गुरु पूर्णिमा आषाढ़ महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहार है। यह एक शिक्षक और छात्र के बीच विशेष बंधन का प्रतीक है। इस दिन, हम अपने शिक्षकों के ज्ञान और मार्गदर्शन के लिए उनके प्रति आभार और सम्मान दिखाते हैं। यह आध्यात्मिक और शैक्षणिक दोनों तरह के शिक्षकों का सम्मान करने का दिन है। इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था, जिन्होंने महाभारत लिखी थी और आज ही के दिन उन्होंने पहली बार मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया था। इसलिए महर्षि वेदव्यास जी को प्रथम गुरु माना गया है, जिसके बारे में कई बार स्टूडेंट्स से निबंध लिखने को भी कह दिया जाता है। इसलिए आज के इस ब्लॉग में हम गुरु पूर्णिमा पर निबंध लिखने के बारे में जानेंगे।
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गुरु पूर्णिमा के बारे में
गुरु पूर्णिमा के दिन भगवान वेद व्यास का जन्म हुआ था। गुरु वेद व्यास महाभारत के रचयिता हैं और मान्यता है कि वेद व्यास ने जिस दिन शिष्य और मुनियों को वेदों और पुराणों का ज्ञान दिया था, उसी दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। तब से लेकर गुरु शिष्य के रिश्ते के इस पर्व को देशभर में मनाया जाता है। इस दिन पुरे देश में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसमें लोग गुरुओं की पूजा करने के साथ-साथ उनके प्रति सम्मान प्रकट करते हैं।
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गुरु पूर्णिमा पर 100 शब्दों में निबंध
100 शब्दों में गुरु पूर्णिमा पर निबंध इस प्रकार है :
हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा आस्था रखने वालों के लिए एक विशेष महत्व रखता है। ऐसा कहा जाता है की गुरु के बिना व्यक्ति को ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती और आपकी सफलता के पीछे भी एक गुरु का ही हाथ होता है। इसलिए अपने गुरु को सम्मानित करने के लिए भी यह दिन मनाया जाता है। साथ ही यह दिन गुरु वेद व्यास के जन्मदिन को भी चिन्हित करता है, जिन्होंने महाभारत लिखी थी। गुरु वह व्यक्ति होता है जो अपने ज्ञान और बुद्धिमत्ता को अपने शिष्यों के साथ साझा करता है। प्राचीन काल में गुरुओं को ज्ञान के शिखर के रूप में पूजा जाता था। साथ ही इस दिन लोग अपने सभी शिक्षकों और गुरुओं के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं।
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गुरु पूर्णिमा पर 200 शब्दों में निबंध
200 शब्दों में गुरु पूर्णिमा पर निबंध इस प्रकार है :
गुरु पूर्णिमा का दिन भगवान वेद व्यास के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है, जिन्हें हिंदू धर्म का आदि गुरु माना जाता है। गुरु पूर्णिमा को बौद्ध, जैन और हिंदुओं द्वारा दुनिया भर में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। वेद व्यास एक ऐसे गुरु थे जिन्होंने महाभारत लिखी थी। इस दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। व्यास शब्द गुरु वेद व्यास के नाम से लिया गया है। गुरु पूर्णिमा के त्योहार को बौद्ध द्वारा भी मनाया जाता है, जहां वे भगवान बुद्ध के पहले उपदेश को याद करते हैं, जो उन्होंने वाराणसी के सारनाथ में दिया था।
यह दिन हिंदू महीने के आषाढ़ की पूर्णिमा के दिन पड़ता है, जो आमतौर पर जुलाई या अगस्त में होता है। इस त्योहार की जड़ें भारतीय संस्कृति में गहरी हैं और इसे देश भर में छात्र और शिष्य अपने शिक्षकों के प्रति बहुत श्रद्धा के साथ मनाते हैं।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार गुरु पूर्णिमा हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस वर्ष गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई 2024 को मनाई जाएगी। गुरु पूर्णिमा का महत्व गुरु और शिष्य के पवित्र संबंध का प्रतीक है। इस दिन, शिष्य अपने गुरु के प्रति मार्गदर्शन के लिए उनका सम्मान करते हैं। गुरु पूर्णिमा भारत में गुरु वेद व्यास के जन्मदिन के अवसर पर मनाई जाती है।
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गुरु पूर्णिमा पर 500 शब्दों में निबंध
500 शब्दों में गुरु पूर्णिमा पर निबंध इस प्रकार है :
प्रस्तावना
गुरु, एक ऐसा शब्द है जो ज्ञान, प्रेरणा और मार्गदर्शन का प्रतिबिंब है। गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार होता है। इस दिन, शिष्य अपने गुरु के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं। किसी व्यक्ति के जीवन में गुरुओं का बहुत बड़ा प्रभाव होता है क्योंकि वे उन्हें प्रेरित करते हैं और उनके जीवन पथ पर मार्गदर्शन करते हैं। इस दिन, लोग अपने गुरुओं, शिक्षकों और अपने माता-पिता को भी सम्मान देते हैं, जिन्हें घर में पहला गुरु माना जाता है, जिनसे बच्चे अपनी पहली शिक्षा प्राप्त करते हैं। गुरु पूर्णिमा को महाकाव्य महाभारत के रचयिता गुरु वेद व्यास का जन्मदिन भी माना जाता है। इसलिए इस दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है।
गुरु पूर्णिमा क्या है
गुरु पूर्णिमा एक ऐसा त्योहार है जो छात्रों को प्रत्येक छात्र के जीवन में शिक्षकों की भूमिका की याद दिलाता है। गुरु पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर छात्र अपने गुरुओं के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं। विभिन्न आश्रम और यहां तक कि मंदिर भी गुरु पूर्णिमा अनुष्ठानों का आयोजन करते हैं, जहां लोग आते हैं, अनुष्ठानों में भाग लेते हैं और अपने गुरुओं को पुष्पांजलि अर्पित करते हैं। कहा जाता है की इस दिन भगवान वेद व्यास का जन्म हुआ था, जिन्होंने महाभारत सहित कई महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथों की रचना की थी। साथ ही इसी दिन, भगवान बुद्ध ने भी अपने पहले पांच शिष्यों को उपदेश दिया था।
गुरु पूर्णिमा मनाने की शुरुआत कबसे हुई
बहुत समय पहले आषाढ़ माह के दिन महर्षि वेद व्यास ने अपने शिष्यों और ऋषि-मुनियों को श्री भागवत पुराण पढ़ाया था और उससे जुड़ा ज्ञान दिया था, जिसके बाद से उनके शिष्यों ने इस दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाने की परंपरा की शुरुआत की और तब से आषाढ़ नामक महीने की पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा मनाई जाने लगी।
गुरु पूर्णिमा का महत्व
गुरु पूर्णिमा एक त्योहार है, जो हमारे शिक्षकों यानी गुरुओं के सम्मान में मनाया जाता है। प्राचीन काल से ही गुरुओं का अपने अनुयायियों के जीवन में एक विशेष स्थान रहा है। संस्कृत वाक्यांश ‘माता, पिता गुरु दैवम्’ के अनुसार हमारे जीवन का पहला स्थान माँ को जाता है, उसके बाद पिता, गुरु और फिर भगवान को। हिंदू परंपरा में गुरु को देवताओं से भी ऊंचा स्थान दिया गया है। इस अवसर पर शिष्य अपने गुरुओं का आशीर्वाद पाने के लिए पूजा-अर्चना करते हैं। गुरु पूर्णिमा भारत, नेपाल और भूटान में रहने वाले लोगों द्वारा मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा को हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म के लोगों द्वारा बहुत महत्व दिया जाता है।
2024 में कब मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा
पंचांग के अनुसार वर्ष 2024 में गुरु पूर्णिमा 20 जुलाई 2024 को मनाई जाएगीI पूजा का शुभ मुहूर्त 20 जुलाई को शाम 05 बजकर 59 मिनट से शुरू होगा और 21 जुलाई को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट तक रहेगाI
निष्कर्ष
गुरु पूर्णिमा गुरुओं और उन लोगों को सम्मान देने का समय है जिन्होंने हमें सिखाया है और अपना ज्ञान हमारे साथ साझा किया है। यह दिन सेलिब्रेट करने के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है क्योंकि यह गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करने और उनके महत्व को स्वीकार करने में मदद करता है, जो हमें आत्मज्ञान के मार्ग पर मदद करते हैं।
गुरु पूर्णिमा पर निबंध कैसे तैयार करें?
गुरु पूर्णिमा पर निबंध लिखने से पहले इन पॉइंट्स का ध्यान रखें :
- एक आकर्षक शीर्षक बनाएं।
- गुरु पूर्णिमा क्या है का अर्थ बताते हुए निबंध की शुरुआत करें।
- निबंध की शुरुआत में गुरु से जुड़ी कविता, पंक्ति या शायरी से भी कर सकतें हैं।
- निबंध में सरल भाषा का प्रयोग करें।
- गुरु और जीवन में उनके महत्व के बारे में बताएं।
- भाषा और शब्द चिन्ह का खास ध्यान दें।
- उल्लेख करें कि यह दिन कैसे मनाया जाता है और इसे मनाने वाले लोगों की मान्यताएँ क्या हैं।
- निबंध में उचित जानकारी ही दें।
- पूरे निबंध के दौरान सकारात्मक लहजा बनाए रखें।
- गुरु का महत्व बताते हुए अपने निबंध को रीडर्स से जोड़े।
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FAQ’s
गुरु पूर्णिमा का यह पर्व महर्षि वेद व्यास को समर्पित है क्योंकि आज के दिन ही महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था।
गुरु पूर्णिमा का दूसरा नाम व्यास पूर्णिमा है।
गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई 2024 को मनाई जाएगी।
गुरु इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि गुरु को ज्ञान, मार्गदर्शन और प्रेरणा के स्रोत के रूप में देखा जाता है।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको गुरु पूर्णिमा पर निबंध लिखने से जुड़ी पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।