सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) का इंटरनेशनल लेवल पर रेकमेंडेड कोर्स, CBSE-इंटरनेशनल या CBSE-I, 26 देशों के 240 स्कूलों में ट्रेंड में है।
2010 में अपनी शुरुआत के बाद से ही CBSE-I विदेश में रहने वाले भारतीय परिवारों की अकादमिक आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है। इसकी प्रभावशीलता और इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स के साथ मेल को पहचानते हुए, भारत सरकार अब ग्लोबल लेवल पर CBSE-I स्कूलों की पहुंच का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है।
क्वालिटी एजुकेशन के लिए हुई पार्टनरशिप
सरकार अन्य देशों, खासतौर डेवलप्ड देशों के स्कूल बोर्डों के साथ सहयोग करने के महत्व को समझती है। PHD Chamber of Commerce and Industry (PHDCCI) में शिक्षा समिति के अध्यक्ष श्रीवत्स जयपुरिया ने भारत में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए इन सहयोगों के महत्व पर प्रकाश डाला।
इस वर्ष भारत के पास G20 की अध्यक्षता है, दुनिया भर के स्कूल बोर्डों के साथ साझेदारी से भारतीय छात्रों के लिए अकादमिक अवसर बढ़ेंगे। CBSE-इंटरनेशनल कोर्सेज ने हाई अकादमिक स्टैंडर्ड्स को बनाए रखते हुए विविध लर्निंग स्टाइल्स को पूरा करने की अपनी क्षमता के लिए प्रशंसा प्राप्त की है।
सरकार का लक्ष्य है ग्लोबल पॉसिबिलिटीज प्रदान करना
इंटरनेशनल बोर्ड का विस्तार करके, सरकार का लक्ष्य छात्रों को ग्लोबल पॉसिबिलिटीज तक पहुँच प्रदान करना और अन्तर-कल्चरल एजुकेशन को प्रोत्साहित करना है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के दृष्टिकोण के हिसाब है, जो भारत को उभरते देशों में अकादमिक सुधार के लिए एक मॉडल के रूप में स्थापित करती है।
भारत के NEP को छह वर्षों में स्टेकहोल्डर्स की मदद से किया गया तैयार
भारत के नेशनल एजुकेशन पाॅलिसी (NEP) को एक व्यापक और दूरदर्शी नीति दस्तावेज के रूप में सराहा गया है, जिसे छह वर्षों में स्टेकहोल्डर्स के साथ व्यापक कंसल्टेंसी के बाद तैयार किया गया है। SETH MR के वाईस चेयरमैन श्रीवत्स जयपुरिया का सुझाव है कि समान आकार की उभरती अर्थव्यवस्थाएं मामूली एडजस्टमेंट के साथ अपनी एजुकेशनल सिस्टम के लिए NEP को आसानी से अपना सकती हैं।
NEP एजुकेशनल चेंजेस के लिए एक आउटलाइन के रूप में कार्य करता है और ग्लोबल एजुकेशनल कोपरशन के लिए भारत के कमिटमेंट को बढ़ाता है।
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