जन्माष्टमी, जिसे श्री कृष्ण जन्माष्टमी भी कहा जाता है, भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जो भगवान विष्णु के आठवें अवतार माने जाते हैं। प्रत्येक वर्ष श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को यह उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। जन्माष्टमी का यह त्योहार भक्तों के लिए एक विशेष अवसर है, जब वे भगवान श्री कृष्ण की बाल लीला और उनके अद्भुत चरित्र को याद करते हैं। इसलिए इस ब्लॉग में जन्माष्टमी क्या है (Janmashtami in Hindi) और इसे क्यों मनाया जाता है के बारे में बताया गया है।
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क्या है जन्माष्टमी?
जन्माष्टमी (Janmashtami in Hindi) हिन्दू धर्म का एक पारंपरिक त्योहार है, जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिवस के अवसर पर मनाया जाता है। श्रीकृष्ण का जन्म हिन्दू पंचांग (लुनर कैलेंडर) के भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की आषाढ़ा मासी तिथि को हुआ था। जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के बचपन के किस्से और लीलाएं सुनाई जाती हैं और उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। यह त्योहार भक्तों के लिए आराधना, कीर्तन, आरती और व्रत का एक अच्छा अवसर होता है। साथ ही जन्माष्टमी का त्यौहार भारत के विभिन्न हिस्सों में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
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जन्माष्टमी कब मनाई जाती है?
जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। यह तिथि भारतीय पंचांग के अनुसार आमतौर पर अगस्त या सितंबर महीने में आती है, जो की हिन्दू कैलेंडर चंद्रमास पर आधारित है। जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है और यह विशेष रूप से आधी रात को आयोजित होती है, जब श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।
जन्माष्टमी का इतिहास
जन्माष्टमी का उत्सव मनाने का प्राचीन इतिहास है (History of Janmashtami in Hindi ) और इसकी शुरुआत हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण तिथियों और पर्वों के रूप में हुई। इसका प्रमुख कारण भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के महत्व का ज्ञान और उनके जीवन के महत्वपूर्ण घटनाओं के आदर्शों के प्रति श्रद्धा और भक्ति है।
जन्माष्टमी का उत्सव कैसे शुरू हुआ, इसके कई प्रकार की पुरानी कथाएं और पौराणिक किस्से मिलते हैं, लेकिन इस त्यौहार की सबसे प्रमुख कथा है- वसुदेव के घर में श्रीकृष्ण का जन्म।
माना जाता है कि भगवान कृष्ण का जन्म रानी देवकी और राजा वासुदेव के यहाँ हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि उनका जन्म मथुरा राज्य की जेल में हुआ था, जहाँ उनके माता-पिता को देवकी के भाई राजा कंस ने कैद कर दिया था। कथाओं के अनुसार एक भविष्यवाणी हुई थी की देवकी की आठवीं संतान उसका विनाशक होगी, इसलिए राजा कंस ने देवकी और उनके पति को कैद कर लिया। देवकी और वसुदेवइन को कैद करने के बावजूद, कृष्ण का जन्म रात के अंधेरे में हुआ और उन्हें गुप्त रूप से गोकुल ले जाया गया, जहाँ उनका पालन-पोषण उनके पालक माता-पिता, नंद और यशोदा ने किया।
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जन्माष्टमी का महत्व
जन्माष्टमी (Janmashtami in Hindi) का त्यौहार न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यह त्योहार भारतीय संस्कृति के मूल्यों और परंपराओं को प्रकट करता है और एकता, सद्भावना, और धार्मिकता की महत्वपूर्ण भावनाओं को बढ़ावा देता है। इस दिन के लिए मंदिरों को विशेष तौर पर सजाया जाता है। कुछ स्थानों पर जन्माष्टमी पर दही-हांडी का भी उत्सव होता है। वैसे तो यह त्यौहार दुनिया भर में मनाया जाता है, लेकिन यह विशेष रूप से मथुरा में प्रसिद्ध है जो भगवान कृष्ण की जन्मस्थली है। दूसरी ओर, वृन्दावन में भी वैसा ही उत्सव देखा जा सकता है क्योंकि कृष्ण ने अपना बचपन वहीं बिताया था।
2024 में कब मनाई जाएगी जन्माष्टमी?
साल 2024 में जन्माष्टमी (Janmashtami in Hindi) 26 अगस्त को मनाई जाएगी।
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जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है?
जन्माष्टमी (Janmashtami in Hindi) का मुख्य उद्देश्य भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की महत्वपूर्ण घटना का स्मरण करना है। श्रीकृष्ण का जन्म धर्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है और यह दिन उनके भक्तों के लिए एक अवसर होता है उनके जीवन और उनकी दिव्य लीलाओं को याद करने का। जन्माष्टमी के दिन भक्त भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और उनके चरणों में भक्ति और समर्पण दिखाते हैं। इस तरीके से वे अपने आध्यात्मिक जीवन को मजबूत करते हैं।
जन्माष्टमी कैसे मनाई जाती है?
जन्माष्टमी (Janmashtami in Hindi) को मनाने के बारे में यहाँ बताया गया है :
- अधिकांश लोग जन्माष्टमी को अपने स्थानीय मंदिरों या धार्मिक स्थलों पर मनाते हैं। वहां भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को सजाकर पूजा अर्चना की जाती है और आरती की जाती है।
- जन्माष्टमी के दिन भगवान के जन्म की रात को रासलीला का आयोजन किया जाता है, जिसमें भक्त भगवान के लीला नृत्य करते हैं।
- जन्माष्टमी के दिन धार्मिक कथाएं और किस्से सुनाए जाते हैं, जो भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े होते हैं।
- जन्माष्टमी पर भक्तों द्वारा व्रत (उपवास) भी रखा जाता है।
- कुछ स्थलों पर भगवान की महारास नामक लीला का प्रदर्शन किया जाता है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण गोपियों के साथ नृत्य करते हैं।
- जन्माष्टमी के दिन कई जगहों पर दही हांड़ी जैसे खेलों का भी आयोजन किया जाता है, जहां लोगों के समूह दही से भरे मिट्टी के बर्तन को तोड़ने के लिए मानव पिरामिड बनाते हैं, जो कृष्ण के मक्खन के प्रति प्रेम और उनके चंचल स्वभाव का प्रतीक है।
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जन्माष्टमी से जुड़े तथ्य
रिसर्च, स्टडी और रिपोर्ट्स के अनुसार जन्माष्टमी (Janmashtami in Hindi) से जुड़े तथ्य यहाँ दिए गए हैं :
- भगवान कृष्ण के कुल 108 नाम हैं, जिनमें गोविंद, गोपाल, घनश्याम, गिरधारी, मोहन, बांके बिहारी, बनवारी, चक्रधर, देवकीनंदन, हरि और कन्हैया प्रमुख हैं।
- प्रचलित लोककथा के अनुसार अपने गुरु संदिपनी को गुरु दक्षिणा देने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने उनके मृत बेटे को जीवित कर दिया था।
- कृष्ण देवकी की आठवीं संतान थे।
- श्रीकृष्ण से भगवत गीता सबसे पहले अर्जुन ने नहीं, बल्कि हनुमान और संजय ने सुनी थी।
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FAQ
2024 में कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त के दिन है।
जन्माष्टमी हिन्दू धर्म में भगवान कृष्ण के जन्मदिन की खुशी में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है।
जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है।
जन्माष्टमी के दिन भक्तजन भगवान कृष्ण के मन्दिरों में जाते हैं, व्रत रखते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं और उनके चरित्र के कथानकों को सुनते हैं।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Janmashtami in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।