Aatankwad par Nibandh : स्टूडेंट्स के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में आतंकवाद पर निबंध

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Aatankwad par Nibandh

दुनियाभर के कई देश आतंकवादी घटनाओं से प्रभावित हैं। पिछले कुछ सालों में विश्व के कई विभिन्न देशों पर आतंकवादी हमले हुए हैं। भारत की सीमा पर आतंकवाद के कई घाव हैं। देश ने कई आतंकवादी हमलों का सामना किया है और अब हम इसे पूरी तरह से खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। आतंकवादी अपने मकसद को साबित करने के लिए धर्म और विचारधारा का सहारा लेते हैं, उनका मानना है कि उनका संघर्ष जिहाद है। यदि वह मर जाता है, तो वह स्वर्ग जाएगा और अपना जीवन बचाएगा, वह अपने उद्देश्य को प्राप्त करेगा। दुनिया के कुछ हिस्से आज़ादी की लड़ाई लड़ने की बात करते हैं। इसलिए आज हम स्टूडेंट्स के लिए लेकर आए हैं Aatankwad par Nibandh 100, 200 और 500 शब्दों में। 

Aatankwad par Nibandh (100 शब्दों में)

100 शब्दों में Aatankwad par Nibandh कुछ इस प्रकार है –

आतंकवाद एक वैश्विक घटना है जिसके कारण दुनिया भर के देश प्रभावित होते हैं, जिसके कारण निर्दोष लोगों और देशों की अर्थव्यवस्था व अन्य चीजों को नुकसान पहुंचाया है। आतंकवाद की जटिलता के कारण इसमें धार्मिक अतिवाद, राजनीतिक उत्पीड़न और आर्थिक असमानता शामिल हो सकते हैं।

आतंकवादी का ग्रुप अपने लक्ष्यों को पाने के लिए बमबारी, अपहरण सहित कई तरह की दुस्ट कामों का उपयोग करते हैं। वे कई बार भीड़-भाड़ वाली सार्वजनिक जगहों पर नागरिकों को भी निशाना बनाते हैं। समाज पर आतंकवाद का प्रभाव विनाशकारी है, जिससे जीवन की हानि, चोट और मनोवैज्ञानिक आघात होता है। 

Aatankwad par Nibandh (200 शब्दों में)

200 शब्दों में Aatankwad par Nibandh कुछ इस प्रकार है –

आतंकवादी से देश का बहुत नुकसान होता है, ये न सिर्फ देश में एक बीमारी की तरह फैल रहा है, बल्कि ये छोटे-छोटे बच्चों और युवाओं को इसका शिकार बनाता है। इसे जड़ से खत्म करना आज के समय की मांग है। 

दुनियाभर में आतंकवादी घटनाओं में लाखों की संख्या में लोग मारे गए हैं, जबकि करोड़ों लोग बेघर भी हो गए हैं। भारत में मुंबई, संसद, अक्षरधाम आतंकी हमले हुए। इन हमलों में कई लोग मारे गए और हमें भारी नुकसान उठाना पड़ा। इन हमलों ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था, यहीं नहीं आज भी ज़रा सी सनका होने पर लोगों के अंदर डर का मौहोल पैदा हो जाता है। 

कई देश ऐसे भी हैं जो आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देते है। देखा जाए तो आतंकवाद एक बहुत बड़ी समस्या है, इसे समाप्त करने के लिए दुनियाभर के देशों को एक साथ होना होगा। जो देश आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं, उन पर  प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए और आवश्यकता पड़ने पर कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है, उसके लिए किसी के प्रति हमदर्दी जैसा कुछ नहीं होता। आतंकवाद हमारे लिए एक कलंक के समान है। 

Aatankwad par Nibandh (500 शब्दों में)

500 शब्दों में Aatankwad par Nibandh कुछ इस प्रकार है –

आतंकवाद एक ऐसा समस्या है जिसने पूरे विश्व को अपने प्रभाव में डाल दिया है। यह एक ऐसा अपराध है जिसमें अनियमितता, हिंसा, और भयानक घातकता शामिल होती है। आतंकवाद के कारण लोगों की जिन्दगी पर सवाल उठते हैं और समाज में असुरक्षा की भावना फैलती है। इस निबंध में हम आतंकवाद के मतलब, कारण, प्रभाव, और इसे रोकने के उपायों पर चर्चा करेंगे।

आतंकवाद का मतलब

आतंकवाद एक रूपी अपराध है जिसमें संगठित या असंगठित गुट्ठे के सदस्य अत्याचारिक हिंसा का आचरण करते हैं ताकि वे अपने राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक, या आत्मघातक उद्देश्यों को पूरा कर सकें। इसका मुख्य उद्देश्य डर और संकट का बोझ बढ़ाना होता है ताकि समाज और सरकार पर प्रभाव डाला जा सके।

भारत आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए क्या- क्या कर रहा है?

आतंकवादी हमला 26/11, आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के लिए NIA 31 दिसंबर, 2008 को अस्तित्व में आई और वर्ष 2009 में इसने अपना कार्य शुरू किया। अब तक NIA ने 447 मामले दर्ज किये जा चुके हैं। गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन अधिनियम प्राथमिक आतंकवाद विरोधी कानून भारत में है। वहीं नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (NATGRID) की स्थापना सुरक्षा से संबंधित जानकारी इकट्ठा करने के लिए की गई है।

आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए इंटरनेशनल पहल

  1. संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद-निरोध कार्यालय (UNOCT)
  2. ड्रग्स और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNODC) की आतंकवाद रोकथाम शाखा (TPB)
  3. वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF)
  4. आतंकवाद-निरोध पर भारत का वार्षिक संकल्प

आतंकवाद के प्रकार

आतंकवाद विभिन्न मान्यताओं या उद्देश्यों से प्रेरित होते हैं, इनमें से कुछ निमलिखत के बारे में हम आपको बता रहे है। 

  • जातीयता पर आधारित आतंकवाद
  • धर्म पर आधारित आतंकवाद
  • वामपंथी आतंकवाद
  • दक्षिणपंथी आतंकवाद
  • नारको आतंकवाद
  • राज्य प्रायोजित आतंकवाद

भारत में हुए बड़े आतंकी हमले-

  • मुंबई सीरियल ब्लास्ट 12 मार्च 1993 को पूरे मुंबई में सीरियल धमाके हुए।
  • कोयम्बटूर धमाका 14 फरवरी 1998 में इस्लामिक ग्रुप अल उम्माह में हुए। 
  • जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला 1 अक्टूबर 2001 को हुआ। 
  • संसद पर हमला 13 दिसंबर 2001 को किया गया। 
  • अक्षरधाम मंदिर पर हमला 24 सितंबर 2002 में हुआ। 
  • दिल्‍ली में दिवाली से कुछ दिन पहले 29 अक्‍टूबर 2005 को दिल्‍ली को दहला दिया था। 
  • मुंबई ट्रेन में 11 जुलाई 2006 में मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुआ विस्फोट। 
  • ‘पिंक सिटी’ में 13 मई 2008 को इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों ने हमले किए।
  • अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को बम विस्फोट हुए थे। 
  • 14 फरवरी 2019 को जम्‍मू और कश्‍मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्‍मद के एक आत्‍मघाती हमलावर ने विस्‍फोटकों से भरी गाड़ी CPRF के काफिले से भिड़ा दी। 
  • 11 जुलाई 2017 को अमरनाथ यात्रा पर जा रही बस पर आतंकियों ने हमला किया। 
  • 2 जनवरी 2016 में पठानकोट स्थित सेना के ठिकानों पर आतंकी हमले हुए थे। 
  • 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए 10 आत्मघाती हमलावरों मुंबई को दहला दिया। 

निष्कर्ष 

आतंकवाद एक भयानक समस्या है जिसे समाज और सरकार को मिलकर समाधान करना होगा। शिक्षा, सामाजिक सुधार, सुरक्षा, और सहयोग से हम इस महामारी से निपट सकते हैं। हमें समाज के हर वर्ग को मिलकर काम करना होगा ताकि आतंकवाद को रोका जा सके और हम सभी एक शांत और सुरक्षित दुनिया में जी सकें।

Aatankwad par Nibandh

यह भी पढ़ें – आतंकवाद विरोधी दिवस

FAQs

आतंकवाद क्या है?

आतंकवाद एक ऐसा समस्या है जिसमें संगठित या असंगठित गुट्ठे के सदस्य अत्याचारिक हिंसा का आचरण करते हैं ताकि वे अपने राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक, या आत्मघातक उद्देश्यों को पूरा कर सकें।

आतंकवाद के कारण क्या होते हैं?

आतंकवाद के कारण विभिन्न हो सकते हैं, जैसे कि राजनैतिक असमानता, सामाजिक और आर्थिक असमानता, धार्मिक और जातिगत विवाद, और भ्रष्टाचार।

आतंकवाद के प्रभाव क्या होते हैं?

आतंकवाद के प्रभाव शामिल सुरक्षा समस्या, आर्थिक हानि, सामाजिक दुर्भावना, मानवाधिकार का उल्लंघन, और समाज में असुरक्षा की भावना शामिल हो सकते हैं।

आतंकवाद को कैसे रोका जा सकता है?

आतंकवाद को रोकने के उपाय में शिक्षा, सामाजिक और आर्थिक सुधार, सुरक्षा सुदृढ़ करना, संविधानिक उपाय, और अन्य देशों के साथ सहयोग शामिल हो सकते हैं।

क्या आतंकवाद का समाधान संभव है?

हां, आतंकवाद का समाधान संभव है, लेकिन यह कठिन प्रक्रिया है जो सामाजिक, राजनैतिक, और आर्थिक सुधार की आवश्यकता है। समाज, सरकार, और अन्य संगठनों को मिलकर काम करना होगा ताकि आतंकवाद को रोका जा सके।

आतंकवाद विरोधी दिवस कब मनाया जाता है?

हर साल भारत में 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया जाता है। 

यह था Aatankwad par Nibandh पर हमारा ब्लॉग। इसी तरह के अन्य निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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