भारत एक ऐसा महान देश है जिसने अपने ऊपर अनेकों विदेशी आक्रमण सहकर भी मनावता को नहीं त्यागा। इतिहास पर नज़र डाली जाए तो हम पाते हैं कि विदेशी आक्रमणकारियों के हमलों ने भारत में भीषण नरसंहार किया, इनमें से एक युद्ध चौसा का युद्ध भी था। इस पोस्ट के माध्यम से आप चौसा का युद्ध कब हुआ था, के बारे में सटीक जानकारी के साथ-साथ उस युद्ध से जुड़ी मुख्य बातों के बारे में भी जान पाएंगे।
चौसा का युद्ध कब हुआ था?
26 जून 1539 ई. में चौसा का युद्ध मुगल सम्राट हुमायूं और शेरशाह के बीच लड़ा गया। इस युद्ध में हुमायूँ एवं शेरशाह आमने-सामने थे। यह युद्ध अफगानों और मुगलों के बीच वर्चस्व की लड़ाई के रूप में लड़ा गया। इस युद्ध को बिहार में बक्सर से 10 मील दक्षिण-पश्चिम में चौसा नामक स्थान पर हुआ था। इस युद्ध में हुमायूँ का पतन होना निश्चित था, जिसका कारण उसका हटी होना अथवा अपने सैन्य सलाहकारों की बातों को अनसुना करना था। इस युद्ध में हुमायूँ की सेना नष्ट हो चुकी थी, जिसमें उसके परिवार के कुछ सदस्य भी मृतकों में शामिल थे।
चौसा के युद्ध से जुड़ी मुख्य बातें
चौसा का युद्ध कब हुआ था, इसका जवाब जानने के बाद आपको चौसा के युद्ध से जुड़ी मुख्य बातों के बारे में भी जान लेना चाहिए, जो कि निम्नलिखित हैं;
- 25 जून 1539 ई. में मुगल सम्राट हुमायूं और शेरशाह के बीच एक युद्ध हुआ, इसे ही चौसा के युद्ध के नाम से जाना जाता है।
- शेरशाह, हुमायूँ का घोर विरोधी और प्रबलतम शत्रुओं में से एक था। बंगाल में मिली विजय के बाद, हुमायूँ निश्चिंत होकर आराम की स्तिथि में आ गया, मौके का लाभ उठाते हुए शेरशाह ने हुमायूँ को घेरने का निर्णय किया।
- इस मौके का लाभ उठाते हुए शेरशाह ने चुनार, बनारस, जौनपुर, कन्नौज, पटना इत्यादि पर अपना अधिकार ज़माना शुरू कर दिया।
- हुमायूँ के सैन्य सलाहकारों ने उसे सलाह दी कि वह गंगा के उत्तरी किनारे से चलता हुआ जौनपुर पहुँचे और गंगा पार कर के शेरशाह पर आक्रमण करे।
- अपने सैन्य सलाहकारों की अनदेखी करते हुए हुमायूँ ने गंगा पार कर दक्षिण मार्ग से ग्रैंड ट्रंक रोड पर शेरशाह को घेरने की गलती की।
- शेरशाह की रणनीति थी कि वर्षा के शुरू होते ही वह हुमायूँ पर आक्रमण कर देंगे, क्योंकि वर्षा में हुमायूँ की तोपें नाकाम हो जाती।
- शेरशाह की रणनीति काम आयी और वह यह जंग जीत गया।
- शेरशाह की उपाधि धारण करने के बाद शेरशाह ने अपने नाम का “खुतबा” पढ़वाया, सिक्के ढलवाए और फरमान जारी किए।
- इस युद्ध के बाद शेरशाह ने जलाल खाँ को भेजकर बंगाल पर अधिकार कर लिया।
FAQs
चौसा का युद्ध मुगल सम्राट हुमायूं और अफगान, शेरशाह सूरी के बीच तथा 26 जून 1539 ई. में हुआ था।
चौसा का युद्ध शेरशाह ने जीत लिया था, जिसमें हुमायूँ की करारी हार हुई थी।
1540 में “बिलग्राम का युद्ध” युद्ध लड़ा गया था?
आशा है कि आपको चौसा का युद्ध कब हुआ था, के बारे में संपूर्ण जानकारी मिली होगी। इसी प्रकार इतिहास से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।