सावित्री बाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी अपने कैम्पस का विदेशों में भी विस्तार कर रही है। क़तर में सफल सेंटर खोले जाने के बाद अब सावित्री बाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी (SPPU) यूरोप और एशिया के कुछ देशों में भी अपने एजुकेशनल सेंटर्स खोलने की योजना पर विचार कर रही है। इसके अलावा यूनिवर्सिटी अपने पुणे स्थित कैम्पस में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए तीन हफ्ते का एजुकेशनल कैम्प भी आयोजित करेगा।
इन देशों में SPPU खोलेगा एजुकेशनल सेंटर्स
क़तर में सफलतापूर्वक एजुकेशनल सेंटर चलाने के बाद अब दूसरे देशों में भी अपने सेंटर्स खोलने जा रहा है। शुरुआत में मिली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ ये सेंटर्स भारत के पड़ोसी देश नेपाल और मध्य एशियाई देश कज़ाकिस्तान और यूरोपीय देश जॉर्जिया में खोले जाएंगे।
विदेशी यूनिवर्सिटीज़ से मिली प्रेरणा
सावित्री बाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर सुरेश गोसावी ने बताया कि भारत से हर साल बड़ी संख्या में छात्र विदेश पढ़ने जाते हैं। भारत के स्टूडेंट्स में विदेशी यूनिवर्सिटीज़ के इसी आकर्षण को देखते हुए कई विदेशी यूनिवर्सिटीज़ भारत में भी अपने एजुकेशनल सेंटर्स खोल रही हैं। इसी से प्रेरित होकर SPPU ने भी विदेशों में अपने एजुकेशनल सेंटर्स खोलने का विचार किया है।
स्टूडेंट्स के लिए फायदेमंद है कदम
सावित्री बाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी द्वारा दूसरे देशों में अपने सेंटर्स खोलने का यह कदम स्टूडेंट्स के लिए फायदेमंद साबित होगा :
- इस कदम से एशिया के छोटे देशों जैसे नेपाल और कज़ाकिस्तान आदि के छात्रों को क्वालिटी एजुकेशन मिलेगी।
- विदेशों में रह रहे भारतीयों के बच्चे भी अपने देश की यूनिवर्सिटी में पढ़ सकेंगे जिससे उन्हें अपने देश की संस्कृति से जुड़ने का एक भी एक मौका मिलेगा।
- यूरोपीय देशों में कैम्पस खोलने से SPPU यूरोपियन एजुकेशन सिस्टम से शिक्षा के आधुनिक तरीके सीखकर भारत में स्थित अपने कैम्पस में भी लागू कर सकती है जिससे भारतीय स्टूडेंट्स को भी क्वालिटी एजुकेशन मिलेगी।
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