आशापूर्णा देवी एक बहुत ही प्रतिभाशाली भारतीय उपन्यासकार और कवयित्रि थीं, जिन्हें अन्य बंगाली लेखकों के बीच बहुत सम्मान प्राप्त था। उन्होंने 225 से अधिक रचनाएँ लिखीं, जिनमें से 100 से अधिक उपन्यास थे। उनकी सफलता उनकी स्वाभाविक और कुशल लेखन शैली के कारण थी, जो यथार्थवाद, सादगी और ईमानदारी की विशेषता थी। आशापूर्णा लोगों के प्रति अपनी करुणा और महिलाओं पर अत्याचार करने वाले सामाजिक मानदंडों को चुनौती देने की अपनी इच्छा के लिए जानी जाती थीं। इसी क्रम में उन्होंने कई किताबें लिखीं जिनसे स्टूडेंट्स को खुद को शिक्षित करने और आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। इसलिए इस ब्लाॅग में हम Ashapurna Devi Books in Hindi की किताबें विस्तार से जानेंगे जो आपके जीवन को नई दिशा देंगी।
आशापूर्णा देवी के बारे में
आशापूर्णा देवी बंगाल के एक मध्यम वर्गीय परिवार में पली-बढ़ी थीं, उस समय लड़कियों के लिए कई नियम और प्रतिबंध थे। स्कूल न जा पाने के बावजूद, उनके पास एक सहायक परिवार था जिसने उन्हें पढ़ने और अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित किया। उनके पिता एक चित्रकार थे, उनकी माँ को बंगाली साहित्य पसंद था और उनके भाई कॉलेज में थे, जिससे उन्हें प्रसिद्ध लेखकों और कलाकारों से परिचय हुआ। भले ही वह पर्दा जैसे सामाजिक नियमों से सीमित थीं, लेकिन उन्होंने अपनी कल्पना का इस्तेमाल अपनी खिड़की के बाहर की दुनिया के बारे में जानने के लिए किया।
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Ashapurna Devi Books in Hindi
आशापूर्णा देवी (Ashapurna Devi Books in Hindi) की किताबें यहाँ दी गई हैं :
- प्रथम प्रोतिश्रुति (Pratham Pratishruti)
- शशि बाबर संगसार (Shashi Babur Sangsar)
- स्मरणीय श्रेष्ठ गैल्पो (Smaraniya Shreshtha Galpo)
- सुवर्णलता (Suvarnalata)
- विजयी वसंत (Vijayi Vasant)
- धेउ गुंछी सागरेर (Dheu Gunchhi Sagarer)
- बोकुल कथा (Bokul Katha)
- गल्पा समग्र (Galpa samagra)
संख्या | पुस्तकें | लिंक |
1 | प्रथम प्रोतिश्रुति (Pratham Pratishruti) | यहाँ से खरीदें |
2 | शशि बाबर संगसार (Shashi Babur Sangsar) | यहाँ से खरीदें |
3 | स्मरणीय श्रेष्ठ गैल्पो (Smaraniya Shreshtha Galpo) | यहाँ से खरीदें |
4 | सुवर्णलता (Suvarnalata) | यहाँ से खरीदें |
5 | विजयी वसंत (Vijayi Vasant) | यहाँ से खरीदें |
6 | धेउ गुंछी सागरेर (Dheu Gunchhi Sagarer) | यहाँ से खरीदें |
7 | बोकुल कथा (Bokul Katha) | यहाँ से खरीदें |
8 | गल्पा समग्र (Galpa samagra) | यहाँ से खरीदें |
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FAQs
आशापूर्णा देवी को 1976 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
आशापूर्णा देवी का जन्म 8 जनवरी 1909 में हुआ था।
आशापूर्णा देवी का निधन 13 जुलाई 1995 में हुआ था।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Ashapurna Devi Books in Hindi की किताबें पता चली होंगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।