प्रतिवर्ष 11 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय महिला विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस साल इस दिवस को मनाते हुए पूरे 9 साल हो जाएंगे। संयुक्त राष्ट्र के द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को प्रोत्साहित करने तथा उन्हें इस क्षेत्र में आगे लाने के उद्देश्य से अन्तर्राष्ट्रीय महिला विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाना तय किया गया है। आज महिलाएं विज्ञान के क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर काम कर रहे हैं। इसी बात को सेलिब्रेट करने के लिए हर साल 11 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय महिला विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस ब्लॉग में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।
This Blog Includes:
- अंतर्राष्ट्रीय महिला विज्ञान दिवस का इतिहास
- अंतर्राष्ट्रीय महिला विज्ञान दिवस क्यों मनाया जाता है?
- अंतर्राष्ट्रीय महिला विज्ञान दिवस का महत्व
- अंतर्राष्ट्रीय महिला विज्ञान दिवस 2024 की थीम
- अंतर्राष्ट्रीय महिला विज्ञान दिवस कैसे मनाया जाता है?
- आप अंतर्राष्ट्रीय महिला विज्ञान दिवस कैसे मना सकते हैं?
- भारत की कुछ मशहूर महिला वैज्ञानिकों के नाम
- विश्व की कुछ प्रसिद्द महिला वैज्ञानिक
- FAQs
अंतर्राष्ट्रीय महिला विज्ञान दिवस का इतिहास
वर्ष 2015 में सयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 फरवरी को विज्ञान में महिलाओं और लड़कियों के योगदान को प्रोत्साहित करने के लिए 11 फरवरी को हर साल अंतर्राष्ट्रीय महिला विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाना तय किया। यूनेस्को लैंगिक समानता को प्रमुखता से प्राथमिकता प्रदान करता है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासंघ का लक्ष्य है कि महिलाओं के लिए विज्ञान में बराबर पहुँच और हिस्सेदारी को प्राथमिकता देना है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला विज्ञान दिवस क्यों मनाया जाता है?
यहाँ अंतर्राष्ट्रीय महिला विज्ञान दिवस क्यों मनाया जाता है? इस बारे में बताया जा रहा है :
- अंतर्राष्ट्रीय महिला विज्ञान दिवस विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं की उपलब्धियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
- इसका उद्देश्य अधिक से अधिक महिलाओं को विज्ञान के क्षेत्र में आगे लाना है।
- इस दिवस को मनाने का प्रमुख लक्ष्य यह है कि युवा लड़कियां महिला वैज्ञानिकों के बारे में जानें और वे भी विज्ञान के क्षेत्र में अपना नाम कर सकें।
अंतर्राष्ट्रीय महिला विज्ञान दिवस का महत्व
यहाँ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का महत्व बताया जा रहा है :
- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से लोगों को महिला वैज्ञानिकों के बारे में पता चलता है।
- इससे स्कूल में पढ़ने वाले छात्राओं को विज्ञान के क्षेत्र में जाने के लिए प्रेरणा मिलती है।
- इसके कारण माता पिता भी विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका के बारे में जागरूक होते हैं और अपनी लड़कियों को वैज्ञानिक बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के कारण ही लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलता है।
- लड़कियों को पढ़ाई के बेहतर अवसर और समान अधिकार प्राप्त कराने के लिए जागरूकता फैलाने में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बड़ी भूमिका है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला विज्ञान दिवस 2024 की थीम
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 की थीम ‘ डिजिटॉल: लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी ‘है। यह इस बात पर ध्यान केंद्रित करती है कि डिजिटल युग में टेक्नोलॉजी और शिक्षा विश्व में महिला सशक्तिकरण में कैसे मदद करती है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 की थीम में यह भी मालूम करने का प्रयास किया जाएगा कि डिजिटल स्थानों में लड़कियों के अधिकारों को कैसे सुरक्षित रखा जाए और महिलाओं के खिलाफ ऑनलाइन होने वाली हिंसा का हल कैसे निकाला जा सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला विज्ञान दिवस कैसे मनाया जाता है?
अंतर्राष्ट्रीय महिला विज्ञान दिवस पर निम्नलिखित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है :
- इस दिन स्कूल और कॉलेजों में भाषण एवं निबंध प्रतियोगिता आदि का आयोजन किया जाता है ताकि बच्चों को विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं के योगदान के बारे में पता चल सके।
- इस दिवस पर कुछ स्कूल कॉलेज अपने यहाँ शिक्षा सेमिनार भी आयोजित करते हैं।
- स्कूलों में छात्रों को महिला वैज्ञानिकों की कहानियां सुनाई जाती हैं ताकि छात्राएं उनसे प्रेरणा प्राप्त कर सकें।
आप अंतर्राष्ट्रीय महिला विज्ञान दिवस कैसे मना सकते हैं?
आप निम्नलिखित तरीके से अंतर्राष्ट्रीय महिला विज्ञान दिवस मना सकते हैं :
- अपने मोहल्ले या कॉलोनी में बच्चों को एकत्रित करके उन्हें विश्व की महान वैज्ञानिकों के बारे में बताएं।
- लड़कियों को विज्ञान में रुचिकर बनाने के लिए अपनी सोसाइटी में एक छोटा सा नाटक भी कर सकते हैं।
- भारत की महान महिला वैज्ञानिकों की कहानियां बच्चों को सुना सकते हैं।
- आधुनिक युग की महिला वैज्ञानिकों के बारे में इंटरनेट पर सर्च करके बच्चों से उनके विषय में चर्चा कर सकते हैं।
भारत की कुछ मशहूर महिला वैज्ञानिकों के नाम
यहाँ भारत की कुछ मशहूर महिला वैज्ञानिकों के नाम बताए जा रहे हैं :
- कल्पना चावला : ये भारत मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री थीं। इन्होने स्पेस रिसर्च में बड़ी उपलब्धियां हासिल की थीं।
- डॉ. कमला सोहानी : भारत की पहली महिला वैज्ञानिक। इन्होने कैंसर रिसर्च पर महत्वपूर्ण कार्य किया।
- डॉ. राजेश्वरी चटर्जी : ये भारत की पहली इलेक्ट्रिक इंजीनियर थीं। इन्होने इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
- डॉ. आंनदीबाई जोशी : ये भारत की पहली महिला डॉक्टर थीं।
- डॉ. यामिनी अय्यर : ये भारत की पहली महिला खगोलशास्त्री थीं। इन्होने तारामंडल के शोध में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- डॉ. गीता रानी : भारत की पहली वनस्पति वैज्ञानिक जिन्होंने औषधीय पौधों के अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- डॉ. अन्ना चांडी : इन्होने एक्स रे के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। ये भारत की पहली महिला भौतिक वैज्ञानिक थीं।
- डॉ. टेसी थॉमस : भारत की पहली मिसाइल वैज्ञानिक। इन्होने अग्नि V मिसाइल के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
विश्व की कुछ प्रसिद्द महिला वैज्ञानिक
यहाँ विश्व की कुछ प्रसिद्द महिला वैज्ञानिकों के बारे में बताया जा रहा है :
- मैडम क्यूरी : इन्होने रेडियोधर्मिता पर विशेष शोध किया था। इन्हें दो नोबल पुरस्कार मिले थे। एक भौतिकी विज्ञान में इनके योगदान के लिए और दूसरा रसायन विज्ञान में इनके शोध के लिए।
- मैडम एमिली चटो : इन्होने मैडम क्यूरी के साथ रेडियोधर्मिता पर शोध किया था और मैडम क्यूरी के साथ नोबल पुरस्कार जीता था।
- रॉसलिंड फ्रैंकलिन : इन्होने डीएनए स्ट्रक्चर की खोज में बड़ी भूमिका निभाई थी।
- जॉयस कार्लिन्स : भौतिक वैज्ञानिक जिन्होंने सुपरकंडक्टिविटी पर शोध किया था। इन्हें नोबल पुरस्कार भी मिला था।
- फ्रांसेस एम. : ये खगोलशास्त्री थीं। इन्होने ग्रहों की गति का अध्ययन किया था और 1823 में रॉयल सोसाइटी की पहली महिला सदस्य बनी थीं।
- एडा लवलेस : ये गणितज्ञ और कम्प्यूटर प्रोग्रामर। इन्हें विश्व का पहला कम्प्यूटर प्रोग्रामर कहा जाता है।
- ग्रेस हॉपर : ये कम्प्यूटर प्रोग्रामर थीं। इन्होने COBOL प्रोग्रामिंग लैंग्वेज विकसित करने में सहायता की।
- मार्ग्रेट सैंगर : ये जन्म नियंत्रण और महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य की बड़ी प्रणेता रही हैं।
- फातिमा ज़हरा करीमी : अफगानिस्तान की पहली महिला खगोलशास्त्री, जिन्होंने ग्रहों और तारों का अध्ययन किया।
FAQs
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस प्रतिवर्ष 11 फरवरी को मनाया जाता है।
अंतराष्ट्रीय महिला विज्ञान दिवस विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को याद करने और अन्य महिलाओं को विज्ञान के क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित करता है।
अंतराष्ट्रीय महिला विज्ञान दिवस के कारण लोगों को महिला वैज्ञानिकों और उनकी खोजों के बारे में पता चलता है और इससे युवा महिलाओं को विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रेरणा मिलती है।
आशा करते हैं कि आपको इस ब्लाॅग में अंतर्राष्ट्रीय महिला विज्ञान दिवस के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।