घमंड में चूर होना मुहावरे का अर्थ (Ghamand Me Chur Hona Muhavare Ka Arth) होता है, जब कोई व्यक्ति घमंड से भरपूर हो जाता है, किसी को कुछ नहीं समझता है। तो उसके लिए हम घमंड में चूर होना मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप घमंड में चूर होना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
घमंड में चूर होना मुहावरे का अर्थ क्या है?
घमंड में चूर होना मुहावरे का अर्थ (Ghamand Me Chur Hona Muhavare Ka Arth) होता है – घमंड से भरपूर होना, अत्यधिक अभिमान करना आदि।
घमंड में चूर होना पर व्याख्या
इस मुहावरे में “घमंड में चूर होना मुहावरे का अर्थ” केशव जब से ऑफिसर बना है, वह घमंड में चूर रहता है और किसी से सीधे मुंह बात नहीं करता है।
घमंड में चूर होना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
घमंड में चूर होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- शुभम को अपने आप पर बहुत घमंड था, जैसे ही अंशुल ने उससे ज्यादा अच्छी चीजें सीख ली, तो उसका घमंड चूर हो गया।
- जब से सोहनलाल सरपंच बना गया, तब से दिनेश का घमंड चूर हो गया।
- रिया अपनी सुंदरता के कारण सबसे घमंड में चूर ही रहती है।
- अनुराग जब से विदेश गया है, वह अपने घमंड में चूर रहता है।
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आशा है कि घमंड में चूर होना मुहावरे का अर्थ (Ghamand Me Chur Hona Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।