकार किया जाना भी उनकी संख्या पर असर डालता है।

शेर पर निबंध

शेर पर निबंध 500 शब्दों में

500 शब्दों में Essay on Lion in Hindi इस प्रकार लिख सकते हैंः

हमारे देश में कभी बड़ी संख्या में शेरों की एक बहुत बड़ी तादात होती थी, चलिए जानते हैं Essay on Lion in Hindi से इनके बारे में विस्तार से-

(प्रस्तावना) शेर की उत्पत्ति कैसे हुई?

आधुनिक शेरों का विकास दो समूहों में हुआ, जिसमे से इनका एक समूह पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका और दूसरा समूह पश्चिमी अफ्रीका और भारत में चला गया। कहा जाता है की दूसरे समूह के शेर अब लुप्तप्राय होने की कगार में हैं। म्यूज़ियम में मौजूद नमूनों के जेनेटिक विश्लेषण और जीवित शेरों से पता चलता लगया गया है, कि आधुनिक शेरों के सबसे क़रीबी पूर्वज 1,24,000 वर्ष पूर्व तक जीवित रहे थे। शोधकर्ता के अनुसार पश्चिमी और मध्य अफ़्रीका के शेरों को लेकर सबसे ज़्यादा चिंता जताते हैं, वो कहते हैं की जो कि लुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके हैं। जिनमें से सिर्फ क्रमशः 400 से 800 और 900 शेर बचे हुए हैं।

अशोक चिह्न 

26 जनवरी 1950 में भारत सरकार द्वारा इसे राष्‍ट्र के प्रतीक के रूप में अपनाया गया था. सारनाथ में मिली अशोक लाट से अशोक चिह्न जोकि भारत का राजकीय प्रतीक को लिया गया है। सामान्य रूप में इसमें चार शेर होते हैं, जिनका मुख चारों दिशाओं की ओर होता है। 

आपको बता दें की इस चिन्ह में नीचे की तरफ एक गोल आधार है जिस पर हाथी, घोड़ा, एक सांड़ और एक सिंह बने हैं जोकि एक दौड़ती हुई मुद्रा में हैं और खिले हुए उल्टे लटके कमल के रूप में भी बना हुआ है। इस प्रतीक में नीचे की तरफ सत्यमेव जयते देवनागरी लिपि में है। शब्‍द सत्‍यमेव जयते शब्द मुंडकोपनिषद से लिए गए हैं, जिसका अर्थ है केवल सच्‍चाई की विजय होती है।

येरुशलाम का प्रतीक है 

शेर जोकि येरुशलाम का प्रतीक है पश्चिमी दीवार के सामने एक खडा हुआ सिंह जो जैतून की टहनियों पर लटक रहा है चित्र में दर्शाया गया है। सिंह यहूदा के गोत्रा में बाइबिल का प्रतीक माना जाता है और बाद में यहूदा साम्राज्य का प्रतीक भी है। यह  बुक ऑफ़ जिनेसिस, ” Judah is a lion’s whelp; on prey, my son have you grown.में दिया गया है। यह चिन्ह शहर के झंडे और हथियारों के कवर पर रहता है। 

हिंदू धर्म के पौराणिक कथाओं में भी है सिंह का वर्णन 

हिंदू धर्म के पौराणिक कथा में आप ने सुना होगा नरसिंह अवतार के बारे में। नरसिंह यानी आधा मनुष्य और एक आधा सिंह, जिसमें आधा शरीर मनुष्य विष्णु का अवतार है. ये पाठ भक्त प्रहलाद से जुड़ा हुआ है, जिसमें अपने भक्त की जान उसके पिता से बचाई जो बुरा राजा हिरण्यकश्यप था. भगवान विष्णु, नरसिंह रूप में, आधे मनुष्य और आधे सिंह का रूप लेते हैं, जिसमें नीचला शरीर और धड मनुष्य का और सिंह का चेहरा और पंजे हैं। हमारे हिन्दू धर्म में नरसिंह सिंह की पूजा “सिंह भगवान” के रूप में की जाती है। सिंह एक प्राचीन भारतीय वैदिक नाम है जिसका अर्थ “सिंह” है (एशियाई सिंह), जो प्राचीन भारत के लिए 2000 सालों से अधिक पुराना है। 

श्रीलंका का राष्ट्रीय प्रतीक

श्रीलंका दक्षिण एशिया में हिन्द महासागर के उत्तरी भाग में स्थित एक द्वीपीय देश है। जहां पर यह जातीय बहुमत है, यह शब्द भारतीय-आर्यन सिन्हाला से व्युत्पन्न हुई है, जिसका अर्थ है “सिंह लोग” या “सिंह के खून से युक्त लोग” सोने का शेर अपने दाहिने अग्रभाग में तलवार लिए हुए श्रीलंका का राष्ट्रीय प्रतीक है। इसे सिंह ध्वज भी कहा जाता है। देखा जाये तो प्राचीन काल से ही श्रीलंका पर शाही सिंहल वंश का शासन रहा है। 

बाघ से पहले शेर था राष्ट्रीय पशु

हम सबको यह सुनकर आश्चर्य होगा की भारत का राष्ट्रिय पशु बाघ से पहले शेर था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वन्यजीव बॉर्ड द्वारा 9 जुलाई, 1969 में शेर को राष्ट्रीय पशु का दर्जा दिया था। जिसके बाद सन 1973 में शेर के स्थान पर बाघ को राष्ट्रीय पशु घोषित कर दिया गया था। ऐसा क्या हुआ जो बाघ बन गया राष्ट्रीय पशु, दरसअल एक समय था जब बड़ी संख्या में बाघ पाए जाते थे, लेकिन धीरे -धीरे इनकी प्रजातियां खत्म होने लगी, जिसे देखते हुए बाघ को लुप्त होने से बचने के लिए उसे राष्ट्रीय पशु का दर्जा दिया गया। वहीं वर्ष 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। कहा जाता है की बिल्‍ली की करीब 36 से ज्‍यादा प्रजाति होती हैं। इनमें सबसे बडी बिल्‍ली टाइगर है। और वो अपने खास गुणों के चलते जंगल के बादशाह कहलाते हैं।

उपसंहार

शेर हमारे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है – साहस, शक्ति, और स्वतंत्रता की प्रतीक। हमें इन महान जीवों के संरक्षण का प्रतिबद्ध रहना चाहिए ताकि हमारे आने वाले पीढ़ियों को भी इनका सौभाग्य मिल सके।

Essay on Lion in Hindi

शेर इन देशों का है राष्ट्रीय पशु

हर राष्ट्रीय का अपना एक राष्ट्रीय पशु, पक्षी और पुष्प आदि होते हैं, पर शेर किस-किस देश का राष्ट्रीय पशु है आज हम जानेंगे। 

  • ग्रेट ब्रिटेन
  • डेनमार्क
  • नीदरलैंड
  • नार्वे बलगारिया
  • बेल्जियम
  • श्रीलंका 
  • सिंगापुर
  • स्कॉटलैंड आदि। 

FAQs 

शेर किसका प्रतीक है?

शेर ऐश्वर्य, साहस, शक्ति, सुरक्षा, परिवार, ज्ञान और स्नेह का प्रतिनिधित्व करते हैं। 

शेर की 5 विशेषताएं क्या हैं?

शेर को सदैव शक्ति, वीरता, साहस, ताकत, निर्भयता और क्रूरता का प्रतीक माना गया है।

बाघ को राष्ट्रीय पशु कब घोषित किया गया?

नेशनल वाइल्डलाइफ बोर्ड ने 1972 में। 

शेर किन-किन देशों का राष्ट्रीय पशु है? 

शेर यह यह ग्रेट ब्रिटेन, डेनमार्क ,नीदरलैंड, नार्वे बलगारिया, बेल्जियम ,श्रीलंका ,सिंगापुर, स्कॉटलैंड का राष्ट्रीय पशु है।

यह था शेर पर निबंध Essay on Lion in Hindi पर हमारा ब्लॉग। इसी तरह के अन्य निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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