Kailash Satyarthi Quotes in Hindi: कैलाश सत्यार्थी, एक ऐसे प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता हैं, जिन्होंने हर मंच पर बच्चों के अधिकारों और उन्हें शिक्षित करने के लिए पैरवी की है। कैलाश सत्यार्थी के विचार न केवल बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए, बल्कि उनके लिए एक बेहतर और न्यायपूर्ण समाज बनाने के लिए समाज का मार्गदर्शन करते हैं। उन्होंने अपने कार्यों और निर्णयों से लाखों बच्चों को बाल श्रम और शोषण से मुक्त कराया है, साथ ही उनके विचारों ने समाज को शिक्षित और बाल अधिकारों को जागरूक करने के लिए प्रेरित किया। इस लेख में आपके लिए कैलाश सत्यार्थी के विचार (Kailash Satyarthi Quotes in Hindi) दिए हैं, जो युवाओं को प्रेरित और समाज को जागरूक करने का काम करेंगे।
This Blog Includes:
कौन हैं कैलाश सत्यार्थी?
कैलाश सत्यार्थी का जन्म 11 जनवरी 1954 को भारत के विदिशा में हुआ। कैलाश सत्यार्थी एक मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं जिन्होंने अपना जीवन बालश्रम के खिलाफ और बालकों को न्याय देने के पक्ष में समर्पित किया हुआ है। इनके अथक प्रयासों को देख इन्हें वर्ष 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार 2014 से सम्मानित किया गया।
यह भी पढ़ें – नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी पर निबंध
कैलाश सत्यार्थी के विचार – Kailash Satyarthi Quotes in Hindi
कैलाश सत्यार्थी के विचार (Kailash Satyarthi Quotes in Hindi) निम्नलिखित हैं, जो आपको प्रेरित करेंगे –
बच्चों को ख्वाब देखने से वंचित करने से बढ़कर कोई अपराध नहीं है।
बचपन का मतलब है सादगी। इस दुनिया को बच्चों की नज़र से देखो यह बहुत ही ख़ूबसूरत है।
नोबेल पुरस्कार मिलने पर– मैं वास्तव में बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं, लेकिन यदि यह पुरस्कार मेरे सामने महात्मा गांधी के पास गया होता तो मैं और अधिक सम्मानित होता।
मेरे लिए, शांति हर बच्चे का एक बुनियादी मानव अधिकार है, यह अपरिहार्य है और परमात्मा है।
अगर आप इन परिस्थितियों में गुलाम बच्चों द्वारा बनायीं गयी चीजें खरीदते रहेंगे तो आप गुलामी के स्थायीकरण के लिए बराबर के जिम्मेदार होंगे।
हर एक मिनट मायने रखता है, हर एक बच्चा मायने रखता है, हर एक बचपन मायने रखता है।
मैं अपने अनुभव से यह कहना चाहता हूं कि आपको अपने दिल का बात सुननी चाहिए। इससे आपका मन आपके पीछे खुद आ जाएगा।
आर्थिक विकास और मानव विकास साथ-साथ होना चाहिए। मानवीय मूल्यों की वकालत करने की सख्त ज़रूरत है।
मैं इस बात को मानने से इंकार करता हूं कि गुलामी की बेड़ियां कभी भी आजादी की तलाश से ज्यादा मजबूत हो सकती हैं।
चलिए अन्धकार से प्रकाश की ओर बढें, चलिए मृत्यु से देवत्व की ओर बढें, चलिए हम आगे बढें।
यह भी पढ़ें: 60+ डॉ. मनमोहन सिंह के प्रसिद्ध उद्धरण
कैलाश सत्यार्थी के अनमोल विचार
कैलाश सत्यार्थी के विचार विद्यार्थियों को हमेशा ही एक नई दिशा दिखाने का कार्य तो करेंगे ही, साथ ही शिक्षा के महत्व के बारे में छात्रों को समझाएंगे। विद्यार्थियों के लिए Kailash Satyarthi Quotes in Hindi कुछ इस प्रकार हैं-
मेरे लिए, शांति हर बच्चे का एक मौलिक मानवाधिकार है, यह अनिवार्य है और दिव्य है।
मैं एक ऐसी दुनिया का सपना देखता हूँ जहाँ बाल श्रम ना हो, एक ऐसी दुनिया जिसमे हर बच्चा स्कूल जाता हो। एक ऐसी दुनिया जहाँ हर बच्चे को उसका मौलिक अधिकार मिले।
मैं शोषण से शिक्षा की ओर, और गरीबी से साझा समृद्धि की ओर प्रगति करने के लिए कहता हूँ।
मैं ऐसी दुनिया का सपना देखता हूँ जहाँ बाल श्रम ना हो।
शिक्षा पाने का अधिकार हर बच्चे का मौलिक अधिकार है, इसकी पैरवी मैं जीवन भर करूँगा।
शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जो बाल श्रम को रोक सकता है और समाज को सभ्य बना सकता है।
अन्धकार से प्रकाश की ओर बढें, चलिए मृत्यु से देवत्व की ओर बढें।
बच्चों को सपने देखने से रोकना एक महापाप है, जो मानव का पतन कर सकता है।
आप सीखने, स्कूल जाने और सबसे ऊंचा सपने देखने के लिए पूरी तरह आज़ाद हो।
हर एक मिनट, हर एक बच्चा और हर एक जीवन मायने रखता है।
कैलाश सत्यार्थी के प्रेरणादाई विचार
कैलाश सत्यार्थी के प्रेरणादाई विचार निम्नलिखित हैं, जो आपको प्रेरित करने का काम करेंगे –
आप आगे बढ़ने और खुद का विकास करने के लिए आज़ाद हो।
जीवन में बहुत सारे काम अभी भी बाकि है लेकिन, मैं अपने जीवन में बाल श्रम का अंत अवश्य देखूंगा।
अगर आप इन परिस्थितियों में गुलाम बच्चों द्वारा बनायीं गयी चीजें खरीदते रहेंगे तो आप गुलामी के स्थायीकरण के लिए बराबर के जिम्मेदार होंगे।
इस आधुनिक दुनिया में पीड़ित लाखों बच्चों की दुर्दशा समझने के लिए, मैं नोबल कमिटी का शुक्रगुज़ार हूँ।
आज मानवता के दरवाजे पर दस्तक देने वाला सबसे बड़ा संकट असहिष्णुता है।
मैं अपने अनुभव से यह कहना चाहता हूं कि आपको अपने दिल की बात सुननी चाहिए।
मैं हजारों महात्मा गांधी , मार्टिन लूथर किंग और नेल्सन मंडेलाओं को आगे बढ़ते और हमें बुलाते हुए देखता हूँ।
चलिए, हम हमारे बच्चों के प्रति करुणा के माध्यम से दुनिया को एकजुट करते हैं।
गरीबी, बाल श्रम और अशिक्षा के बीच एक त्रिकोणीय सम्बन्ध है, जिनमे कारण और परिणाम का नाता हमेशा होता है, हमें इस दुष्चक्र को तोडना होगा।
अब हर गरीब यह महसूस कर रहा है कि शिक्षा ही वो साधन है, जो उन्हें सशक्त बना सकता है।
कैलाश सत्यार्थी के विशेष विचार
कैलाश सत्यार्थी के विशेष विचार (Kailash Satyarthi Quotes in Hindi) कुछ इस प्रकार हैं –
जब में एक बच्चे को देखता हूँ तो मुझे उन में भगवान दिखाई देते हैं और उसी भगवान के मैं दर्शन करता हूँ।
बचपन छीन लेना और स्वतंत्रता ना देना सबसे बड़े पाप हैं।
बचपन का मतलब है सादगी, इस दुनिया को बच्चों की नज़र से देखो यह बहुत ही ख़ूबसूरत है।
एक ऐसी प्रगति जो गुलामी से आज़ादी की ओर हो, एक ऐसी प्रगति जो हिंसा से शांति की ओर हो।
सबसे बड़ा संकट जो आज मानवता के दरवाजे पर दस्तक दे रहा है, वो है असहिष्णुता।
चाइल्ड स्लेवरी मानवता के खिलाफ एक अपराध है।
मानवता खुद यहां दांव पर है, ऐसे में बाल मजदूरी का रास्ता समाज को क्रूरता की ओर ले जाएगा।
अगर अभी नहीं, तो कब? अगर तुम नहीं, तो कौन? अगर हम इन मौलिक सवाओं का उत्तर दे सकें, तो शायद हम सब ह्यूमन स्लेवरी का दाग मिटा सकें।
बाल श्रम गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, जनसंख्या वृद्धि और अन्य सामाजिक समस्याओं को जन्म देता है।
मैं एक ऐसी दुनिया का सपना देखता हूँ जहां बाल श्रम ना हो।
कैलाश सत्यार्थी के सामाजिक विचार
कैलाश सत्यार्थी के सामाजिक विचार आपको समाज के प्रति जागरूक करने का काम करेंगे, जो कुछ इस प्रकार हैं –
चलिए, हम हमारे बच्चों के प्रति करुणा के माध्यम से दुनिया को एकजुट एक साथ करते हैं।
बच्चों को गुलाम बनाना मानवता के खिलाफ एक अपराध है।
बालश्रम किसी भी सभ्य समाज के माथे पर कलंक के समान होता है।
मैं कभी मंदिर नहीं जाता लेकिन जब मैं किसी बच्चे को देखता हूँ, तो मैं उसमे भगवान देखता हूँ।
मानवीय मूल्यों की वकालत करने की सख्त जरूरत है।
मैं सकारात्मक हूँ कि मैं अपने जीवन काल में बाल श्रम का अंत देख सकता हूँ।
बचपन छीन लेना और गुलाम बना कर रखना, सबसे बड़े पाप है।
आज मैं हर महासागर की हर लहर में, बच्चों को खेलते और नृत्य करते देखता हूं।
आज मैं, हर पौधे, पेड़ और पहाड़ में यह देखता हूं कि हमारे बच्चे स्वतंत्रता से बढ़ रहे हैं।
चलिए हम हमारे बच्चोंं के प्रति करूणा के माध्यम से दुनिया को एक जुट करते हैं।
FAQs
कैलाश सत्यार्थी एक प्रसिद्ध बाल अधिकार कार्यकर्ता और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता हैं।
कैलाश सत्यार्थी के उद्धरण समाज को प्रेरणा, मानवता, और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य करते हैं।
कैलाश सत्यार्थी को वर्ष 2014 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
कैलाश सत्यार्थी के प्रसिद्ध उद्धरण निम्नलिखित हैं-
“हर बच्चा आज़ादी, शिक्षा और सुरक्षा का हकदार है।”
“हमारा समाज तभी प्रगति करेगा जब हर बच्चा अपने सपने पूरे कर सके।”
“बच्चों की मुस्कान दुनिया की सबसे खूबसूरत चीज है।”
कैलाश सत्यार्थी के उद्धरण का उपयोग प्रेरणादायक भाषणों, निबंधों, सोशल मीडिया पोस्ट्स, बाल अधिकारों से जुड़े अभियानों, और शैक्षिक सामग्री में किया जा सकता है। उनके विचार हमारा मार्गदर्शन करने का काम करते हैं।
कैलाश सत्यार्थी के उद्धरण बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करते हैं और उन्हें प्रेरित करते हैं कि वे शिक्षा और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करें।
कैलाश सत्यार्थी के विचारों से समाज में बच्चों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने में मदद मिलती है, इसके साथ ही उनके विचार बच्चों को शिक्षित और सुखी रहने के लिए प्रेरित करते हैं।
कैलाश सत्यार्थी के उद्धरण का हिंदी में संग्रह उनकी आधिकारिक वेबसाइट, उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों, और प्रेरणादायक उद्धरणों पर आधारित ब्लॉग्स से मिल सकता है।
कैलाश सत्यार्थी का जन्म 11 जनवरी 1954 को भारत के विदिशा में हुआ था।
कैलाश सत्यार्थी का सबसे प्रसिद्ध उद्धरण है – “हर बच्चा एक अलग कहानी है, और हर कहानी का अंत खुशहाल होना चाहिए।”
यह भी पढ़ें – सफलता पर अनमोल विचार
संबंधित आर्टिकल
आशा है कि इस लेख में दिए गए कैलाश सत्यार्थी के विचार (Kailash Satyarthi Quotes in Hindi) आपको पसंद आए होंगे। इसी प्रकार के कोट्स पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।