अपना पूरा जीवन मानव सेवा को समर्पित करने वाले, गुरु अर्जुन देव ने वर्ष 1606 में अपनी शहादत से इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय रच दिया था। गुरु अर्जुन देव जी की शहादत को ही गुरु अर्जुन देव शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह सिख धर्म के लिए महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है। इस दिन को सिख समुदाय, बलिदान और आस्था का प्रतीक मानते हैं। इसके साथ ही यह दिवस गुरु अर्जुन देव जी के जीवन, शिक्षाओं और उनके बलिदान को याद करने का अवसर भी प्रदान करता है। इस ब्लॉग में हम गुरु अर्जुन देव शहीदी दिवस के इतिहास और महत्व के बारे में जानेंगे और गुरु अर्जुन देव जी के प्रेरक विचारों को अपने जीवन में अपनानें का प्रयास करेंगे।
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गुरु अर्जुन देव कौन थे?
सिखों के पांचवें गुरु और सिख धर्म के पहले शहीद अर्जुन देव या गुरु अर्जुन देव का जन्म 15 अप्रैल, 1563 को गोइंदवाल साहिब, तरनतारन, पंजाब में हुआ था। उनके पिता गुरु रामदास, सिखों के चौथे गुरु थे और उनकी माता बीवी भानी, एक गृहिणी थी। वर्ष 1579 में उनका विवाह माता गंगा जी के साथ होगया। दोनों का एक पुत्र हुआ, जिनका नाम हरगोविंद सिंह था, जो बाद में सिखों के छठवें गुरु बने। बता दें कि गुरु अर्जुन देव जी ने वर्ष 1604 में अमृतसर में श्री हरमंदिर साहिब गुरुद्वारे की नींव रखी। यह गुरुद्वारा आज स्वर्ण मंदिर के नाम से जाना जाता है। इसके साथ ही इसे सिख धर्मों का सबसे पवित्र स्थल भी माना जाता है।
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गुरु अर्जुन देव शहीदी दिवस के बारे में
गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी दिवस या ‘शहीदी दिवस’ इस साल यानी 2024 में 10 जून को मनाया जाएगा। आपको बता दें कि यह हर साल सिख कैलेंडर के तीसरे महीने जेठ के 24वें दिन मनाया जाता है। गुरु अर्जुन देव शहीदी दिवस, दुनिया भर के सिखों समुदाय के लिए बहुत धार्मिक महत्व रखता है। इस दिन लोग विभिन्न तरह के धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं और “श्री गुरु ग्रंथ साहिब” का पाठ करते हैं। इसके अलावा वे देशभर के कई गुरुद्वारों में लंगर भी वितरित किये जाते हैं /
श्री गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस की तिथियां
वर्ष | तारीख | दिन |
2022 | 3 जून | शुक्रवार |
2023 | 23 मई | मंगलवार |
2024 | 10 जून | सोमवार |
2025 | 30 मई | शुक्रवार |
2026 | 18 जून | गुरुवार |
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गुरु अर्जुन देव शहीदी दिवस का इतिहास
सिख धर्म के पांचवें गुरु, गुरु अर्जुन देव जी को मुगल सम्राट जहाँगीर के शासनकाल में वर्ष 1606 में मृत्युदंड दिया गया था। बता दें कि वर्ष 1605 में जब मुगल बादशाह अकबर की मृत्यु हुई तो जहांगीर ने राजगद्दी संभाली। उनके साम्राज्य संभालते ही गुरु अर्जुन देव के विरोधी सक्रिय हो गए और वे जहांगीर को उनके खिलाफ भड़काने लगे। इसी दौरान शहजादा खुसरो ने अपने पोता जहांगीर के खिलाफ बगावत कर दी और गुरु जी के पास शरण ले ली। इस बात की जानकारी जब जहांगीर को हुई तो उसने अर्जुन देव को गिरफ्तार कर लिया। जहांगीर ने गुरु जी पर बगावत का आरोप लगाया उन्हें भयानक यातनाएं दी गईं। उन्हें गर्म तवे पर बैठाया गया, उनके ऊपर गर्म रेत और तेल डाला गया। इस तरह उन्हें पांच दिनों तक लगातार यातनाएं दी गईं। इन यातनाओं का उन पर इतना भयानक प्रभाव पड़ा कि वे मूर्छित हो गए। इसके बाद जहांगीर ने क्रूरता की हदें पार करते हुए, गुरु जी के मूर्च्छित शरीर को रावी नदी में बहा देने का आदेश दिया। यह घटना 30 मई, 1606 को हुई थी। गुरु अर्जुन देव जी शहीदी दिवस को सिख समुदाय में प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्रोत माना जाता है।
गुरु अर्जुन देव दिवस कैसे मनाया जाता है?
गुरु अर्जुन देव शहीदी दिवस के दौरान सिख समुदाय द्वारा विभिन्न धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस दिन गुरु जी की शोभायात्रा निकाली जाती है, जिसमें लोग भजन गाते हैं और नृत्य करते हैं। इस दिन सिख समुदाय श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ करते हैं, गुरुद्वारे में लंगर बांटे जाते हैं। वहीं हर साल, सिख तीर्थयात्रियों का एक जत्था लाहौर में गुरुद्वारा देहरा साहिब जाते हैं।
गुरु अर्जुन देव के अनमोल विचार
गुरु अर्जुन देव जी के प्रेरक कथन को पढ़कर आप गुरु अर्जुन देव जी के पुण्य विचारों को समझ पाएंगे। गुरु अर्जुन देव के अनमोल विचार कुछ इस प्रकार हैं:
- “जो सच्चा नाम जपता है, उसकी सारी चिंताएं दूर हो जाती हैं।”
- “जो दूसरों के प्रति दयालु है, उसे ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है।”
- “जो ईश्वर की इच्छा के अनुसार चलता है, उसे कभी भी दुःख नहीं होता।”
- “जो सच बोलता है, उसे कभी भी डर नहीं लगता।”
- “जो कर्मठ है, उसे सफलता अवश्य मिलती है।”
- “जो विनम्र है, उसे सभी प्रिय लगते हैं।
गुरु अर्जुन देव की रचनाएं
गुरु अर्जुन देव को साहित्य से भी अगाध स्नेह था। ये संस्कृत और स्थानीय भाषाओं के प्रकांड पंडित थे। इन्होंने कई गुरुवाणी की रचनाएं की, जो आदिग्रन्थ में संकलित हैं। इनकी रचनाओं को आज भी लोग गुनगुनाते हैं और गुरुद्वारे में कीर्तन किया जाता है।
FAQs
अर्जुन देव या गुरु अर्जुन देव का जन्म 15 अप्रैल, 1563 को गोइंदवाल साहिब, तरनतारन, पंजाब में हुआ था।
इस साल यानी 2024 में गुरु अर्जुन देव जी शहीदी दिवस 10 जून को है।
मुग़ल सम्राट जहाँगीर ने 1606 ई० में, गुरु अर्जुन देव पर षड्यंत्र का आरोप लगा कर मृत्यु दंड दिया था। इतिहासकारों के मुताबिक,गुरु अर्जुन देव की मृत्यु के पीछे राजनीतिक कारण थे।
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आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको गुरु अर्जुन देव शहीदी दिवस से जुड़ी पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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