अनंत चतुर्दशी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो गणेशोत्सव के अंतिम दिन मनाया जाता है। यह भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को पड़ता है, जो आमतौर पर अगस्त या सितंबर में आता है। इस दिन भगवान गणेश की मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है, जो गणेश चतुर्थी के दौरान स्थापित की गई थीं। भक्तगण गणेश जी को विदा करते हैं और उनसे अपने जीवन में समृद्धि, सुख और शांति की कामना करते हैं। अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष महत्व है, क्योंकि इसे अनंत रूप में विष्णु जी का दिन माना जाता है। इसलिए इस ब्लॉग में Anant Chaturdashi Kab Hai के बारे में बताया गया है।
अनंत चतुर्दशी कब है (Anant Chaturdashi Kab Hai)?
अनंत चतुर्दशी कब है (Anant Chaturdashi Kab Hai) | 17 सितंबर |
इस बार साल 2024 में अनंत चतुर्दशी की तिथि का आरंभ 16 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 10 मिनट पर शुरू हो जाएगा और इस तिथि का समापन 17 सितंबर को सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, अनंत चतुर्दशी इस बार 17 सितंबर यानि मंगलवार को ही मनाई जाएगी।
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अनंत चतुर्दशी क्यों मनाई जाती है?
अनंत चतुर्दशी एक हिंदू त्योहार है, जो गणेश चतुर्थी के दसवें दिन मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है और गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन भी किया जाता है, जो गणेश चतुर्थी उत्सव का समापन होता है।
इस दिन भगवान विष्णु को उनके अनंत रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि भगवान विष्णु ने अनंत का रूप धारण किया था। साथ ही इस दिन दस दिनों तक गणेश जी की स्थापना के बाद उनका विसर्जन भी किया जाता है। अनंत चतुर्दशी के दिन श्रद्धालु अपने हाथ में एक धागा बांधते हैं जिसे ‘अनंत सूत्र’ कहा जाता है। इसे बांधने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आने की मान्यता है।
एक कथा के अनुसार, सत्युग में पांडवों में से युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण के कहने पर अनंत सूत्र को धारण किया था, जिससे उनके जीवन में सुख और विजय आई थी। यह त्योहार आस्था, समर्पण और भगवान के प्रति अटूट श्रद्धा का प्रतीक है और इसके साथ ही यह सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है।
FAQs
अनंत चतुर्दशी हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आता है। इस दिन गणेश उत्सव का समापन भी होता है, जिसमें गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है।
अनंत चतुर्दशी मुख्य रूप से भगवान विष्णु की पूजा के लिए होती है, जिन्हें “अनंत” या असीम माना जाता है। इसके साथ ही, इस दिन गणेश भगवान की मूर्तियों का विसर्जन भी किया जाता है।
अनंत चतुर्दशी हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। यह आमतौर पर अगस्त या सितंबर के महीने में आती है।
इस दिन अनंत व्रत रखा जाता है, जिसमें भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और अनंत सूत्र बांधा जाता है। इस व्रत को करने से समृद्धि, शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन किया जाता है, जो गणेश चतुर्थी के 10 दिन बाद आता है। विसर्जन का मतलब है गणेश जी की मूर्ति को जल में प्रवाहित करना, जो जीवन के चक्र और परिवर्तन का प्रतीक है। भक्त गणेश जी से विदा लेते हुए अगले वर्ष उनके फिर से आगमन की प्रार्थना करते हैं।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Anant Chaturdashi Kab Hai के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।