NCERT की कक्षा 11वीं की पाठ्य पुस्तक “हुसैन की कहानी अपनी जुबानी” मकबूल फ़िदा हुसैन के द्वारा लिखित एक संस्मरण है। अपने दादा के दुनिया से चले जाने के बाद मकबूल शांत रहने लगा था। वह अपनी उम्र से बड़ी बातें करने लगा था। उसे अपने दादा से बहुत प्रेम था। उसके इस हाल को देखकर पिता ने उसे बड़ौदा पढ़ने के लिए हॉस्टल में भेज दिया। वहां पढ़ाई के साथ साथ मजहबी तालीम भी सिखाई जाती थी। इस पाठ में लेखक ने हॉस्टल के दिनों और अपने हॉस्टल के मित्रों की यादों का वर्णन किया है। यहाँ Class 11 Hindi Antral Chapter 1 question answer हुसैन की कहानी अपनी जुबानी के प्रश्नोत्तर और पाठ का सारांश दिया गया है।
This Blog Includes:
- लेखक एमएफ हुसैन का परिचय
- Class 11 Chapter 1 हुसैन की कहानी अपनी जुबानी पाठ का सारांश
- Class 11 Hindi Antral Chapter 1 Question Answer – हुसैन की कहानी अपनी जुबानी पाठ के प्रश्नोत्तर
- Class 11 Hindi Antral Chapter 1 Question Answer- हुसैन की कहानी अपनी जुबानी पाठ के MCQs
- हुसैन की कहानी उसकी अपनी ज़ुबानी कठिन शब्द
- FAQs
लेखक एमएफ हुसैन का परिचय
भारत के पिकासो कहे जाने वाले मकबूल फ़िदा हुसैन का जन्म 17 सितंबर 1915 को पंढरपुर में हुआ था। उन्होंने पेंटिंग की कला के जरिए ख्याति प्राप्त की। हुसैन एक शानदार पेंटर होने के साथ साथ एक कमाल के फोटोग्राफर, फिल्म निर्माता और लेखक भी थे। उन्होंने अपनी कला से कई राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीते जिनमें पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण जैसे पुरस्कार भी जीत चुके हैं।
एमएफ हुसैन का जीवन वर्ष 2006 से 2011 के बीच तक यानी उनके निधन तक का जीवन उन्होंने निर्वास में बिताया। वर्ष 2008 में भारत छोड़ने के बाद हुसैन को भारतीय इतिहास को वर्णित करने वाली 32 पेंटिंग्स का काम सौंपा गया था। हुसैन ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष लन्दन और दोहा में बिताए। 9 जून 2011 को 95 वर्ष की आयु में कार्डियक अरेस्ट के कारण उनका निधन हो गया।
Class 11 Chapter 1 हुसैन की कहानी अपनी जुबानी पाठ का सारांश
हुसैन की कहानी अपनी ज़ुबानी पाठ आत्मकथा शैली में लिखा गया है। इस आत्मकथा का पहला अंश बोर्डिंग स्कूल से जुड़ा हुआ है। यहाँ उनकी रचनात्मकता और प्रतिभा की नींव रखी गई है। इसी कारण से वे अपनी प्रतिभा को दुनिया के सामने ला सके थे।
बड़ौदा का बोर्डिंग स्कूल को चलाने वाले व्यक्ति हकीम अब्बास थे। वे महात्मा गांधी के अनुयायी थे। उन्होंने सभी छात्रों को सर मुंडाकर रहना और खादी कुरता पजामा पहनकर रहना अनिवार्य कर दिया था। यहाँ लेखक की मित्रता छह लड़कों से हुई। ये सभी लड़के कला प्रेमी थे। इस कारण से जल्द ही सब गहरे दोस्त बन गए।
हुसैन की कहानी अपनी जुबानी पाठ का दूसरा अंश रानीपुर बाजार है जहाँ हुसैन से उनके घर के लोग उनके पारिवारिक कार्य को व्यवसाय के रूप में चुनने के लिए कहते हैं। किन्तु वहां भी हुसैन के अंदर का कलाकार उनसे चित्रकारी और पेंटिंग कराता रहा। अंत में एमएफ हुसैन के पिता ने अपने बेटे की कला को जाना और उन्हें समर्थन दिया। पिता के सहयोग और प्रोत्साहन के कारण हुसैन एक महान चित्रकार बनकर उभरे।
मकबूल के पिता मालवा टैक्सटाइल में चौकीदार थे। लेकिन उनकी रूचि व्यापार में थी। इसलिए उन्होंने मकबूल के चाचा मुरादअली को रानीपुर बाजार में एक किराने की दुकान खुलवाकर दे दी। छुट्टी के दिन वे मकबूल को भी व्यापार सिखाने के लिए दुकान पर बैठाते थे। परंतु मकबूल का मन दुकानदारी में न लगता था। वह सारा दिन दुकान पर आने वाले लोगों की पेंटिंग बनाने में लगा रहता था।
एक बार मकबूल ने कोल्हापुर के शांताराम की फ़िल्म ‘सिंहगढ़’ का पोस्टर देखा। रंगीन कागज़ की पतंग पर एक हाथ में तलवार और दूसरे हाथ में ढाल लेकर एक मराठा योद्धा खड़ा था। उसने उस पोस्टर की पेंटिंग बनानी चाही। लेकिन उस पेंटिंग को बनाने के लिए ऑयल कलर की जरूरत थी। उसने अपने पिता से ऑयल कलर खरीदकर देने के लिए कहा। लेकिन मकबूल के पिता उसे एक सफल व्यापारी बनांना चाहते थे। उन्होंने उसे ऑयल कलर दिलवाने से मना कर दिया। मकबूल ने ऑयल कलर खरीदने के लिए अपने स्कूल की किताबें बेच दीं। इस बात का पता जब मकबूल के चाचा को चला तो उन्होंने मकबूल के पिता से इस बात की शिकायत कर दी। पिता ने जब मकबूल की बनाई पेंटिंग देखी तो उन्होंने उसे गले लगा लिया।
मकबूल ने अपने पेंटिंग करियर की शुरुआत इंदौर में बेंद्रे साहब के घर से की। एक दिन बेंद्रे ने मकबूल के पिता से मिलकर मकबूल को उनके साथ काम करने की इज़ाज़त देने के लिए कहा। बेंद्रे की बात सुनकर मकबूल के पिता ने अगले दिन बंबई से ‘विनसर न्यूटन’ ऑयल ट्यूब मँगवाने का ऑर्डर दे दिया। उस ज़माने में पेंटिंग को पेशे के रूप में अपनाना बहुत बड़ी बात होती थी। मकबूल के पिता ने ज़माने की फ़िक्र को किनारे रखकर अपने बेटे को ज़िंदगी में रंग भरने की इज़ाज़त दे दी।
Class 11 Hindi Antral Chapter 1 Question Answer – हुसैन की कहानी अपनी जुबानी पाठ के प्रश्नोत्तर
यहाँ Class 11 Hindi Antral Chapter 1 Question Answer: हुसैन की कहानी अपनी जुबानी पाठ के प्रश्नोत्त्तर दिए जा रहे हैं :
प्रश्न 1 : लेखक ने अपने पांच मित्रों का वर्णन इस पाठ में किया है। ये सभी मित्र अलग अलग पारिवारिक पृष्ठभूमियों से आते थे लेकिन फिर भी ये सब आपस में इतने घनिष्ट मित्र कैसे बन गए?
उत्तर : लेखक के बोर्डिंग के दिनों में पांच दोस्त बने थे। ये सभी दोस्त अलग अलग पारिवारिक पृष्ठभूमियों से आते थे और उन सबकी रुचियाँ भी अलग अलग थीं। फिर भी वे सब घनिष्ट मित्र बन गए क्योंकि उन सबके भीतर एक कलाकार छुपा हुआ था। उनके अंदर के कलाकार ने उन्हें जोड़े रखा था।
प्रश्न 2 : पाठ में वर्णित किन बातों से पता चलता है कि लेखक को अपने दादा से बेहद प्रेम था?
उत्तर : लेखक ने अपने दादाजी की मृत्यु के बाद खुद को एक कमरे में बंद कर लिया था। वह अपने दादा के बिस्तर पर उनकी ही अचकन ओढ़कर सोया रहता था। अपने दादा के जाने के बाद वह किसी से बात नहीं करता था। इन बातों से पता चलता है कि लेखक को अपने दादाजी से बेहद प्यार था और उनकी मृत्यु से उसे बहुत सदमा लगा था।
प्रश्न 3 : पुश्तैनी दुकान पर बैठने के बावजूद लेखक कला से कैसे जुड़ा रहा?
उत्तर : दुकान पर बैठे-बैठे भी लेखक का मन कला से जुड़ा हुआ था। वह दुकान पर बैठा बैठा भी कला के बारे में ही सोचता रहता था। वह दुकान के सामने से गुजरने वाले पुरुषों और महिलाओं के स्कैच बनाता था। इस बात से पता चलता है कि दुकान पर बैठने के बाद भी लेखक का मन कला से जुड़ा हुआ था।
प्रश्न 4 : इस पाठ के आधार पर सिद्ध करो कि लेखक के भीतर एक पैदाइशी कलाकार मौजूद था?
उत्तर : लेखक के अंदर एक पैदाइशी कलाकार मौजूद था। लेखक ने प्रस्तुत पाठ में स्वयं कई जगह इस बात का वर्णन किया है। बड़ौदा के बोडिंग स्कूल में ड्राइंग मास्टर मोहम्मद अथर की ब्लैक-बोई पर बनाई चिड़िया को मकबूल ने हूबहू अपनी स्लेट पर उतार दी। उस चिड़िया को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे ब्लैक-बोर्ड से उड़कर चिड़िया मकबूल की स्लेट पर आ बैठी हो। इन सभी बातों से पता चलता है कि लेखक के अंदर एक पैदाइशी कलाकार मौजूद था।
प्रश्न 5 : पाठ के आधार पर बताएं कि प्रचार-प्रसार के प्राचीन माध्यमों और आधुनिक माध्यमों में क्या अंतर देखने को मिलता है?
उत्तर : पुराने ज़माने के प्रचार-प्रसार और इस समय के प्रचार प्रसार के तरीकों में बहुत अंतर आ गया है। पहले फिल्मों के प्रचार-प्रसार के लिए पोस्टर का सहारा लिया जाता था। पोस्टर ओर हीरो हीरोइनों की रंगीन पेंटिंग बनाई जाती थी। उन्हें दीवार पर चिपकाकर फिल्म का प्रचार किया जाता था परन्तु आज प्रचार-प्रसार का तरीका बदल गया है। आज फिल्मों के के लिए पोस्टर का कोई खास महत्व नहीं रह गया है। अब फिल्मों का प्रचार-प्रसार अख़बार, टीवी और अन्य डिजिटल माध्यमों से किया जाता है।
प्रश्न 6 : कला को लेकर समय के साथ लोगों के दृष्टिकोण में क्या परिवर्तन आया है?
उत्तर : पहले कला को अमीर घर के लोगों के शौक के रूप में देखा जाता था। ऐसे लोग जिन के पास पैसे की कोई कमी नहीं है और उन्हें धन कमाने की कोई फ़िक्र नहीं है केवल वे ही पेंटिग करते हैं। इस प्रकार की सोच पहले कला को लेकर हुआ करती थी किन्तु अब समय के साथ कला को लेकर लोगों की सोच बदली है। अब कला को एक उन्नत व्यवसाय के रूप में देखा जाने लगा है। साथ ही अब पेंटिंग केवल अमीरों का शौक न होकर मध्यमवर्गीय घरों की रौनक भी बन गई है।
प्रश्न 7 : पाठ के माध्यम से लेखक ने अपने पिता के व्यक्तित्व की कौन सी बातें सामने रखी हैं?
उत्तर : लेखक ने पाठ में अपने पिता की कई खूबियों का उल्लेख किया है। मकबूल के पिता ने अपने बच्चों की तरक्की के लिए हमेशा पुरानी मान्यताओं को तोड़ा था। लेखक के पिता एक तरक्की पसंद इंसान थे। उन्हें नौकरी करना एक सजा की तरह महसूस होता था। अत: उन्होंने अपने छोटे भाइयों और बच्चों को सदा व्यापार करने के लिए प्रेरित किया। जब उन्होंने देखा कि लेखक का मन अपने पुश्तैनी व्यवसाय में नहीं लग रहा है और वह चित्रकार बनना चाहता है तो उन्होंने उसे कलाकार बनने के लिए समर्थन दिया। इससे लेखक के पिता के उदार ह्रदय और आज़ाद ख्याल होने का पता चलता है।
प्रश्न 8 : पाठ में बड़ौदा की किस मूर्ति का जिक्र किया गया है?
उत्तर : पाठ में लेखक ने बताया है कि बड़ौदा शहर में प्रवेश करते ही शहर के राजा महाराजा सियाजीराव गायकवाड़ की पांच धांतुओं से बनी मूर्तियां दिखाई देती थीं।
प्रश्न 9 : लेखक के पिता ने उसे बोर्डिंग स्कूल भेजने का निर्णय क्यों लिया था?
उत्तर : लेखक के पिता ने उसे बड़ौदा के बोर्डिंग स्कूल में भेजने का निर्णय लिया था क्योंकि अपने दादा की मृत्यु के बाद लेखक गुमसुम रहने लगा था। उसे अपने दादाजी से बहुत प्रेम था। उनके जाने के बाद वह सदमे में चला गया था। लेखक के पिता ने सोचा कि घर के माहौल से दूर भेजकर लेखक के दुःख को दूर किया जा सकता है।
प्रश्न 10 : स्कूल के समारोह में लेखक ने किस विषय पर भाषण दिया था और कितनी देर तक भाषण दिया था?
उत्तर : स्कूल के समारोह में लेखक ने इल्म (ज्ञान) विषय के ऊपर पूरे 10 मिनट तक भाषण दिया था।
Class 11 Hindi Antral Chapter 1 Question Answer- हुसैन की कहानी अपनी जुबानी पाठ के MCQs
हुसैन की कहानी अपनी जुबानी पाठ के प्रश्नोत्त्तर ( Class 11 Hindi Antral Chapter 1 Question Answer) नीचे दिए गए हैं :
प्रश्न 1 : हुसैन के पिता का नाम क्या था?
(क) मकबूल अहमद
(ख) हुसैन
(ग ) शमीम
(घ) अब्दुल खान
उत्तर : मकबूल अहमद
प्रश्न 2 : हुसैन किस नगर में रहता था?
(क) मुंबई
(ख) दिल्ली
(ग ) अहमदाबाद
(घ) लखनऊ
उत्तर : दिल्ली
प्रश्न 3 : हुसैन को किस कला में खास रूचि थी?
(क) चित्रकला
(ख) गायन
(ग ) नृत्य
(घ) संगीत
उत्तर : चित्रकला
प्रश्न 4 : किस फिल्म को देखकर हुसैन का मन फ़िल्मकार बनने का हुआ?
(क) पूरब और पश्चिम
(ख) लहू के दो रंग
(ग ) अग्निपथ
(घ) मुगल ए आज़म
उत्तर : मुग़ल ए आज़म
प्रश्न 5 : हुसैन ने चित्रकला की डिग्री किस शैक्षिक संस्थान से प्राप्त की?
(क) जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय
(ख) दिल्ली कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स
(ग ) नेशनल स्कूल ऑफ़ आर्ट्स
(घ) अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
उत्तर : दिल्ली कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स
प्रश्न 6 : हुसैन की कला की सबसे बड़ी खूबी क्या थी?
(क) यथार्थवाद
(ख) भावनात्मकता
(ग ) प्रतीकात्मकता
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर : उपर्युक्त सभी
प्रश्न 7 : हुसैन की सबसे प्रसिद्ध पेंटिंग कौनसी है?
(क) माँ
(ख) भूख
(ग ) युद्ध
(घ) तबाही
उत्तर : भूख
प्रश्न 8 : हुसैन का निधन कब हुआ था?
(क) 1990
(ख) 1995
(ग ) 2005
(घ) 2011
उत्तर : 2011
प्रश्न 9 : हुसैन का पुश्तैनी व्यवसाय क्या था?
(क) वकालत
(ख) चिकित्सा
(ग ) शिक्षा
(घ) व्यापार
उत्तर : व्यापार
प्रश्न 10 : हुसैन की कला में अधिकांश किस प्राणी को चित्रित किया गया है?
(क) चिड़िया
(ख) घोड़ा
(ग ) हाथी
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर : उपर्युक्त सभी
प्रश्न 11 : मकबूल ने ऑयल पेंट खरीदने के लिए क्या किया था?
(क) अपने स्कूल की किताबें बेच दी थीं।
(ख) चोरी की थी।
(ग ) चाचा से पैसे लिए थे।
(घ) दोस्तों से उधार लिया था।
उत्तर : अपने स्कूल की किताबें बेच दी थीं।
हुसैन की कहानी उसकी अपनी ज़ुबानी कठिन शब्द
यहाँ Class 11 Hindi Antral Chapter 1 हुसैन की कहानी अपनी जुबानी पाठ के कठिन शब्द और उनके अर्थ दिए जा रहे हैं –
- अक्ल – बुद्धि
- फरमाइश – इच्छा
- अफ़सोस – पछतावा
- इलज़ाम – आरोप
- मुजाहिद – योद्धा
- अज़ीमत – दृढ़ संकल्प
- तकदीर – भाग्य
- मौजूद – उपस्थित
- मुहब्बत – प्रेम
- सलाम – नमस्कार
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FAQs
मकबूल के पिता बड़े ही सीधे व्यक्ति थे। वह अपने पुत्र से बहुत प्रेम करते थे और वह कला और प्रतिभा की कद्र भी करते थे।
मकबूल के पांच मित्र थे।
एमएफ हुसैन का पूरा नाम मकबूल फ़िदा हुसैन है।
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