Sandhya Ke Baad Class 11 Question Answer: जानिए संध्या के बाद कविता के प्रश्न उत्तर, लेखक परिचय और कविता का सारांश

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Sandhya Ke Baad Class 11 Question Answer

NCERT कक्षा 11 की हिंदी टेक्स्टबुक अंतरा का पाठ ‘संध्या के बाद’ सबसे महत्वपूर्ण पाठों में से एक है। संध्या के बाद कविता के कवि सुमित्रानंदन पंत जी हैं जिन्होंने इस कविता के माध्यम से लोगों को यह बताया है कि संध्या के बाद गांव का दृश्य अत्यंत सुन्दर हो जाता है। उस समय प्रकृतिक सौंदर्य और भावनाओं के अद्भुत मिश्रण का अनुभव होता है। कक्षा 11 के विद्यार्थियों को इस पाठ की अच्छी समझ होनी चाहिए। ऐसे में इस लेख में आपको पाठ का सारांश, लेखक परिचय और संध्या के बाद कविता के प्रश्न उत्तर के बारे में बताएंगे, जिसे जानने के लिए ये लेख आपको अंत तक पढ़ना होगा। उससे पहले Sandhya Ke Baad Class 11 Question Answer से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी आप नीचे दिए गए तालिका में देख सकते हैं।

बोर्ड सीबीएसई बोर्ड
टेक्स्टबुक एनसीईआरटी
कक्षा 11
विषयहिंदी (अंतरा)
पाठ संख्या 14
पाठ का नाम संध्या के बाद

लेखक परिचय

हिंदी साहित्य के महान कवियों में से एक सुमित्रानंदन पंत का जन्म 1900 में उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के कौसानी गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अल्मोड़ा जिले से ही पूरी की। उसके बाद वह उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए बनारस चले गए। उन्हें बचपन से ही लिखने का बहुत शौक था। 1928 में उनका पहला काव्य संग्रह ‘पल्लव’ प्रकाशित हुआ। वह गांधीवादी विचारधारा से बहुत प्रभावित थे। ऐसे में उन्होंने भारत की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। छायावादी कवियों में से एक सुमित्रानंदन पंत, सबसे अधिक भावुक, संवेदनशील एवं कल्पनाशील कवि माने जाते हैं। वहीं उनकी मृत्यु 1977 में हुई।

कविता का सारांश

कवि ने “संध्या के बाद” कविता के माध्यम से प्रकृति और ग्रामीण जीवन के सुंदरता का वर्णन किया है। कवि ने ग्रामीण जीवन के शाम के समय बदलते वातावरण पर प्रकाश डाला है। कवि ने बताया है कि संध्या के बाद जनजीवन कितना अद्भुत लगता है। इस कविता में वृद्धाओं, विधवाओं, किसानों और पशु-पक्षियों का भी चित्रण शामिल है। 

कवि ने कहा है कि संध्या के समय अस्त होते हुए सूर्य की किरणें वृक्ष की चोटियों पर नृत्य कर रही हों। पीपल के पत्तों से आनेवाली किरणें लाल रंग की लगती है। मंदिरों में शंख और घंटों की ध्वनियाँ गूँजने लगती हैं। पक्षियों का स्वर वातावरण में संगीत भर देता है। थके-हारे किसान और व्यापारी अपने अपने घर की ओर लौटते हैं।

कठिन शब्द एवं उनके अर्थ

संध्या के बाद कविता के कठिन शब्द एवं उनके अर्थ निम्नलिखित है : 

तरु – वृक्ष

ताम्रपर्ण – ताँबे के सामान पत्ते

वृहद् – बड़ा, विशाल

अनिल – हवा

रजत – चाँदी 

जलद – बादल

सिकता – रेत

सलिल – जल

समीर – हवा

नभ – आकाश

नीराजन – परमात्मा का नाम जपना। 

मंथर – धीरे-धीरे

तमस – अँधेरा

खगों – पक्षियों

गोरज – पशु के पैरों से उठी धूल

डग – कदम

विषाद – दुख

लहरी – लहरें

मड़ई – झोंपड़ी

मंद – धीरे-धीरे

आभा – रोशनी

गोपन – चुप

दैन्य – दयनीय

क्षुधित – भूख 

पिपासा – प्यास

मृत – मरी हुई

अभिलाषा – इच्छा 

आय – आमदनी, धन

क्लांति – थकावट 

सदृश – समान, एक जैसा

स्पर्धा – मुकाबला

कुटुंब – परिवार

सकल – संपूर्ण

वितरण – लेन-देन, बँटवारा

दरिद्रता – गरीबी

वणिक – व्यापारी, बनिया

घुण्यू – स्थानीय पक्षी

पट – परदा

द्वार – दरवाज़ा

अलस – आलस्य

Sandhya Ke Baad Class 11 Question Answer

संध्या के बाद कविता के प्रश्न उत्तर निम्नलिखित है : 

प्रश्न : गाँव का साहूकार अपने जीवन से असंतुष्ट क्यों है ?

उत्तर : गाँव का साहूकार अपने जीवन से खुश नहीं है क्योंकि उसका व्यवसाय उतना अच्छा नहीं चल रहा जितना अच्छा चलना चाहिए। शहर में अन्य लोगों की तुलना में, उसकी आय कम है। ऐसे में वह अपने आपको अत्यंत तुच्छ समझने लगता है। इस आर्थिक कष्ट के कारण वह अपने परिवार का पालन पोषण अच्छी तरह से नहीं कर पाता। न तो उसके पास अच्छे कपड़े है, न रहने के लिए अच्छा घर और न ही अपने धंधे को आगे बढ़ाने के लिए उपयुक्त साधन। ऐसे में वह अपनी किस्मत को कोसता है और जीवन में बदलाव लाना चाहता है। वह चाहता है कि वह भी शहर में रहकर एक बेहतर जीवन जी सके। 

प्रश्न : कवि सभी के सुंदर अधिवास (घर) की कामना क्यों करता है ?

उत्तर : ग्रामीण जीवन का आधार खेती-बाड़ी है। अक्सर कम फसल या प्राकृतिक आपदाओं के कारण ग्रामीणों की खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है। जिससे उनको काम अन्न ही प्राप्त हो पाता है। अन्न का अभाव ही उनके जीवन को कठिन बना देता है।  जिससे वह वे झोंपड़ियों में रहने को मजबूर होते हैं ग्रामीण लोग जीवनभर मेहनत करने के बाद भी अपने लिए एक सुंदर घर नहीं बना सकते। यहाँ तक कि उनके झोंपड़ियों में भी कभी कभी अंधकार छाया रहता है। वे इसी तरह अपना सम्पूर्ण जीवन दुख, पीड़ा और भय में जीते हैं। ऐसे में कवि सुंदर घर को मूलभूत आवश्यकता मानता है और वह यह कामना करते हैं कि संसार के हरेक प्राणी के पास सुंदर अधिवास (घर) हो।

प्रश्न : कविता के आधार पर, संध्या के समय प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं?

उत्तर : कवि ने इस कविता में संध्या के बाद ग्रामीण जनजीवन का वर्णन बहुत ही सुन्दर तरीके से किया है। उनके कविता के माध्यम से यह बताया कि संध्या के बाद सूर्य पश्चिम दिशा में डूब रहा है जिससे उसकी किरणें वृक्षों के पत्तों पर पड़ रही हैं और उससे पत्तों का रंग लाल हो जाता है। वह किरणें गंगाजल को भी स्वर्णिम कर देती है। वहीं आकाश में लालिमा छा जाती है। और धीरे-धीरे अंधेरा बढ़ रहा होता है। 

MCQs

संध्या के बाद कविता के MCQ निम्नलिखित है : 

1. संध्या के समय मंदिरों से किसकी ध्वनि आने लगती है?

  • शंख और घंटे की
  • पंडित जी की
  • पंडिताइन की 
  • भगवान की

उत्तर: शंख और घंटे की

2. संध्या के समय व्यापारी क्या कर रहे हैं?  

  • चाय पी रहे हैं। 
  • कारोबार समेटकर घर लौट रहे हैं। 
  • दूसरे दिन की तैयारी कर रहे हैं। 
  • अपनी दिनचर्या गाँव के लोगों को बता रहे हैं। 

उत्तर: कारोबार समेटकर घर लौट रहे हैं। 

3. कविता में किस समय का चित्रण किया गया है?

  • प्रातः काल के बाद का 
  • दोपहर का 
  • सायं के बाद का 
  • रात्रि का 

उत्तर: सायं के बाद  

4. “संध्या के बाद” कविता का मुख्य भाव बताईये। 

  • प्रकृति का सौंदर्य
  • ग्रामीण जीवन का चित्रण
  • ऊपर दिए गए दोनों विकल्प सही है।  
  • इनमें से कोई भी नहीं 

उत्तर: ग्रामीण जीवन का चित्रण

5. सुमित्रानंदन पंत का जन्म कब हुआ था?

  • 20 मई 1900
  • 12 मई 1900
  • 22 मई 1900
  • 2 मई 1900

उत्तर: 20 मई 1900

6. किस काव्य-संग्रह के लिए सुमित्रानंदन पंत को ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से नवाजा गया था?

  • कला और बूढ़ा चाँद
  • गुंजन
  • स्वर्णधूलि
  • चिदंबरा

उत्तर: कला और बूढ़ा चाँद

7. किसान और व्यापारी किस हालत में घर लौटते हैं?

  • थकान भरी हालत में 
  • दुखी होकर 
  • खुश होकर 
  • इनमें से कोई नहीं 

उत्तर: थकान भरी हालत में 

8. सुमित्रानंदन पंत का जन्म कहाँ हुआ था?

  • इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश 
  • कौसानी, उत्तराखंड 
  • पटना, बिहार
  • देहरादून, उत्तराखंड 

उत्तर: कौसानी, उत्तराखंड 

9. कवि ने “नदी की धारा” को किसके समान बतायाहै?

  • सोने जैसी
  • चाँदी जैसी
  • साँप की चितकबरी केंचुली
  • हीरे जैसी

उत्तर: साँप की चितकबरी केंचुली

10. सुमित्रानंदन पंत का निधन कब हुआ था?

  • 28 दिसंबर 1977 में
  • 8 दिसंबर 1977 में
  • 2 दिसंबर 1977 में
  • 18 दिसंबर 1977 में

उत्तर: 28 दिसंबर 1977 में

FAQs

कविता के अनुसार, संध्या के समय प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन देखने को मिलते हैं?

कविता के अनुसार, संध्या के समय प्रकृति में निम्न परिवर्तन होते हैं, जैसे:
सूर्य की किरणें लाल हो जाती हैं। 
पेड़ों के पत्तों, विशेष रूप से पीपल के पत्तों का रंग लाल हो जाता है। 
गिरते हुए पत्ते झरने जैसे लगते हैं।
सूर्य ऐसे डूब रहा होता है जैसे धरती के भीतर समा रहा हो।
गंगा का जल रंग-बिरंगा सा दिखने लगता है।

कवि ने नदी के तट का वर्णन किस तरह किया है?

कवि ने नदी के तट का वर्णन इस प्रकार से किया है : 
सूर्य की किरणें गंगा के जल को स्वर्णिम बना देती हैं, लेकिन जैसे-जैसे सूर्य डूबता है, वैसे-वैसे जल का रंग बदलता रहता है और अंत में गहरे नीले रंग का हो जाता है।
गंगा के किनारे ध्यान में लीन वृद्ध महिलाएं बगुलों जैसी लगती हैं।
मंदिरों से घंटों और शंखों की ध्वनि गूंजती है।

आशा है कि आपको Sandhya Ke Baad Class 11 Question Answer से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहे।

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