प्रसिद्द भारतीय लेखक और साहित्यकार धनपत राय श्रीवास्तव उर्फ़ मुंशी प्रेमचंद ने अपनी कला से पूरी दुनिया में ख्याति प्राप्त की थी। उनके लिए उपन्यास पूरी दुनिया में छाहे रहते थे। मुंशी जी ने कई उपन्यास लिखे थे, जो काफी लोकप्रिय थे। इनके उपन्यास काफी गहरे थे। प्रेमचंद जी ने अपना पूरा जीवन कहानियों और उपन्यासों में व्यतीत कर दिया था। क्या आपको पता है कि प्रेमचंद का निधन कब हुआ था? चलिए इस ब्लॉग में आपको विस्तार से बताते हैं कि प्रेमचंद का निधन कब हुआ था?
मुंशी प्रेमचंद के बारे में
मुंशी जी का जन्म ब्रिटिश इंडिया के बनारस में 31 जुलाई 1880 को हुआ था। मुंशी जी हिंदी और उर्दू फिक्शन के महान साहित्यकार थे। प्रेमचंद ने अपने जीवन में करीब 300 शॉर्ट स्टोरी और 14 उपन्यास लिखे थे।
प्रेमचंद की शिक्षा के बारे में
प्रेमचंद ने अपनी औपचारिक स्कूली शिक्षा 7 साल की उम्र में लेमही, बनारस के एक साधारण मदरसे में शुरू की। मदरसे में अपने समय के दौरान उन्होंने उर्दू, कुछ अंग्रेजी और हिंदी सीखी। वह अपनी पसंद के कॉलेज में दाखिला लेने में कामयाब रहे, लेकिन धन की कमी के कारण उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में ही रोकनी पड़ी। उन्होंने अपनी मैट्रिक की पढ़ाई पूरी करने के लिए बहुत संघर्ष किया था। फिर भी उन्होंने अपने जीवन में किसी भी मोड़ पर हार नहीं मानी और अपनी पढ़ाई जारी रखी और आखिरकार 1919 में उन्हें बीए की डिग्री मिल गई थी।
प्रेमचंद का निधन कब हुआ था?
मुंशी जी का देहांत 8 अक्टूबर 1936 को ब्रिटिश इंडिया के बनारस में हुआ था। प्रेमचंद को 1936 में लखनऊ में प्रगतिशील लेखक संघ के पहले अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। कई दिनों की बीमारी के बाद और पद पर रहते हुए 8 अक्टूबर 1936 को उनकी मृत्यु हो गई थी।
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