लोटस टेम्पल, जिसे बहाई उपासना गृह के रूप में भी जाना जाता है, दिल्ली के सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक है। लोटस टेम्पल 1986 में बनकर तैयार हुआ था जो की बहाई धर्म के लोगों के लिए बहुत महत्व रखता है। ज्यादातर लोग इस मंदिर को देखकर यही सवाल करते हैं कि इसे बनाने के पीछे का मकसद क्या था या इसे क्यों बनाया गया था। इसके अलावा लोटस टेम्पल की विशेषता इसकी अद्वितीय फूल-आकार की वास्तुकला है जो दुनिया भर से यात्रियों को आकर्षित करती है, जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए। इसलिए आज के इस ब्लॉग में हम Facts About Lotus Temple in Hindi के बारे में जानेंगे।
Facts About Lotus Temple in Hindi – लोटस टेम्पल से जुड़े रोचक तथ्य
रिसर्च, स्टडी और रिपोर्ट्स के अनुसार स्टूडेंट्स के लिए Facts About Lotus Temple in Hindi यहाँ दिए गए हैं :
- लोटस टेम्पल की जमीन को खरीदने के लिए आवश्यक धनराशि का बड़ा हिस्सा हैदराबाद के अर्दिशिर रुस्तमपुर द्वारा दान किया गया था, जिन्होंने 1953 में इस उद्देश्य के लिए अपनी पूरी जिंदगी की बचत दे दी थी।
- लोटस टेम्पल 1986 में बनकर तैयार हुआ था।
- लोटस टेम्पल उन पूजा स्थलों में से एक है जिसने अपनी वास्तुकला उत्कृष्टता के लिए कई पुरस्कार जीते हैं।
- लोटस टेम्पल की पूरी संरचना को तीन लेयर्स में विभाजित किया गया है और प्रत्येक परत में 9 पंखुड़ियाँ हैं।
- लोटस टेम्पल की स्मारक में 9 प्रवेश द्वार हैं और वे सभी आपको केंद्रीय हॉल में प्रवेश कराते हैं।
- लोटस टेम्पल के चारों ओर 9 तालाब हैं जो कमल के पत्तों का प्रतीक हैं।
- लोटस टेम्पल के केंद्रीय प्रार्थना कक्ष की क्षमता 2500 लोगों की है और इसकी ऊंचाई 40 मीटर है।
- लोटस टेम्पल के अंदर सेंट्रल हॉल के फर्श को बनाने के लिए जिस संगमरमर का उपयोग किया गया है वह ग्रीस के पेंटेली पर्वत से आता है।
- लोटस टेम्पल के अंदर बहाई धर्म के ग्रंथों के अनुसार कोई चित्र या मूर्ति प्रदर्शित नहीं की जा सकती।
- लोटस टेम्पल नई दिल्ली के पहले मंदिरों में से एक है जो सोलर पावर का उपयोग करता है।
लोटस टेम्पल से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
लोटस टेम्पल से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य यहाँ दिए गए हैं :
- भारत का सबसे अधिक देखा जाने वाला धार्मिक स्थान होने के कारण लोटस टेम्पल का नाम गिनीज विश्व रिकॉर्ड में दर्ज है।
- लोटस टेम्पल के निर्माण में 10,000 से अधिक विभिन्न आकार के संगमरमर का उपयोग किया गया था।
- लोटस टेम्पल इसलिए कमल के आकार का है क्योंकि कमल किसी विशेष धार्मिक संप्रदाय या समुदाय से जुड़ा नहीं है।
- लोटस टेम्पल को ईरानी वास्तुकार फ़रीबोरज़ सहबा ने डिजाइन किया था।
- लोटस टेम्पल की संरचना को डिजाइन करने और बनाने में 10 साल लगे।
- लोटस टेम्पल में लोगों के लिए बहाई धर्म के बारे में अधिक जानने के लिए एक ऑडियो-विजुअल कक्ष भी है।
- लोटस टेम्पल दुनिया में बहाई धर्म के 7 मंदिरों में से एक है। सभी बहाई मंदिरों की तरह इसकी संरचना एक गोलाकार 9-तरफा आकृति है।
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