IIT बॉम्बे से एक विचित्र मामला सामने आया है। IIT बॉम्बे को किसी व्यक्ति ने अपना नाम जाहिर किए बिना INR 160 करोड़ का दान दिया है। माना जा रहा है कि यह व्यक्ति IIT बॉम्बे का ही कोई पूर्व छात्र (एलुमनाई) है। इस पूर्व छात्र ने निदेशक से उसकी पहचान छुपाए रखने की मांग की है। यह भारत के इतिहास में पहला मामला है जब किसी पूर्व छात्र ने अपने कॉलेज को इतना बड़ा गुप्त दान दिया हो। इस घटना से IIT बॉम्बे के स्टूडेंट्स से लेकर फैकल्टी तक सब हैरान हैं।
ज़रुरत के समय किया दान, रिसर्च में लगाया जाएगा दान में मिला धन
IIT बॉम्बे के निदेशक सुभाशीष चौधरी ने बताया कि पश्चिमी देशों में पूर्व छात्रों का अपनी यूनिवर्सिटीज़ को इस तरह बड़ा दान गुप्त रूप से करना आम बात है लेकिन भारत में इस तरह का यह पहला मामला है। उन्होंने आगे बताया कि इस पैसे का उपयोग संस्थान के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने में और रिसर्च कार्य में लगाया जाएगा।
छात्र ने यह दान ग्रीन एनर्जी रिसर्च के काम में लाने के लिए किया है। यह दान ऐसे समय में आया है जब IIT बॉम्बे को इसकी सबसे अधिक ज़रूरत थी। दरअसल IIT बॉम्बे अपने बजट को सीमित करने पर विचार कर रहा था।
इससे पहले इंफोसेस के को फाउंडर भी कर चुके हैं IIT बॉम्बे को बड़ा दान
यह IIT बॉम्बे को किसी पूर्व छात्र द्वारा किया गया अब तक का दूसरा सबसे बड़ा दान है। इससे पहले IIT बॉम्बे को सबसे बड़ी धनराशि आईटी कंपनी इंफोसिस के को फाउंडर नंदन नीलेकणि ने दिया था। उन्होंने IIT बॉम्बे को INR 315 करोड़ दान में दिए थे। नंदन नीलकेणि ने IIT बॉम्बे से वर्ष 1973 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री प्राप्त की थी।
IIT बॉम्बे के परिसर में बने मंदिर में दान राशि रख जाते हैं लोग
IIT बॉम्बे के निदेशक सुभाशीष चौधरी ने बताया कि हमने संस्थान के कैम्पस में बने मंदिर में एक हुंडी रखी हुई है। इसमें लोग आकर अपनी इच्छा से दान की राशि रखकर चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि हमें इतनी बड़ी रकम किसी ने प्राइवेट रूप से दान की है।
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