भारत उत्सवों का देश है। यहाँ प्रत्येक महीने कोई न कोई उत्सव मनाने का बहाना लोग ढूंढ ही लेते हैं। भारत में अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं। इन्हीं में से एक त्यौहार पोंगल भी है। पोंगल तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। पोंगल को दक्षिण भारत के लोग नए साल के रूप में मनाया मनाते हैं। यहाँ Pongal Kab Hai इस बारे में और पोंगल से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातों के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।
जाने कब है पोंगल Pongal Kab Hai
पोंगल का पर्व चार दिन तक मनाया जाता है। वर्ष 2024 में पोंगल की शुरुआत 15 जनवरी 2024 से होगी और 18 जनवरी तक यह उत्सव चलेगा। तमिल लोग पोंगल को नए साल के रूप में मानते हैं। चार दिनों तक चलने वाले पोंगल उत्सव में 16 जनवरी को थाई पोंगल, 17 जनवरी को मट्टू पोंगल और 18 जनवरी को कन्या पोंगल मनाया जाएगा।
कैसे मनाया जाता है पोंगल
Pongal kab hai में जानिए कैसे मनाया जाता है पोंगल :
- पोंगल का उत्सव चार दिन चलता है। पोंगल के पहले दिन पांडिगाई उत्सव मनाया जाता है। इस दिन घर की साफ सफाई की जाती है।
- पोंगल का दूसरा दिन थाई पोंगल के नाम से मनाया जाता है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा की जाती है। इस दिन घर में पकवान भी बनाए जाते हैं।
- पोंगल के तीसरे दिन को मट्टू पोंगल के रूप में मनाया जाता है। इस दिन खेत में हल जोतने के काम में आने वाले पशुओं को सजाया जाता है।
- कन्या के चौथे और आखिरी दिन को कन्या पोंगल के नाम से जाना जाता है। इसे कुन्नुम की रस्म के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सूर्य भगवान को दूध, घी, चावल आदि से पकवानों का भोग लगाया जाता है।
पोंगल क्यों मनाया जाता है?
Pongal kab hai में जानिए पोंगल क्यों मनाया जाता है :
- पोंगल फसल की कटाई का प्रतीक माना जाता है।
- यह पर्व सूर्य भगवान को धन्यवाद देने के पर्व के रूप में भी मनाया जाता है।
- इसमें ईश्वर के प्रति इस बात का आभार जताया जाता है कि उनकी कृपा से इस साल फसल अच्छी हुई और लोगों को भोजन प्राप्त हो सका।
- पोंगल को साफ़ सफाई और घरों को सजाने के उत्सव के रूप में भी देखा जाता है।
आशा है कि Pongal kab hai इस ब्लॉग के माध्यम से आपको पोंगल उत्सव के बारे में जानकारी प्राप्त हो गई होगी,जो कि आपको सदा प्रेरित करेगी। अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स पर ब्लॉग्स पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।