Corbett Rashtriya Udyan: जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का हिस्सा है। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है। यह भारत के सबसे पहला राष्ट्रीय उद्यान है। जिम कॉर्बेट बाघों के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। इसकी स्थापना साल 1936 में हेली नेशनल पार्क के रूप में की गई थी। इसी उद्यान में साल 1973 में पहली बार प्रोजेक्ट टाइगर लॉन्च किया गया था। यह पर्यटकों के लिए सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है। इस ब्लॉग में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Corbett Rashtriya Udyan) के बारे के विस्तार से जानकारी दी गई है। यदि आप इस बारे में अधिक जानने की इच्छा रखते हैं तो इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।
उद्यान का नाम | जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क |
1936 | 1936 (हेली नेशनल पार्क के रूप में स्थापित) |
वर्तमान नामकरण | 1956 में जिम कॉर्बेट के सम्मान में नामित |
स्थान | नैनीताल जिला, उत्तराखंड, भारत |
क्षेत्रफल | 520.8 वर्ग किलोमीटर (कोर क्षेत्र), कुल रिज़र्व क्षेत्र लगभग 1,318 वर्ग किलोमीटर |
प्रमुख वनस्पति | साल (Shorea robusta), हल्दु, पीपल, रोहिणी, आम के पेड़; कुल 110 वृक्ष प्रजातियाँ |
प्रमुख जीव-जंतु | बंगाल टाइगर, एशियाई हाथी, भारतीय तेंदुआ, चीतल, सांभर, नीलगाय, जंगली सूअर, पक्षियों की 580 प्रजातियाँ, 25 सरीसृप प्रजातियाँ |
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जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क किसके लिए प्रसिद्ध है?
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Corbett Rashtriya Udyan) निम्न कारणों से प्रसिद्ध है:
- जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क सबसे मुख्य रूप से बाघों के लिए प्रसिद्ध है। प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत 1973 में यहीं से हुई थी। यह पार्क भारत में बंगाल टाइगर के संरक्षण का एक प्रमुख केंद्र है।
- यह उद्यान भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान है। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की स्थापना 1936 में हेली नेशनल पार्क के रूप में हुई थी।
- जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क इसकी जैव विविधता के कारण भी प्रसिद्ध है। यहाँ स्तनधारी, पक्षी, सरीसृप और वनस्पतियों की सैकड़ों प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के प्राकृतिक सौंदर्य के कारण भी लोग इसे बहुत पसंद करते हैं। इस पार्क में पहाड़, नदी, घास के मैदान, साल के घने जंगल और सुंदर घाटियाँ पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।
- रामगंगा नदी जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का एक अन्य कारण है जिसकी वजह से लोग यहां आते हैं। यह नदी उद्यान के बीच से बहती है और कई जीवों के लिए जीवनदायिनी है।
- जंगल सफारी, बर्ड वॉचिंग, फोटोग्राफी और नेचर टूरिज्म के कारण भी यह उद्यान बहुत प्रसिद्ध है।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के बारे में
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क भारत के पहला राष्ट्रीय उद्यान है। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में स्थित है। यह पार्क प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव प्रेमियों द्वारा बहुत पसंद किया जाता है। यह पार्क बिजरानी, ढिकाला, झिरना और दुर्गादेवी ज़ोन नामक चार अलग-अलग क्षेत्रों में विभाजित है। यह पार्क 520 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। हर साल देश विदेश के विभिन्न क्षेत्रों से 70,000 अधिक पर्यटक यहां आते हैं। यहां सबसे अधिक लोग रॉयल बंगाल टाइगर्स को देखने के लिए आते हैं। कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र 520 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है जबकि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व क्षेत्र 1318 वर्ग किलोमीटर में फैला है। यह पार्क समुद्र तल से 385-1100 मीटर ऊपर स्थित है। पार्क में साल भर में लगभग 1400-2800 मिमी की वर्षा होती है। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क अपनी सुंदरता और जैव विविधता के कारण लोगों के बीच बहुत प्रसिद्ध है।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का इतिहास
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के इतिहास की बात करें तो यह भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की स्थापना साल 1936 हेली नेशनल पार्क के नाम से हुई थी। 1950 के मध्य में इसका नाम बदलकर रामगंगा भी कर दिया गया था लेकिन साल 1956 में इस पार्क का नाम जिम कॉर्बेट के सम्मान में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कर दिया गया था। 1936 में इसकी स्थापना बंगाल टाइगर की सुरक्षा और संरक्षण के लिए की गई थी। कॉर्बेट पार्क में पहाड़ियाँ, नदी के किनारे, घास के मैदान और एक बड़ी झील शामिल है। यहां साल, पीपल, रोहिणी, हल्दू, सन्टी, स्प्रूस, बांस और आम के पेड़ों के घने नम पर्णपाती जंगल भी देखे जा सकते हैं।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में वनस्पति और जीव
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Corbett Rashtriya Udyan) में अलग अलग प्रकार की वनस्पति और जीव देखे जा सकते हैं जिनके बारे में जानकारी यहां दी गई है:
- साल जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में पार्क में सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला वृक्ष है।
- पार्क में शीशम मजबूत लकड़ी वाला पेड़, नदियों के किनारे अधिक मिलता है।
- पीपल, बड़, कच्चन, बेल, जामुन, सेमर अन्य प्रमुख वृक्ष प्रजातियाँ भी देखी जा सकती है।
- पार्क में झाड़ियाँ और बांस बड़ी मात्रा में देखने को मिलते हैं।
- देशभर में बंगाल टाइगर यह पार्क बाघ संरक्षण का पहला केंद्र है।
- यहां एशियाई हाथी बड़ी संख्या में देखे जाते हैं।
- यह चीतल, नीलगाय, जंगली सूअर, रीछ, तेंदुआ, लकड़बग्घा, गोल्डन जैकल भी देखने को मिलते हैं।
- पार्क में पक्षियों की प्रमुख प्रजातियां ग्रेट हॉर्नबिल, रैकेट-टेल ड्रोंगो, क्रेस्टेड सर्पेंट ईगल, किंगफिशर, बया वीवर, वुडपेकर और माइग्रेटरी बर्ड्स भी देखने को मिलते हैं।
- यहां मगरमच्छ, घड़ियाल, किंग कोबरा, पाइथन, वाइपर, मेंढक, टॉड्स और छोटे और बड़े उभयचर जानवर देखे जा सकते हैं।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के प्रमुख आकर्षण
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के प्रमुख आकर्षण यहां दिए गए हैं:
- यह पार्क प्रोजेक्ट टाइगर का पहला केंद्र है और यहाँ बाघों को प्राकृतिक वातावरण में देखने का दुर्लभ अवसर मिलता है।
- जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का एक प्रमुख आकर्षण रामगंगा नदी है। यह सुंदर नदी पार्क के बीच से बहती है और यहाँ के पारिस्थितिक तंत्र को जीवन देती है।
- पार्क का धिकाला ज़ोन एक प्रमुख आकर्षण केंद्र है। यह पार्क का सबसे बड़ा और लोकप्रिय क्षेत्र है, जहाँ ठहरने और वन्यजीवों को नज़दीक से देखने की सुविधा उपलब्ध है।
- यहां के पक्षी भी लोगों को पार्क की ओर आकर्षित करते हैं। बर्ड वॉचिंग के लिए यहाँ लगभग 580 से अधिक पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जो पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग जैसी जगह है।
- झीरना और बिजरानी ज़ोन सफारी लवर्स को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
- जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के अन्य आकर्षण है इसके कैंपिंग और नेचर ट्रेल्स, कॉर्बेट म्यूज़ियम, फोटोग्राफी प्लेसेज, स्थानीय संस्कृति और भोजन आदि।
FAQs
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान भारत का एक राष्ट्रीय उद्यान है जो उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में स्थित है। यह भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान है, इसकी स्थापना 1936 में ब्रिटिश राज के दौरान हुई थी और इसका नाम विलियम मैल्कम हैली के नाम पर हैली राष्ट्रीय उद्यान रखा गया था, जो उस समय संयुक्त प्रांत के गवर्नर थे।
1954-1955 में रिजर्व का नाम बदलकर रामगंगा राष्ट्रीय उद्यान कर दिया गया और 1955-1956 में इसका नाम बदलकर लेखक और प्रकृतिवादी जिम कॉर्बेट के नाम पर कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान कर दिया गया।
भारत का पहला बाघ अभयारण्य जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान है।
कॉर्बेट पार्क भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान है जिसकी स्थापना 1936 में हुई थी और इसका नाम हैली नेशनल पार्क रखा गया था। 1957 में, इस पार्क का नाम बदलकर स्वर्गीय जिम कॉर्बेट की याद में कॉर्बेट नेशनल पार्क कर दिया गया, जो एक महान प्रकृतिवादी और प्रख्यात संरक्षणवादी थे।
कॉर्बेट में भारत के किसी भी एक टाइगर रिजर्व की तुलना में सबसे ज़्यादा 260 बाघ हैं। इतना कहने के बाद, कॉर्बेट अपने विविध परिदृश्य, खड़ी चढ़ाई, घास के मैदान और घुमावदार नदियों के कारण अन्य टाइगर रिजर्व से अलग है। 1288.31 वर्ग किलोमीटर में फैला यह इलाका सिर्फ़ बाघों को देखने से कहीं ज़्यादा है।
रामगंगा नदी अपनी सहायक नदियों, पलैन, मंडल और सोनानदी के साथ जिम कॉर्बेट पार्क के लिए प्रमुख जल विज्ञान संसाधन के रूप में काम करती है। रामगंगा नदी विशाल गंगा की एक सहायक नदी है, जो हिमालय की दूधातोली पर्वतमाला से निकलती है और जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान से गुज़रने के लिए दक्षिण-पश्चिम में बहती है।
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