Namdapha Rashtriya Udyan: भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में स्थित अरुणाचल प्रदेश, जैव विविधता और प्राकृतिक सुंदरता का खजाना है। इसी राज्य की गोद में नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान बसा हुआ है, यह एक ऐसा अद्भुत उद्यान है जो प्रकृति प्रेमियों, शोधकर्ताओं और पर्यावरणविदों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं। बता दें कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 1983 में अधिसूचित यह राष्ट्रीय उद्यान न केवल भारत का तीसरा सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है, बल्कि यह देश का एकमात्र ट्राई-फ्लोरा (तीन प्रकार की वनस्पति क्षेत्र वाली) और ट्राई-फौना (तीन प्रकार के जीव-जंतुओं वाली) संरक्षित क्षेत्र भी माना जाता है। इसलिए इस लेख में आपके लिए नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान (Namdapha Rashtriya Udyan) की विस्तृत जानकारी दी गई है। नमदाफा नेशनल पार्क के बारे में जानने के लिए इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
उद्यान का नाम | नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान |
स्थान | चांगलांग जिला, अरुणाचल प्रदेश |
स्थापना वर्ष | 1983 (राष्ट्रीय उद्यान के रूप में अधिसूचित) |
क्षेत्रफल | लगभग 1985.23 वर्ग किलोमीटर (कोर जोन) और 4000 वर्ग किलोमीटर से अधिक (टोटल) |
प्रसिद्धि का कारण | भारत का एकमात्र पार्क जहाँ चारों बड़ी बिल्ली प्रजातियाँ पाई जाती हैं |
मुख्य जीव | बाघ, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, बादल तेंदुआ, लाल पांडा, हूलॉक गिब्बन |
मुख्य पक्षी प्रजातियाँ | ग्रेट हॉर्नबिल, वाइट-विंग्ड वुड डक, ट्रगोपन आदि |
जैव विविधता हॉटस्पॉट | हाँ (हिमालयन जैव विविधता हॉटस्पॉट का हिस्सा) |
निकटतम रेलवे स्टेशन | तिनसुकिया (असम) |
निकटतम हवाई अड्डा | डिब्रूगढ़ (असम) |
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नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान किसके लिए प्रसिद्ध है?
नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान न केवल अपने समृद्ध वन्यजीव और हरियाली के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह भारत के सबसे शांत, सुरम्य और जैव विविधता से भरपूर राष्ट्रीय उद्यानों में से एक माना जाता है। बताना चाहेंगे न केवल देश का सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र है, बल्कि यह कई दुर्लभ और विलुप्तप्राय प्रजातियों का भी घर है। बता दें कि निम्नलिखित कारणों के चलते नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान प्रसिद्ध है –
- नमदाफा नेशनल पार्क भारत-म्यांमार अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित है और डिफांग तथा नो-दा-दिहिंग नदियों से घिरा है। यहाँ मौजूद विविध वनस्पति, जीव-जंतु और प्रकृति का विहंगम दृश्य इस नेशनल पार्क को और भी ख़ास बनाता है।
- इस नेशनल पार्क की समुद्र तल से ऊंचाई 200 मीटर से लेकर 4,500 मीटर तक जाती है, जिससे यहाँ अल्पाइन से लेकर ट्रॉपिकल रेनफॉरेस्ट तक की सभी जैव विविधताएँ पाई जाती हैं।
- इस उद्यान में चार प्रमुख बड़ी बिल्ली प्रजातियाँ- “बंगाल टाइगर, तेंदुआ, क्लाउडेड लेपर्ड और स्नो लेपर्ड” आदि पाई जाती हैं, जो इसे और भी अनोखा बनाता है।
- नमदाफा में पाए जाने वाले उष्णकटिबंधीय वर्षावन दुनिया के सबसे पुराने वन क्षेत्रों में गिने जाते हैं। यह क्षेत्र भारतीय हॉटस्पॉट्स ऑफ बायोडायवर्सिटी का हिस्सा है।
- इस क्षेत्र में लिसु, तांगसा और सिंग्फो जैसे जनजातीय समुदाय भी रहते हैं जो जंगलों के साथ अपने पारंपरिक तालमेल और जीविका पद्धति के लिए जाने जाते हैं।
- यहां इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए आधारभूत संरचनाएं विकसित की गई हैं, जिसमें ट्रैकिंग ट्रेल्स, जंगल सफारी, और बर्ड वॉचिंग ज़ोन आदि बेहद लोकप्रिय हैं।
नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान के बारे में
यह राष्ट्रीय उद्यान चांगलांग ज़िले में स्थित है और लगभग 1985.23 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यह क्षेत्र भारत, म्यांमार और चीन की सीमा के पास स्थित है, जिससे इसकी भौगोलिक स्थिति और अधिक संवेदनशील और विशिष्ट हो जाती है। नामदाफा को यूनेस्को के संभावित विश्व धरोहर स्थलों की सूची में भी शामिल किया गया है, जो इसकी वैश्विक पर्यावरणीय महत्ता को दर्शाता है।
बता दें कि नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान को ‘हॉटस्पॉट ऑफ बायोडायवर्सिटी’ भी कहा जाता है, क्योंकि यहां विश्व के चार बड़े बिल्ली प्रजाति के जीव – बंगाल टाइगर, हिम तेंदुआ (स्नो लेपर्ड), सामान्य तेंदुआ और क्लाउडेड लेपर्ड, एक साथ पाए जाते हैं।बताना चाहेंगे यह भारत का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान है जहां यह चारों बड़ी बिल्लियाँ एक ही सीमा के भीतर मिलती हैं, जो इस राष्ट्रीय उद्यान को और भी ख़ास बनाती है।
नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार नमदाफा का इतिहास वर्ष 1972 में शुरू होता है, जब इसे एक वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था। इसके बाद वर्ष 1983 में भारत सरकार ने इसकी दुर्लभ जैव विविधता को संरक्षित करने के उद्देश्य से इसे राष्ट्रीय उद्यान और प्रोजेक्ट टाइगर रिज़र्व घोषित किया। यह घोषणा भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के दिशा-निर्देशों के अनुसार की गई थी।
बताना चाहेंगे ‘नमदाफा’ नाम दरअसल दो शब्दों से बना है, जिसमें ‘नमा’ का अर्थ जंगल और ‘दाफा’ जो स्थानीय डाफला जनजाति के क्षेत्र को दर्शाता है। इस उद्यान की एक खास बात यह है कि यह समुद्र तल से लगभग 200 मीटर की ऊंचाई से लेकर 4,571 मीटर तक फैला है। इस भौगोलिक विविधता की वजह से यहां चार प्रमुख प्रकार की जलवायु – उष्णकटिबंधीय वर्षा वन, उपोष्ण कटिबंधीय वन, समशीतोष्ण वन और अल्पाइन वन पाई जाती है। यही कारण है कि यहां पक्षियों से लेकर स्तनधारियों तक, अनेक दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजातियाँ निवास करती हैं।
नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान की जैव विविधता
नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान की सबसे बड़ी खासियत इसकी जैव विविधता है। बताते चलें कि यहां पर पक्षियों की 500 से अधिक प्रजातियाँ, स्तनधारियों की 100 से ज्यादा प्रजातियाँ, 300 से अधिक तितलियाँ, सरीसृपों की कई दुर्लभ प्रजातियाँ और हजारों किस्म की वनस्पतियाँ पाई जाती हैं। यह भारत का एकमात्र उद्यान है जहां चारों बड़ी बिल्ली प्रजातियाँ – बंगाल टाइगर, हिम तेंदुआ (Snow Leopard), सामान्य तेंदुआ (Leopard) और बादलदार तेंदुआ (Clouded Leopard) पाई जाती हैं।
इसके अलावा यहाँ रेड पांडा, हूलॉक गिबन (भारत का एकमात्र बंदर जो झूले पर चल सकता है), वाइल्ड डॉग, ताम्रध्वज सींग वाला गैंडा जैसे जीव भी पाए जाते हैं, जो इसे और भी अधिक खास बनाते हैं। इसके साथ ही यहाँ हॉर्नबिल, सफेद पंखों वाला वुडलैंड डक, हिमालयन मोनाल और ट्रैगोपान जैसे पक्षी पाए जाते हैं। यहाँ के उष्णकटिबंधीय वर्षा वन और समशीतोष्ण जंगल इन सभी जीवों को आश्रय देते हैं। बता दें कि इसके संरक्षण हेतु भारत सरकार ने “प्रोजेक्ट टाइगर”, “इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ वाइल्डलाइफ हैबिटैट्स” तथा “नेशनल मिशन ऑन हिमालयन स्टडीज” जैसी योजनाएं लागू की हैं।
नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान के प्रमुख आकर्षण केंद्र
नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान के प्रमुख आकर्षण केंद्र की जानकारी निम्नलिखित है –
- यहाँ चार बड़ी बिल्ली प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जो इस उद्यान की जैव विविधता की महिमा गाती हैं। यह भी यहाँ का मुख्य आकर्षण हैं।
- यह पार्क बर्ड वाचिंग के लिए स्वर्ग के समान है। यहां 500 से अधिक पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें कुछ दुर्लभ व लुप्तप्राय प्रजातियाँ शामिल हैं। यह सभी आकर्षण का एक मुख्य आकर्षण हैं।
- जिससे यहां विभिन्न जलवायु और पारिस्थितिक ज़ोन उष्णकटिबंधीय वर्षावन, उपोष्णकटिबंधीय वनों, समशीतोष्ण वन, अल्पाइन घासभूमि आदि उपस्थित हैं, जो वनस्पति और जीव-जंतुओं के लिए एक बड़े खजाने जैसा है।
- नमदाफा की यात्रा पूरी तरह से प्रकृति के संग होती है। बता दें कि यहाँ किसी भी प्रकार के मोटर वाहन की अनुमति नहीं है, जिससे ट्रैकिंग और ट्रेकिंग एक रोमांचक अनुभव बन जाता है।
- पार्क के अंदर स्थित देबन एक प्रमुख टूरिस्ट बेस कैंप है। यहां ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी नो-डिहिंग के किनारे कैंपिंग और रिवर साइड ट्रेल्स का आनंद लिया जा सकता है।
नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान से संबंधित रोचक तथ्य
नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि एक संरक्षित प्राकृतिक धरोहर है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल की तरह है। इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य निम्नलिखित हैं-
- नामदाफा भारत का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान है जहाँ बाघ (Tiger), तेंदुआ (Leopard), बादल तेंदुआ (Clouded Leopard) और हिम तेंदुआ (Snow Leopard) चारों पाए जाते हैं।
- नामदाफा का कुल क्षेत्रफल लगभग 1985.23 वर्ग किलोमीटर है, जिससे यह हेमिस और सुण्डर्बन के बाद भारत का तीसरा सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान बनता है।
- यह पार्क लगभग 1000 से अधिक पौधों की प्रजातियों, 400 से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियों और 200 से अधिक स्तनधारियों का घर है।
- भारतीय वन अनुसंधान संस्थान (FRI) और वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) द्वारा यहाँ समय-समय पर जैव विविधता पर शोध किए जाते हैं।
- ग्रेट हॉर्नबिल, ब्लाइथ्स ट्रैगोपैन और सफेद परों वाला वुड डक यहाँ के प्रमुख पक्षियों में हैं। यह पार्क ‘बर्डलाइफ इंटरनेशनल’ द्वारा एक इम्पोर्टेंट बर्ड एरिया (IBA) घोषित है।
- नामदाफा में मल्टी-डे ट्रेकिंग, कैंपिंग और लोकल ट्राइब्स (लिसु जनजाति) के साथ संस्कृति का अनुभव किया जा सकता है। हालांकि यहाँ पर्यटन नियंत्रित रूप से होता है।
FAQs
नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान (Namdapha Rashtriya Udyan) भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य के चांगलांग जिले में स्थित है। यह पूर्वोत्तर भारत का एक प्रमुख जैव विविधता क्षेत्र है।
नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान (Namdapha Rashtriya Udyan) की स्थापना वर्ष 1983 में की गई थी ताकि इस क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता और वन्य जीवों की रक्षा की जा सके।
नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान लगभग चार हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है, जो इसे भारत के सबसे बड़े राष्ट्रीय उद्यानों में से एक बनाता है।
यहां बाघ, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, लाल पांडा, हाथी, हूलॉक गिब्बन और कई दुर्लभ पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान घूमने का सबसे अच्छा समय नवंबर से मार्च के बीच होता है, जब मौसम ठंडा और सुहावना होता है।
यह क्षेत्र अरुणाचल प्रदेश में आता है, इसलिए भारतीय पर्यटकों को इनर लाइन परमिट (ILP) और विदेशी पर्यटकों को विशेष परमिट की आवश्यकता होती है।
नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान को इसीलिए विशिष्ट माना जाता है क्योंकि यह भारत का एकमात्र पार्क है जहाँ चार बड़ी बिल्ली प्रजातियाँ (बाघ, तेंदुआ, हिम तेंदुआ और बादल तेंदुआ) पाई जाती हैं। साथ ही, यहां विभिन्न जलवायु क्षेत्रों में सैकड़ों वनस्पति और जीव प्रजातियाँ मौजूद हैं।
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