Janmashtami in Hindi : कैसे हुई जन्माष्टमी का त्यौहार मनाने की शुरुआत?

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Janmashtami in Hindi

जन्माष्टमी का पावन त्यौहार आ चुका है। देशभर में इसे मनाने की तैयारियां धूम धाम से शुरू हो चुकी हैं। लोगों के बीच श्रीकृष्ण का जन्मदिन मनाने और दही हांडी खेलने की उत्सुकता बहुत है। ऐसे में आइये जान लेते हैं जन्माष्टमी क्या है और इसका इतिहास। इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें और जानिए Janmashtami in Hindi से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी। 

जन्माष्टमी क्या है?

जन्माष्टमी हिन्दू धर्म का एक पारंपरिक त्योहार है, जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के अवसर पर मनाया जाता है। श्रीकृष्ण का जन्म हिन्दू पंचांग (लुनर कैलेंडर) के भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की आषाढ़ा मासी तिथि को हुआ था। जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के बचपन के किस्से और लीलाएं सुनाई जाती हैं, और उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। यह त्योहार भक्तों के लिए आराधना, कीर्तन, आरती, व्रत, और बच्चों के साथ खेलने का अच्छा अवसर होता है। जन्माष्टमी भारत के विभिन्न हिस्सों में विशेष धूमधाम के साथ मनाया जाता है, और यह एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार होता है जो भक्तों के बीच खुशी और आनंद के साथ मनाया जाता है।

जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है?

Janmashtami in Hindi का मुख्य उद्देश्य भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की महत्वपूर्ण घटना का स्मरण करना है। श्रीकृष्ण का जन्म धर्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है और यह दिन उनके भक्तों के लिए एक अवसर होता है उनके जीवन और उनकी दिव्य लीलाओं को याद करने का। जन्माष्टमी के दिन भक्त भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और उनके चरणों में भक्ति और समर्पण दिखाते हैं। इस तरीके से वे अपने आध्यात्मिक जीवन को मजबूत करते हैं।

Janmashtami in Hindi के दिन समुदाय के लोग एक साथ आते हैं, मिलकर पूजा करते हैं, कीर्तन गाते हैं, और एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं, जिससे सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का अवसर प्राप्त होता है।

जन्माष्टमी कैसे मनाई जाती है?

Janmashtami in Hindi का आयोजन विभिन्न स्थलों और परिपर्णता के आधार पर भिन्न-भिन्न तरीकों से किया जा सकता है, लेकिन यह कुछ मुख्य रूप होते हैं जिनमें जन्माष्टमी मनाई जाती है:

  • मंदिर या धार्मिक स्थल पर पूजा-अर्चना: अधिकांश लोग जन्माष्टमी को अपने स्थानीय मंदिरों या धार्मिक स्थलों पर मनाते हैं। वहां भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को सजाकर पूजा अर्चना की जाती है और आरती की जाती है।
  • गोविंदा आलाप: इसमें एक ऊँट या छोटे से बच्चे को सिंहासन पर बैठाकर उनके चरणों को चूमने का प्रस्ताव होता है, जिसे “गोविंदा आलाप” कहा जाता है।
  • रासलीला: Janmashtami in Hindi के दिन भगवान के जन्म की रात को रासलीला का आयोजन किया जाता है, जिसमें भक्त भगवान के लीला नृत्य करते हैं।
  • धार्मिक कथाओं को सुनना: जन्माष्टमी के दिन धार्मिक कथाएं और किस्से सुनाए जाते हैं, जो भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े होते हैं।
  • खानपान: जन्माष्टमी पर व्रत (उपवास) रखना एक सामान्य प्रथा है, और व्रत का तोड़ना उपवास के समय किसी विशेष प्रकार के आहार का सेवन करना होता है। प्रसाद के रूप में मिठाई, दूध, मक्खन, फल, और खीर आदि बनाए जाते हैं और उन्हें भगवान को चढ़ाया जाता है।
  • महारास: कुछ स्थलों पर भगवान की महारास नामक लीला का प्रदर्शन किया जाता है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण गोपियों के साथ नृत्य करते हैं।
  • मुक्ता अर्चना: इसमें भगवान की मूर्ति को मुक्ता (मोती) और फूलों से सजाकर उनकी पूजा की जाती है।

जन्माष्टमी का इतिहास 

जन्माष्टमी का उत्सव मनाने का प्राचीन इतिहास है और इसकी शुरुआत हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण तिथियों और पर्वों के रूप में हुई। इसका प्रमुख कारण भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के महत्व का ज्ञान और उनके जीवन के महत्वपूर्ण घटनाओं के आदर्शों के प्रति श्रद्धा और भक्ति है।

जन्माष्टमी का उत्सव कैसे शुरू हुआ, इसके कई प्रकार के पुराने कथाएं और पौराणिक किस्से मिलते हैं, लेकिन एक प्रमुख कथा इस पर्व की शुरुआत के संदर्भ में होती है जो है वसुदेव के घर में श्रीकृष्ण का जन्म। 

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म वसुदेव और देवकी के घर में हुआ था। उनके जन्म की रात में, भगवान श्रीकृष्ण को महाभाग्यशाली यशोदा और नंद के घर में बदल दिया गया था, जब वसुदेव ने उन्हें वृंदावन ले जाने के लिए बचाया। यह प्रक्रिया उनके अद्वितीय लीलाओं में से एक है और जन्माष्टमी के उत्सव का मूल उद्देश्य है।

जन्माष्टमी का उत्सव भारत के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है और यह एक धार्मिक और सामाजिक आयोजन होता है जिसमें भक्तों के बीच भगवान के प्रति भक्ति और प्रेम का प्रकटीकरण होता है।

जन्माष्टमी उत्सव का महत्त्व 

जन्माष्टमी का उत्सव न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यह त्योहार भारतीय संस्कृति के मूल्यों और परंपराओं को प्रकट करता है और एकता, सद्भावना, और धार्मिकता की महत्वपूर्ण भावनाओं को बढ़ावा देता है। इस दिन के लिए मंदिरों को विशेष तौर पर सजाया जाता है। कुछ स्थानों पर जन्माष्टमी पर दही-हांडी का भी उत्सव होता है।

अभी हमने जाना Janmashtami in Hindi के बारे में। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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