Dhanteras in Hindi 2024 : हर साल धनतेरस पूरे देश में बहुत ही धूमधाम और भव्यता के साथ मनाया जाता है। इसे ‘धन त्रयोदशी’ के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग धन, समृद्धि, और स्वास्थ्य की कामना के लिए भगवान धनवंतरी और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। धनतेरस के दिन लोग नए बर्तन, आभूषण और वाहन खरीदते हैं ताकि उनके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे। धनतेरस को दिवाली से पहले मनाया जाता है और इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व भी है जिसे आपको जानना चाहिए। इस ब्लाॅग में धनतेरस की तिथि, इतिहास, महत्व और अनुष्ठान के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।
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धनतेरस के बारे में
धनतेरस पांच दिवसीय दिवाली त्यौहार का पहला दिन है, जिसे मुख्य रूप से भारत में मनाया जाता है। यह कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष के तेरहवें दिन पड़ता है, आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर में। यह दिन आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि को समर्पित है, और धन और समृद्धि की पूजा से जुड़ा है।
धनतेरस का इतिहास क्या है?
धनतेरस आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि और धन और समृद्धि की देवी देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित दिन है। धनतेरस दो शब्दों से बना है: ‘धन’ जिसका अर्थ है धन और ‘तेरस’ जिसका अर्थ है तेरह। यह दिन हर साल कार्तिक के हिंदू महीने में कृष्ण पक्ष के तेरहवें चंद्र दिवस पर पड़ता है। यह दिन आमतौर पर दिवाली से 1-2 दिन पहले पड़ता है।
धनतेरस पूजा मुहूर्त 2024
Dhanteras in Hindi : धनतेरस का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिवाली का पहला दिन होता है। इस दिन भगवान कुबेर और धन्वंतरि की पूजा की जाती है। धनतेरस को धन का त्योहार भी कहा जाता है। इस दिन सोना, चांदी, नए बर्तन, वाहन आदि की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। धनतेरस 2024 के लिए पूजा का समय इस प्रकार है: प्रदोष काल: शाम 6:01 बजे से रात 8:27 बजे तक वृषभ काल: शाम 7:04 बजे से रात 9:00 बजे तक।
धनतेरस क्यों मनाया जाई है?
धनतेरस का हिंदुओं में बहुत महत्व है और यह त्योहार पूरे देश में बड़ी भव्यता और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन भगवान धन्वंतरि की जयंती के उपलक्ष्य में भी मनाया जाता है और उन्हें चिकित्सा या आयुर्वेद का देवता माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस पावन पर्व पर भगवान धन्वंतरि की पूजा करता है, उसे सभी प्रकार के रोगों और कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। धनतेरस के दिन भक्त भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं क्योंकि उन्हें धन और समृद्धि का देवता और देवी माना जाता है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी अन्य खजानों के साथ प्रकट हुए थे।
धनतेरस कब मनाई जाती है?
धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, हर साल पांच दिवसीय दिवाली उत्सव के पहले दिन मनाया जाता है। लंबे समय से प्रतीक्षित यह त्यौहार कार्तिक महीने में कृष्ण पक्ष (अंधेरे पखवाड़े) की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। पंचांगों के अनुसार, इस साल धनतेरस 29 अक्टूबर मंगलवार को मनाया जाएगा। त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10.31 बजे शुरू होगी और अगले दिन दोपहर 1.15 बजे समाप्त होगी। पूजा का शुभ समय शाम 6.30 बजे से रात 8.12 बजे तक है।
धनतेरस का महत्व क्या है?
धनतेरस का पर्व धन-धान्य और समृद्धि का प्रतीक है। धनतेरस दो शब्दों से मिलकर बना है – पहला धन और दूसरा तेरस जिसका अर्थ होता है धन का तेरह गुना। धनतेरस का हिंदुओं में बहुत महत्व है और यह त्योहार पूरे देश में बड़ी भव्यता और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन भगवान धन्वंतरि की जयंती के उपलक्ष्य में भी मनाया जाता है और उन्हें चिकित्सा या आयुर्वेद का देवता माना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस पावन पर्व पर भगवान धन्वंतरि की पूजा करता है, उसे सभी प्रकार के रोगों और कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। धनतेरस के दिन भक्त भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं क्योंकि उन्हें धन और समृद्धि का देवता और देवी माना जाता है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी अन्य खजानों के साथ प्रकट हुए थे। स्वास्थ ही हमारा सबसे बड़ा धन है इसलिए दीपावली में सबसे पहले Dhanteras in Hindi को महत्व दिया जाता है।
धनतेरस की कहानी क्या है?
धनतेरस का इतिहास बहुत पुराना है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, इस दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के देवता हैं और उन्हें चिकित्सा का ज्ञान देने वाले देवता माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करता है, उसे सभी प्रकार के रोगों और कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।
एक अन्य कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया और असुर राजा बलि से तीन पग भूमि मांगी। बलि ने वामन के आग्रह को मान लिया। वामन ने अपने पहले दो पगों में पृथ्वी और स्वर्ग को नाप लिया। तीसरे पग के लिए उन्होंने बलि से अपना सिर मांगा। बलि ने भगवान विष्णु के सामने अपना सिर झुकाकर उन्हें तीसरा पग देने के लिए कहा। भगवान विष्णु ने बलि के सिर के ऊपर एक सोने की थाली रख दी और तीसरा पग थाली पर रख दिया। इस प्रकार, भगवान विष्णु ने बलि को पृथ्वी पर स्थापित किया। बलि को समृद्धि का देवता माना जाता है। इसलिए, धनतेरस को बलि के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है।
यह भी पढ़ें – जानिए 2024 में धनतेरस कब है?
धनतेरस कैसे मनाई जाती है?
Dhanteras in Hindi के दिन शुभ मुहूर्त में सोने-चांदी की खरीदारी करना बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है और धन-दौलत में तेरह गुना ज्यादा वृद्धि होती है। Dhanteras in Hindi के दिन खरीदारी की जाने वाली कुछ शुभ चीजें हैं:
- सोना, चांदी, पीतल की वस्तुएं
- लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां
- दीपक, घी, तिल, गुड़
- चावल, दाल, नमक
- नए कपड़े
- अनाज
- मिठाई।
धनतेरस के दिन घर की साफ-सफाई करके उसे सजाया जाता है। घर के मुख्य द्वार पर दीवार पर रंगोली बनाई जाती है। इसके अलावा, दीवार पर लक्ष्मी-गणेश की तस्वीरें या मूर्तियां भी लगाई जाती हैं। घर में दीपकों और दीयों को जलाया जाता है। धनतेरस की पूजा शाम को की जाती है। पूजा के दौरान भगवान धन्वंतरी, मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। पूजा में मिठाई, फूल, माला, धूप, दीप, आदि अर्पित किए जाते हैं। पूजा के बाद प्रसाद बांटा जाता है।
धनतेरस दिवाली और भाई दूज के करीब क्यों आता है?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार धनतेरस कार्तिक महीने में मनाया जाता है। किंवदंतियों के अनुसार, देवी लक्ष्मी कार्तिक महीने में पृथ्वी पर आती हैं, इसलिए धन और समृद्धि के लिए धनतेरस उसी महीने में मनाया जाता है। दिवाली और भाई दूज भी धनतेरस के समान कारणों से कार्तिक महीने में ही मनाए जाते हैं।
FAQs
धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है।
धनतेरस को धन के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन लोग नए बर्तन, सोना, चांदी, वाहन आदि की खरीदारी करते हैं। धनतेरस को आयुर्वेद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है जो आयुर्वेद के देवता हैं। धनतेरस को धन और समृद्धि के देवता भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी की पूजा का दिन माना जाता है।
धनतेरस के दिन नए बर्तन, सोना, चांदी, वाहन आदि की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। इन वस्तुओं को खरीदने से घर में सुख, समृद्धि और धन की वृद्धि होती है।
इस दिन भगवान धन्वंतरि की जयंती मनाई जाती है। धनतेरस को बलि का जन्मदिन भी माना जाता है।
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आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Dhanteras in Hindi 2024 : धनतेरस की तिथि, इतिहास और महत्व के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।