हर साल अगस्त के महीने में हृदय प्रत्यारोपण दिवस मनाया जाता है। हृदय प्रत्यारोपण को लेकर भारत में कई सालों से प्रयास चल रहे थे, जिसके बाद 3 अगस्त 1994 को भारत में पहला सफल हृदय प्रत्यारोपण हुआ था। इसीलिए इस बड़ी उपलब्धि को देखते हुए हर साल 3 अगस्त को भारत में हृदय प्रत्यारोपण दिवस मनाया जाता है और इसे मनाने की घोषणा 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी। हृदय प्रत्यारोपण दिवस का उद्देश्य हृदय रोग और इससे सम्बंधित बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाना है। इसलिए आज के इस ब्लॉग में Heart Transplant Day in Hindi के बारे में जानेंगे।
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हृदय प्रत्यारोपण दिवस क्या है?
आजकल हर जगह बड़ी संख्या में लोग दिल की बीमारियों से जूझ रहे हैं लेकिन बहुत कम लोगों को यह पता है कि हृदय प्रत्यारोपण के जरिए बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई जा सकती है। हालांकि हृदय प्रत्यारोपण के बारे में अभी भी लोगों में पूरी तरीके से जागरूकता नहीं है। इसलिए हर साल 3 अगस्त को हृदय प्रत्यारोपण दिवस मनाया जाता है। हृदय प्रत्यारोपण एक ऐसी तकनीक होती है, जिसमें हार्ट के डैमेज या फेल होने की कंडीशन में मरीज के खराब हृदय को निकालकर ऑर्गन डोनेट करने वाले व्यक्ति के हार्ट से बदल दिया जाता है। इसी चीज के बारे में जानकारी और जागरूकता फैलाने के लिए भारत में हर साल 3 अगस्त को हृदय प्रत्यारोपण दिवस (Heart Transplant Day in Hindi) मनाया जाता है।
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कब और क्यों मनाया जाता है हृदय प्रत्यारोपण दिवस?
भारत में हर साल 3 अगस्त को हृदय प्रत्यारोपण दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने के पीछे का कारण हृदय प्रत्यारोपण के बारे में जागरूकता फैलाना है। यह दिवस अंग दान के महत्व और रोगियों के जीवन पर इसके परिवर्तनकारी प्रभाव की याद दिलाता है। 1994 में 3 अगस्त के दिन ही भारत में पहला सफल हृदय प्रत्यारोपण हुआ था। इसलिए हर साल 3 अगस्त को ही भारत में हृदय प्रत्यारोपण दिवस मनाया जाता है।
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हृदय प्रत्यारोपण दिवस का महत्व
हृदय प्रत्यारोपण दिवस (Heart Transplant Day in Hindi) का महत्व यहाँ बताया गया है :-
- हृदय प्रत्यारोपण दिवस हृदय रोग से बचाव के लिए जागरूकता फैलाने और जनता को सही दिशा दिखाने में मदद करता है।
- यह एक ऐसा मौका है जब लोगों को हृदय स्वास्थ्य के महत्व को समझने और उसकी देखभाल के लिए अपने जीवन में सुधार करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
- इस दिन कार्डियोवैस्कुलर रोगों जैसे कि दिल की बीमारियों के खिलाफ जागरूकता बढ़ाई जाती है, जैसे इस्केमिक हृदय रोग और ब्लड प्रेशर नियंत्रण।
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हृदय प्रत्यारोपण दिवस कैसे मनाया जाता है?
हृदय प्रत्यारोपण दिवस (Heart Transplant Day in Hindi) को मनाने के बारे में यहाँ बताया गया है :-
- इस दिन कई संगठन और अस्पताल लोगों को अंग प्रत्यारोपण के प्रभाव के बारे में शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाते हैं।
- रोगी देखभाल और प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ताओं के लिए वित्तीय सहायता में समर्थन करने के लिए फंड जमा करने जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
- इस दिन सोशल मीडिया अभियान के माध्यम से अंग दान और प्रत्यारोपण के बारे में चर्चा को प्रोत्साहित किया जाता है। साथ ही यह दिन हृदय प्रत्यारोपण मिथकों को दूर करने और समझ को बढ़ावा देने में भी मदद करतें हैं।
- इस दिन कई जगहों पर एजुकेशनल सेशंस, वर्कशॉप्स और पब्लिक स्पीकिंग जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
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हृदय प्रत्यारोपण दिवस से जुड़े तथ्य
रिसर्च, स्टडी और रिपोर्ट्स के अनुसार हृदय प्रत्यारोपण दिवस (Heart Transplant Day in Hindi) से जुड़े तथ्य यहाँ दिए गए हैं :-
- हृदय प्रत्यारोपण में रोगग्रस्त हृदय को दाता के स्वस्थ हृदय से बदला जाता है।
- 1994 में 3 अगस्त के दिन ही भारत में पहला सफल हृदय प्रत्यारोपण हुआ था।
- 3 दिसंबर 1967 में विश्व में पहला सफल हृदय प्रत्यारोपण हुआ था।
- कई बार हृदय प्रत्यारोपण में शरीर नए हृदय को स्वीकार नहीं करता, जो कि मौत का सबसे आम कारण है।
- क्रिस्टियन बर्नार्ड हृदय प्रत्यारोपण करने वाले पहले डॉक्टर थे।
- AIIMS की ऑफिसियल वेबसाइट के अनुसार भारत में पहले हृदय प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ता का नाम देवी राम है, जिनका 3 अगस्त 1994 को 20 सर्जनों की एक टीम द्वारा सफल हृदय प्रत्यारोपण सर्जरी की गई थी।
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FAQs
हृदय प्रत्यारोपण दिवस हर साल 3 अगस्त को मनाया जाता है।
क्रिस्टियान बर्नार्ड।
भारत में पहला हृदय प्रत्यारोपण 3 अगस्त 1994 में हुआ था।
क्रिस्टियान बर्नार्ड ने अपनी टीम के साथ 3 दिसंबर 1967 को दुनिया का पहला मानव-से-मानव हृदय प्रत्यारोपण ऑपरेशन किया।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको हृदय प्रत्यारोपण दिवस (Heart Transplant Day in Hindi) से जुड़ी पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।