Essay on Mother in Hindi : स्टूडेंट्स के लिए 150, 300 और 700 शब्दों में माँ पर निबंध

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Essay on Mother in Hindi

माँ शब्द बहुत ही छोटा शब्द है, लेकिन इसकी गहराई को कोई नहीं माप सकता है। माँ कोई कुछ शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। मां के लिए हर एक व्यक्ति की अपनी परिभाषा है। माँ को हम भगवान के रूप में भी देखते है, या कहे वो भगवान का ही एक रूप है। माँ आप पर आयी हर परेशानी को चुटकियों में एक जादू की तरह दूर करने वाली जादूगर होती है। माँ हमारी सबसे पहली गुरु होती है, माँ जो कुछ भी शती है वो अपने बच्चों तक नहीं आने देती है। माँ की जगह कोई नहीं ले सकता। हम जब स्कूल में पढतेहै तो बहुत सी कबिता कहानिया माँ से संबंधित पढ़ने को मिलती है। और कभी कभी बच्चों से माँ पर निबंध लिखने को भी खा जाता है। तो ऐसे में बच्चों को कभी कभी समझ नहीं आता की वो शुरुआत किसे करें या क्या लिखे, इसे देखते हुए आज हम इस ब्लॉग में माँ पर निबंध लिख रहे हैं, Essay on Mother in Hindi अंत तक पढ़े। 

Essay on Mother in Hindi : माँ पर निबंध (150 शब्द) 

150 शब्दों में Essay on Mother in Hindi सैंपल नीचे प्रस्तुत है। 

माँ उस को कहा जाता है जो जीवन भर अपने बच्चों की भलाई, वृद्धि, विकास और कल्याण के लिए हमेशा त्याग करती है और अपने बच्चों को प्राथमिकता देती है। एक माँ न केवल एक बच्चों को जन्म देती है बल्कि उसे प्यार करने, देखभाल करने और बिना किसी शर्त के खुद को आजीवन समर्पण करने को तैयार रखती है।

हर व्यक्ति के जीवन में माँ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि वह सिर्फ अपने बच्चों को प्यार, दुलार करती है। बल्कि वह एक रक्षक, मित्र और साथ ही एक अनुशासन की भूमिका भी निभाती है। माँ एक निस्वार्थ, प्यार करने वाली देवी होती है, जिसके लिए त्याग और प्यार की कोई सीमा नहीं होती है। मेरी माँ मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखती हैं। मेरे माँ ने मेरे लिए जो भी समर्पण किये है, मैं कितना भी कर लू उसके इस कर्ज को कभी नहीं चुकाने लायक बन सकता हूँ।  

Essay on Mother in Hindi

Essay on Mother in Hindi : माँ पर निबंध (300 शब्द) 

300 शब्दों Essay on Mother in Hindi कुछ इस प्रकार है –

परिचय 

माँ जिसे मैं दुनिया के हर इंसान से सबसे ऊपर रखता हूँ। क्योंकि बचपन से ही ‘एक माँ की गोद किसी भी अन्य की तुलना में अधिक आरामदायक होती है’, मैं हर एक परिस्थिति मानता हूँ। मेरी माँ एक निस्वार्थ, समर्पित और प्यार करने वाली महिला का एक आदर्श उदाहरण हैं। वह सबसे मजबूत है और मेरे परिवार और मेरी खुशियों के लिए किसी भी हद तक खुद को समर्पित करती है।

माँ की अनमोल ममता और साथ 

मेरी माँ निरंतर समर्थन और जीवन में आने वाले हर उतार-चढ़ाव के दौरान मेरे साथ खड़ी रहीं। मैंने अक्सर बीमारी और अन्य बुरे दिनों में मेरी देखभाल करते हुए रातों की नींद को उसे खरब करते देखा है। मेरी माँ मेरी पहली शिक्षिका थीं जिन्होंने मुझे जीवन के हर कदम पर सिखाया और परिवार, समाज और बड़ों का आदर करना सिखया। उन्होंने कभी गलत के आगे न झुकना और गलती पर पहले आगे आकर माफ़ी माँगना सिखाया। जब मैं किसी चीज को लेकर बहुत परेशान हुआ तो उसने धैर्य रखना सिखाया। परिवार में मेरी माँ का योगदान मुझे हमेशा सही रास्ते पर चलते रहने के लिए प्रेरित करता है। मई अपनी माँ को एक जादूगर कहता हूँ, जो मेरे और मेरे परिवार के सभी दुखों को दूर कर देती हैं और बहुत सरे प्यार और देखभाल प्रदान करती हैं।

निष्कर्ष 

मेरी माँ मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं जिन्होंने मुझे जीवन की सभी कठिनाइयों को पार करके अपने लक्ष्य हासिल करने, और बहादुर बनने की सीख दी। माँ ने हर पल मेरा ख्याल रखा है और वह मेरे जीवन का सबसे बड़ा आशीर्वाद है। माँ की भूमिका हमारे जीवन का सबसे अलग और सबसे अनमोल पल होता है। मेरी माँ एक सरल, विनम्र और जमीन से जुड़ी इंसान हैं। जो मुझे जीवन की सबसे कठिन चुनौतियों का सामना करना सिखाती है। माँ की भूमिका हर व्यक्ति के जीवन में अहम है। 

Essay on Mother in Hindi : माँ पर निबंध (700 शब्द)

आइये देखते हैं माँ पर निबंध 700 शब्दों में –

परिचय

माँ एक परिवार में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है क्योंकि वह सभी के बीच की एक महत्वपूर्ण कड़ी होती है। वह परिवार की छोटी-छोटी जरूरतों को लेकर भी लगातार चिंतित रहती हैं। मेरा मानना है की भगवान यदि इस धरती पर अब तक जो भी सबसे बेहतरीन मनुष्य बनाया है, वह मां के रूप में है, क्योंकि वह बिना किसी शर्त के अपने बच्चों और परिवार को प्यार करती है।

माँ में है जीवन का महत्व

“माँ” सिर्फ एक शब्द नहीं है यह अपने आप में एक एहसास और प्यार है, जब हम माँ कहते हैं, तो हमारी कई समस्याएं कोई चमत्कार की तरह दूर हो जाती हैं। माँ एक पल के लिए भी निराश हुए बिना हमेशा खुश रखती है। माँ के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। माँ महत्व बचपन से बड़े होने तक रहता है, हम कितने भी बड़े हो जाये पर अपनी माँ के लिए हमेशा बच्चे ही रहते हैं। जैसे बचपन में 1 मिनट भी हम अपनी माँ से दूर होने से डरते थे वैसे ही जब हम बड़े हो जाते है तो माँ भी अपने बच्चों को खुद से दूर होने से डरती है। वो परियों की काल्पनिक कहानियां आज भी दिल को सुकून देती है। बचपन में चोट लगने पर वो झूठी भांप की पट्टी से सारा दर्द ठीक हो जाया करता था।  

जीवन की पहली टीचर माँ 

माँ हमें जितना प्यार करती है, उतना ही माँ हमें जीवन के हर उतार-चढ़ाव में आगये बढ़ने की प्रेरणा भी देती है। माँ ही अपने बच्चों को बहुत करीब और गहराई से जानती हैं। माँ की जरूरत हमें हमेशा होती है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम जीवन में कहाँ हैं, चाहे वे स्कूल जाना शुरू कर रहे हों, विदेश जाने की सोच रहे हों या जिंदगी में किसी बड़ी कठिनाईयों से गुजर रहे हों, हमें हमेशा अपनी माँ की मदद की ज़रूरत होती है। माँ अपने बच्चों को स्कूल जाने से पहले ही एक टीचर की तरह सिख देती है। बच्चे अपनी माँ से जो सीखते हैं वो शिक्षा उन्हें कोई नहीं दे सकता है। इस लिए हमेशा मन जाता है, की एक माँ बच्चे की पहली शिक्षिका होती है। 

सुपरवुमन होती है माँ 

माँ सिर्फ अपने बच्चों नहीं बल्कि पूरे परिवार को बहुत सहजता से संभालती है। वो घर के कामों के साथ बाहर की भी चीजों में हाथ बटाती है। जब इस दुनिया में प्यार, ईमानदारी और सच्चाई के बारे में सोचते हैं, तो सबसे पहले मां का चेहरा सामने होता है। माँ हमेशा मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत रहती हैं। मेरे जीवन में अगर किसी इंसान की महत्वपूर्ण भूमिका है वो सिर्फ मेरी माँ की है। वह मेरे घर में हर सुबह उठने वाली पहली शख्स होती हैं। 

उसके बाद, वह बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करती है। फिर वह हमारे और पापा के लिए स्वादिष्ट नाश्ता और दोपहर का खाना तैयार करती है, और हर दिन कुछ नया खाना हम सभी के लिए बनाती है। वह हमारे स्कूल के काम और पढ़ाई में हमारी मदद करती है। जब हममें से कोई बीमार हो जाता है तो वह ही हमारी चिंता में रात भर जागती रहती है। वह हमेशा हमारी भलाई, खास कर हमारी स्कूली शिक्षा और स्वास्थ्य के बारे में अत्यधिक चिंतित रहती हैं। जब हमें कोई चीज खाने की इच्छा होती है तो वो बिना आलास किये हमारे लिए तुरंत उसे बनती है, कभी कभी तो वो खुद भूखी सो जाती है, लेकिन कभी ये नहीं कहती कि आज ये चीज नहीं है। उसके जैसा त्याग कोई नहीं कर सकता है। 

निष्कर्ष 

हम जैसे जैसे बड़े होते हैं एक माँ की चिंता और अधिक बढ़ने लगती है, उसकी चिंता अपने बच्चों के करियर, स्वस्थ और दूर जाने के लिए होती है। जो माँ अपने बचों को एक पल दूर नहीं क्र सकती बड़े होते उसके बचे पढ़ाई और कमाने के लिए उससे दूर हो जाते हैं। हम कितने भी बड़े क्यों न हो जाये पर अपनी माँ को स्मेशा  वही प्यार और सामान देना चाहिए और कभी ये नहीं भूलना चाहिए उसने हमारे जीवन के लिए क्या क्या त्याग किये हैं।   

Essay on Mother in Hindi

मेरी माँ पर 10 लाइन 

मेरी माँ पर 10 लाइन्स कुछ इस प्रकार हैं –

  1. मेरी माँ मुझसे बहुत प्यार करती है।
  2. बच्चे की पहली गुरु माँ ही होती है, बचपन में माँ द्वारा सिखाई गई हर बातों के अनुसार ही बच्चे को संस्कार मिलते हैं।
  3. माँ ही बच्चे की पहली और सबसे अच्छी दोस्त होती है, जिससे हम बिना किसी झिझक के अपने दिल की हर बात बता देते हैं।
  4. मां महेश परिवार का पूरा ख्याल रखती हैं, वह हमेशा परिवार की खुशियों के बारे में सोचती हैं।
  5. माँ सुबह 4 बजे उठ जाती है और घर का सारा काम करती है।
  6. माँ मुझे स्कूल के लिए तैयार करती है और फिर मुझे स्कूल छोड़ती है।
  7. हर रविवार मेरी माँ मेरे लिए मेरा पसंदीदा खाना बनाकर मुझे खिलाती है।
  8. मेरी माँ मुझे अच्छी बातें सिखाती है, जब भी कोई समस्या होती है तो मेरी माँ मुझे अच्छी सलाह देती है।
  9. मेरी माँ मुझे हर शाम पढ़ाती है और मेरा होमवर्क पूरा करने में मदद करती है।
  10. मेरी माँ सुबह से शाम तक घर का काम करती है और पूरे परिवार की देखभाल करती है, इतना काम करने के बाद भी वह अपनी समस्याएँ किसी को नहीं बताती।

आशा है आपको ये Essay on Mother in Hindi का ब्लॉग पसंद आया होगा और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण आपको मिली होगी। इसी तरह के अन्य निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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