एजुकेशन मिनिस्ट्री की ओर से प्रस्तावित सिंगल हायर एजुकेशन रेगुलेटर के दायरे में IIT, IIM, NIT और IISER सहित ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट (INI) को लाने का विचार किया जा रहा है। वर्तमान में सेंट्रल यूनिवर्सिटीज (CUs) और INI संसद के अपने स्वयं के अधिनियमों द्वारा शासित हैं और यूजीसी या अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के प्रति जवाबदेह नहीं हैं।
बताया गया है कि सेंट्रल यूनिवर्सिटीज अभी भी अपने बजटीय ग्रांट जारी करने के लिए UGC पर निर्भर हैं, जबकि IIT, IIM, NIT वित्तीय मामलों पर सीधे मंत्रालय से निपटते हैं। एजुकेशन मिनिस्ट्री ने प्रस्तावित एचईसीआई के विभिन्न प्रावधानों और शक्तियों पर विचार करते हुए INI और BU को इसके दायरे में लाने पर भी विचार किया है।
सरकारी ग्रांट प्राप्त करने के लिए रजिस्टर्ड हैं 160 INI
वर्तमान में AIIMS, IIT, NIT और IIM सहित 160 INI हैं जो अपनी परीक्षाएं आयोजित करने, डिग्री प्रदान करने और सरकारी ग्रांट प्राप्त करने के लिए रजिस्टर्ड हैं और अपने खुद के सीनेट/बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा शासित हैं।
हायर एजुकेशन में सुधार के लिए NEP के विचार भी शामिल
HECI जुलाई 2020 में न्यू एजुकेशन पाॅलिसी (NEP) द्वारा हायर एजुकेशन में सुधार के लिए महत्वपूर्ण विचार किए गए हैं। जनवरी, 2018 में भारतीय उच्च शिक्षा परिषद (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम का निरसन) बिल पेश किया, लेकिन इसे अंतिम रूप नहीं दिया गया और 2 साल में NEP की घोषणा कर दी गई।
प्रस्तावित संरचना में 4 अलग-अलग वर्टिकल शामिल
HECI की ओर से प्रस्तावित संरचना में विनियमन के कार्य के लिए नेशनल हायर एजुकेशन रेगुलेटरी कमीशन (NHERC), मान्यता के लिए नेशनल असेसमेंट काउंसिल (NAC), वित्त पोषण के लिए हायर एजुकेशन ग्रांट कमीशन (HEGC) और शैक्षणिक स्थापना के लिए जनरल एजुकेशन काउंसिल (GEC) जैसे 4 अलग-अलग वर्टिकल शामिल हैं।
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