हर वर्ष 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस मनाया जाता है, जो उन लाखों लोगों की हिम्मत, संघर्ष और सहनशीलता को सम्मानित करता है, जिन्हें युद्ध, हिंसा या उत्पीड़न के कारण अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिन को वर्ष 2000 में आधिकारिक रूप से मान्यता दी थी, और पहली बार 2001 में यह दिवस 1951 के शरणार्थी सम्मेलन की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर मनाया गया। दुनिया भर के शरणार्थियों को सम्मानित करने के उद्देश्य और उनकी स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व शरणार्थी दिवस मनाया जाता है। इस लेख में आप जानेंगे विश्व शरणार्थी दिवस को मनाने की शुरुआत कैसे और कहाँ से हुई? साथ ही यहाँ जानें इसका उद्देश्य, थीम और महत्व।
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विश्व शरणार्थी दिवस के बारे में
संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस मनाया जाता है। यह एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस है जो दुनिया भर के शरणार्थियों का जश्न मनाने और सम्मान देने के लिए समर्पित है। इस दिन की स्थापना पहली बार 20 जून 2001 को की गई थी। यह दिन उन लोगों की ताकत और साहस का जश्न मनाता है जिन्हें संघर्ष या उत्पीड़न से बचने के लिए अपने देश से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
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विश्व शरणार्थी दिवस का इतिहास
हर साल 20 जून को विश्व भर में वर्ल्ड रिफ्यूजी डे मनाया जाता है, लेकिन आपको बता दें कि पहले यह इस दिन नहीं मनाया जाता था। 4 जून 2000 को संयुक्त राष्ट्र संघ यानी UN ने इसे मनाने की घोषणा की। इसे मनाने के लिए 17 जून तारीख तय की गयी। इसके अगले साल, 2001 में संयुक्त राष्ट्र ने पाया कि इस वर्ष 1951 के शरणार्थियों की स्थिति से संबंधित कन्वेंशन (1951 Convention relating to the Status of Refugees) के 50 साल पूरे हो चुके हैं, जिसके बाद यह दिन 17 की बजाय 20 जून को पूरे विश्व में मनाया जाने लगा। तब से ही हर साल यह दिन 20 जून को ही मनाया जाता है।
विश्व शरणार्थी दिवस क्यों मनाया जाता है
दुनिया भर में एक बड़ी संख्या में शरणार्थी (Refugee) रहते हैं। इनके साथ आए दिन प्रताड़ना, संघर्ष और हिंसा जैसी कई चुनौतियों के कारण इनको अपना देश छोड़कर बाहर भागने को मजबूर होना पड़ता है। जिसके बाद इन सभी को कईं देशों में पनाह मिल जाती है। वहीं, कई देशों से इनको निकाल भी दिया जाता है। बेशक इन्हें पनाह मिल जाए, लेकिन वो सम्मान और अधिकार नहीं मिल पाते।
हर साल ‘वर्ल्ड रिफ्यूजी डे’ मनाने का मुख्य उद्देश्य शरणार्थी के साहस, शक्ति और संकल्प के प्रति सम्मान व्यक्त करना है। इसके साथ ही इस दिन को मनाये जाने का एक अन्य उद्देश्य शरणार्थियों की बुरी दुर्दशा की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना और उनकी समस्याओं का हल करना है। आपको बताते चले कि म्यांमार, लीबिया, सीरिया, अफगानिस्तान, मलेशिया, यूनान और अधिकांश अफ़्रीकी देशों के लाखों नागरिक हर साल दूसरे देशों में शरणार्थी के रूप में शरण लेते हैं। जिसमें संयुक्त राष्ट्र की संस्था युएनएचसीआर (UNHCR) रिफ्यूजी लोगों की सहायता करती है।
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विश्व शरणार्थी दिवस का महत्व
यह दिवस मुख्य रूप से विश्व के उन सभी लोगों के लिए एक संवेदना के रूप में मनाया जाता है जो कभी अपने खुद के देश में खुद के घर में खुश थे, लेकिन उत्पीड़न और अपने ही देश में कई प्रकार से प्रताड़ित होने के कारण अपना घर मजबूरी में छोड़ना पड़ता है। दुनिया भर में ऐसी काफी घटनाएं हुई हैं जहाँ के निवासियों को मजबूर होकर अपना देश अपना घर और अपना सब कुछ छोड़ना पड़ता है। हर साल इस दिन को मनाया जाता है, ताकि लोग उन शरणार्थियों को याद कर सकें और उनके द्वारा सहन किए गए दर्द और पीड़ा से जुड़ सकें।
इसके अलावा यह दिन कुछ ऐसे शरणार्थियों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है, जिन्हें युद्ध या किसी अन्य संघर्ष की स्थिति में कठिन दिन और रात बिताने के लिए मजबूर किया गया, जिसमें उनकी कोई गलती नहीं थी। यह हमेशा से रहा है, कि राष्ट्रों ने युद्ध किया है लेकिन उनकी आम जनता को भुगतना पड़ा है।
दुनिया भर में लाखों शरणार्थी इसके उदाहरणों में शामिल हैं। आज भी, सीरिया से बहुत सारे शरणार्थी आजीविका की तलाश में और फिर से एक नया जीवन शुरू करने की उम्मीद में पास के विभिन्न देशों में चले जाते हैं। इनमें कई लोग ऐसे हैं जिनका अपनी जगह बड़ा नाम होता था, लेकिन अब वे अपने बच्चों को खिलाने के लिए भीख मांगने को मजबूर हैं। इसी कारण से यूएन हर साल इस दिवस को मना कर पूरे विश्व को जागरूक करता है कि ऐसे लोगों कि मदद के लिए देश अपने हाथ आगे बढ़ाएं और इन लोगों के बच्चों के भविष्य में अपनी मुख्य भूमिका निभाएं।
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विश्व शरणार्थी दिवस कैसे मनाया जाता है?
विश्व शरणार्थी दिवस को आप निम्नलिखित तरीकों से मना सकते हैं :
- इस दिन आप शरणार्थी संकट के बारे में जान सकते हैं।
- इस दिन आप शरणार्थी संगठन को दान कर सकते हैं।
- हर वर्ष इस दिवस की एक विशेष थीम होती है। बता दें कि वर्ष 2024 की थीम, “शरणार्थियों के साथ एकजुटता – एक ऐसा विश्व जहाँ शरणार्थियों का स्वागत हो” थी। इसका उद्देश्य शरणार्थियों के प्रति सहानुभूति और सहयोग को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर आप हर थीम के महत्व को जानकर अच्छे से मना सकते हैं।
- शरणार्थियों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में अपने दोस्तों, परिवार और सहकर्मियों से बात करें। सोशल मीडिया पर विश्व शरणार्थी दिवस के बारे में जानकारी साझा करें।
विश्व शरणार्थी दिवस 2025 थीम
हर साल विश्व शरणार्थी दिवस की थीम्स के जरिए विश्व के तमाम लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जाता है। आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) द्वारा विश्व शरणार्थी दिवस 2025 के लिए आधिकारिक थीम “समुदाय एक महाशक्ति के रूप में” है। यह थीम शरणार्थियों का समर्थन करने और उनका स्वागत करने में समुदायों की शक्ति पर जोर देता है।
भारत में शरणार्थियों की स्थिति
भारत ने ऐतिहासिक रूप से हमेशा अपनी शरण में आए शरणार्थियों को शरण दी है, जिसमें तिब्बती, श्रीलंकाई तमिल, अफगान और रोहिंग्या समुदाय शामिल हैं। हालांकि भारत ने वर्ष 1951 के शरणार्थी सम्मेलन पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, फिर भी भारत ने हमेशा मानवीय संवेदनाओं के आधार पर शरणार्थियों को आश्रय और सहायता प्रदान की है। बता दें कि भारत में शरणार्थियों की संख्या लाखों में है, और सरकार तथा नागरिक समाज संगठन उनकी सहायता में वर्तमान में भी एक सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
FAQ
प्रत्येक वर्ष कई जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं ताकि लोग शरणार्थियों की स्थितियों के बारे में जान सकें और उनके साथ खड़े रह सकें।
विश्व शरणार्थी दिवस हर वर्ष 20 जून को मनाया जाता है। यह दिन शरणार्थियों के अधिकारों और उनकी समस्याओं के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित है।
इस दिन का उद्देश्य दुनिया भर में विस्थापित लोगों के संघर्षों, जरूरतों और योगदान के प्रति सहानुभूति और समर्थन प्रकट करना है।
विभिन्न राष्ट्रों की सरकारों ने शरणार्थियों के लिए भी अलग-अलग अधिकार निर्धारित किए हैं, जिसके आधार पर उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाती है।
वह व्यक्ति जो अपने देश में उत्पीड़न, युद्ध या हिंसा के कारण अपने देश से बाहर चला गया हो और वापस लौटने में असमर्थ हो, उसे शरणार्थी कहा जाता है।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2001 में पहली बार विश्व शरणार्थी दिवस मनाया गया था, जो संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी संधि की 50वीं वर्षगांठ थी।
इस दिवस का आयोजन मुख्य रूप से संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (UNHCR) द्वारा किया जाता है।
भारत ने शरणार्थियों के लिए कोई अलग कानून नहीं बनाया है, लेकिन मानवता के आधार पर उन्हें रहने और सहायता प्राप्त करने की अनुमति दी जाती है।
इस दिन आप सामाजिक जागरूकता फैला सकते हैं, शरणार्थियों की सहायता करने वाले संगठनों का समर्थन कर सकते हैं और उनके प्रति सहानुभूति दिखा सकते हैं।
यह दिवस हमें यह याद दिलाता है कि शरणार्थी भी हमारी तरह इंसान हैं और उन्हें भी सम्मान, सुरक्षा और अवसर की जरूरत होती है।
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आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको विश्व शरणार्थी दिवस से जुड़ी पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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Mai janna chahta hun ki chaina,Korea,japan or veatnaam m refugees k liye kya niyam h
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धन्यवाद, इसी तरह हमारी वेबसाइट https://leverageedu.com/ पर बने रहिये।
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