Firaq Gorakhpuri Shayari in Hindi पढ़कर युवाओं के मन में साहित्य के प्रति सत्कार का भाव बढ़ेगा। भारत में कई ऐसे महान साहित्यकार, कवि और शायर हुए हैं, जिन्होंने नवीन पीढ़ी को साहित्य के लिए प्रेरित करने का काम किया है। ऐसे ही महान कवि, साहित्यकार अथवा शायरों की श्रेणी में “फिराक गोरखपुरी” का भी नाम आता है, उनके द्वारा लिखी गयीं शायरी आज भी युवाओं का मार्गदर्शन कर रही हैं। इस पोस्ट के माध्यम से आप Firaq Gorakhpuri Shayari in Hindi के साथ-साथ, फिराक गोरखपुरी का संक्षिप्त जीवन परिचय भी पढ़ पाएंगे। फिराक गोरखपुरी की शायरी विद्यार्थियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का भरपूर प्रयास करेंगे।
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फिराक गोरखपुरी का संक्षिप्त जीवन परिचय
Firaq Gorakhpuri Shayari in Hindi पढ़कर आप एक महान शायर फिराक गोरखपुरी को श्रद्धा सुमन अर्पित कर सकते हैं। Firaq Gorakhpuri Shayari in Hindi पढ़ने से पहले आपको सदी के महान शायरों में एक फिराक गोरखपुरी का जीवन परिचय अवश्य पढ़ लेना चाहिए। फिराक गोरखपुरी का मूल नाम “रघुपति सहाय” था। फ़िराक़ गोरखपुरी एक युग निर्माता शायर और आलोचक का दर्जा आज भी प्राप्त है, जो कि बहुत कम ही शायरों को नसीब होती है।
फिराक गोरखपुरी का जन्म 28 अगस्त 1896 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुआ था। उनके पिता मुंशी गोरख प्रसाद एक वकील थे। फिराक गोरखपुरी का उपनाम “फिराक” था, फिराक ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में एम.ए. की डिग्री प्राप्त की।
फिराक ने वर्ष 1920 में ग़ज़ल लेखन का कार्य प्रारम्भ किया। उनकी ग़ज़लें अपनी सरल भाषा, गहरे भाव, प्रेम और जीवन के प्रति उनकी ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध होने लगीं जो आज तक प्रसिद्ध हैं। फिराक ने नज़्में, उपन्यास, कहानियाँ और गद्य रचनाएं भी लिखीं।
साहित्य के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने के कारण फिराक को वर्ष 1962 में ज्ञानपीठ पुरस्कार, वर्ष 1961 में साहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष 1972 में सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सदी के महान शायरों में से एक फ़िराक का 3 मार्च 1982 को नई दिल्ली में निधन हुआ था।
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Firaq Gorakhpuri Shayari in Hindi
Firaq Gorakhpuri Shayari in Hindi पढ़कर युवाओं को साहित्य के बारे में पता लगेगा, Firaq Gorakhpuri Shayari in Hindi कुछ इस प्रकार हैं:
"एक मुद्दत से तिरी याद भी आई न हमें और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं..." -फिराक गोरखपुरी "बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं..." -फिराक गोरखपुरी "कोई समझे तो एक बात कहूँ इश्क़ तौफ़ीक़ है गुनाह नहीं..." -फिराक गोरखपुरी "तुम मुख़ातिब भी हो क़रीब भी हो तुम को देखें कि तुम से बात करें..." -फिराक गोरखपुरी "हम से क्या हो सका मोहब्बत में ख़ैर तुम ने तो बेवफ़ाई की..." -फिराक गोरखपुरी “ग़रज़ कि काट दिए ज़िंदगी के दिन ऐ दोस्त वो तेरी याद में हों या तुझे भुलाने में…” -फिराक गोरखपुरी “शाम भी थी धुआँ धुआँ हुस्न भी था उदास उदास दिल को कई कहानियाँ याद सी आ के रह गईं…” -फिराक गोरखपुरी “आए थे हँसते खेलते मय-ख़ाने में 'फ़िराक़' जब पी चुके शराब तो संजीदा हो गए…” -फिराक गोरखपुरी “अब तो उन की याद भी आती नहीं कितनी तन्हा हो गईं तन्हाइयाँ…” -फिराक गोरखपुरी “रात भी नींद भी कहानी भी हाए क्या चीज़ है जवानी भी…” -फिराक गोरखपुरी
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फिराक गोरखपुरी के शेर
Firaq Gorakhpuri Shayari in Hindi के माध्यम से आपको फिराक गोरखपुरी के शेर पढ़ने का अवसर मिलेगा। फिराक गोरखपुरी के शेर पढ़कर युवाओं को साहित्य के आँगन में फलने-फूलने की प्रेरणा मिलेगी। फिराक गोरखपुरी के शेर युवाओं का परिचय साहित्य के सौंदर्य से करवाएंगे, जो कुछ इस प्रकार हैं:
“मुझ को मारा है हर इक दर्द ओ दवा से पहले दी सज़ा इश्क़ ने हर जुर्म-ओ-ख़ता से पहले…” -फिराक गोरखपुरी “अगर बदल न दिया आदमी ने दुनिया को तो जान लो कि यहाँ आदमी की ख़ैर नहीं…” -फिराक गोरखपुरी “अक़्ल में यूँ तो नहीं कोई कमी इक ज़रा दीवानगी दरकार है…” -फिराक गोरखपुरी “असर भी ले रहा हूँ तेरी चुप का तुझे क़ाइल भी करता जा रहा हूँ…” -फिराक गोरखपुरी “बहसें छिड़ी हुई हैं हयात ओ ममात की सौ बात बन गई है 'फ़िराक़' एक बात की…” -फिराक गोरखपुरी “बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं…” -फिराक गोरखपुरी “छलक के कम न हो ऐसी कोई शराब नहीं निगाह-ए-नर्गिस-ए-राना तिरा जवाब नहीं…” -फिराक गोरखपुरी “एक मुद्दत से तिरी याद भी आई न हमें और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं…” -फिराक गोरखपुरी
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फिराक गोरखपुरी की दर्द भरी शायरी
Firaq Gorakhpuri Shayari in Hindi के माध्यम से आपको फिराक गोरखपुरी की दर्द भरी शायरी पढ़ने का अवसर मिलेगा। फिराक गोरखपुरी की दर्द भरी शायरी युवाओं को एक शायर के ग़मों से अवगत कराएंगी। फिराक गोरखपुरी की दर्द भरी शायरी कुछ इस प्रकार हैं:
“इक उम्र कट गई है तिरे इंतिज़ार में ऐसे भी हैं कि कट न सकी जिन से एक रात…” -फिराक गोरखपुरी “सुनते हैं इश्क़ नाम के गुज़रे हैं इक बुज़ुर्ग हम लोग भी फ़क़ीर इसी सिलसिले के हैं…” -फिराक गोरखपुरी “ज़रा विसाल के बाद आइना तो देख ऐ दोस्त तिरे जमाल की दोशीज़गी निखर आई…” -फिराक गोरखपुरी “ज़ब्त कीजे तो दिल है अँगारा और अगर रोइए तो पानी है…” -फिराक गोरखपुरी “कौन ये ले रहा है अंगड़ाई आसमानों को नींद आती है…” -फिराक गोरखपुरी “लाई न ऐसों-वैसों को ख़ातिर में आज तक ऊँची है किस क़दर तिरी नीची निगाह भी…” -फिराक गोरखपुरी “इसी खंडर में कहीं कुछ दिए हैं टूटे हुए इन्हीं से काम चलाओ बड़ी उदास है रात…” -फिराक गोरखपुरी “कमी न की तिरे वहशी ने ख़ाक उड़ाने में जुनूँ का नाम उछलता रहा ज़माने में…” -फिराक गोरखपुरी
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आशा है कि इस ब्लॉग में आपको Firaq Gorakhpuri Shayari in Hindi पढ़ने का अवसर मिला होगा। Firaq Gorakhpuri Shayari in Hindi पढ़कर आप साहित्य के क्षेत्र में फिराक गोरखपुरी के योगदान से परिचित हो सकते हैं। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।