पिथौरागढ़ का किला : जानिए उत्तराखंड के इस ऐतिहासिक किले के बारे में 

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पिथौरागढ़ का किला

पिथौरागढ़ किला भारत के उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ में एक किला है। इसका निर्माण चंद काल के दौरान क्षेत्रीय शासक पीरू अलियास पृथ्वी गुसाईं ने करवाया था। कुछ अभिलेखों के अनुसार, ऐसा भी माना जाता है कि इस किले का निर्माण गोरखाओं ने वर्ष 1789 में  कराया था। पिथौरागढ़ किला, पिथौरागढ़ शहर के बाहरी इलाके में एक पहाड़ी पर स्थित है। वर्तमान में यह किला जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। पिथौरागढ़ का किला भारत की एक ऐतिहासिक धरोहर है। पिथौरागढ़ के किले से सम्बंधित प्रश्न कई बार राज्य और केंद्र सरकार द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछ लिए जाते हैं। यहाँ पिथौरागढ़ के किले के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।  

पिथौरागढ़ किले का इतिहास

पिथौरागढ़ के किले को लन्दन फोर्ट नाम से भी जाना जाता है। इस किले का निर्माण गोरखा काल के दौरान 1789 में कराया गया था। इसके निर्माण को लेकर इतिहासकारों के बीच में मतभेद है। कुछ इतिहासकार मानते हैं कि इसका निर्माण क्षेत्रीय राजा पीरू अलियास पृथ्वी गुसाईं के द्वारा कराया गया था जबकि कुछ इतिहासकार मानते हैं कि इस किले का निर्माण गोरखा राजाओं के द्वारा कराया गया था। 

कहा जाता है कि इस किले में गोरखा सैनिक और सामंत आकर विश्राम करने के लिए ठहरते थे।  इस किले में एक तहखाना,बंदी ग्रह और न्याय भवन भी है।  संगोली की संधि के बाद 1815 में अंग्रेजों ने इस किले का नाम बाउलीकी गढ़ से बदलकर लंदन फोर्ट कर दिया था। 1910-20 के बीच में अंग्रेजों द्वारा इस किले का जीर्णोद्धार कराया था। इसके बाद इस किले को उपेक्षित छोड़ दिया गया था। 

पिथौरागढ़ के किले से जुड़े रोचक तथ्य 

यहाँ पिथौरागढ़ के किले से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में बताया जा रहा है : 

  • पिथौरागढ़ के किले को लंदन किला, बौलाकी किला और गोरखा किला के नाम से भी जाना जाता है। 
  • पिथौरागढ़ के किले का प्रयोग अंग्रेजों के द्वारा 130 वर्ष तक तहसील के कार्यालय के रूप में किया गया था। 
  • आक्रमण की स्थिति में गोलियां चलाने के लिए यहां 150 से अधिक छेद बनाए गए थे। 
  • किले के अंदर एक गुप्त द्वार भी मौजूद है। 
  • यह किला एक दो मंजिला इमारत है जिसमें 15 कक्षों को विशेष रूप से सैनिकों के लिए तैयार कराया गया था। 
  • पूर्व में किले के परिसर में एक कुआं भी हुआ करता था। ऐसा कहा जाता है कि एक पर्यटक की इस कुँए में गिरकर मृत्यु हो गई। तब से पर्यटकों की सुरक्षा के लिए वह कुआं प्रशासन द्वारा हमेशा के लिए बंद कर दिया गया।  

पिथौरागढ़ किले की स्थापत्य कला 

यहाँ पिथौरागढ़ के किले की स्थापत्य कला के बारे में बताया जा रहा है : 

  • पिथौरागढ़़ किला मध्यकाल की स्थापत्य कला का एक अनूठा उदाहरण है। किला एक भव्य संरचना बनाता है। किले का एक भव्य द्वार है। इसके गेट पर लकड़ी का एक पल बना है जिसे युद्ध के समय खींचकर दरवाजे के रूप में किले को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता था। 
  • किले के अंदर एक सुंदर महल और एक मस्जिद भी स्थित है। 
  • मस्जिद के अलावा किले के अंदर भगवान शिव का मंदिर भी स्थित है। मंदिर की दीवारों पर सुंदर नक्काशी बनी हुई है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। 
  • किले में एक अद्वितीय जल प्रबंधन प्रणाली है, जो आज भी कार्यशील है। इस प्रणाली में भूमिगत जल चैनलों का एक नेटवर्क शामिल है, जो पास के झरने से किले तक पानी लाता है। किले के अंदर कई टैंकों में पानी जमा किया जाता है, जिनका उपयोग पीने, खाना पकाने और अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता था।

पिथौरागढ़ किले के अंदर मुख्य दर्शनीय स्थल 

यहाँ पिथौरागढ़ किले के अंदर स्थित मुख्य दर्शनीय स्थलों के बारे में बताया जा रहा है : 

  • महल : पिथौरागढ़ के किले के अंदर एक सुंदर महल स्थित है। इस महल की दीवारों पर बेहतरीन नक्काशी की गई है। इसके अतिरिक्त इस महल में विशाल द्वार भी हैं। इन द्वारों को भी बहुत ही सुंदर तरीके से सजाया गया है।  
  • मस्जिद : पिथौरागढ़ के किले के अंदर एक पुरानी मस्जिद स्थित है। इस मस्जिद का निर्माण इस महल पर शासन करने वाले गोरखा शासकों द्वारा कराया गया था। यह मस्जिद धर्मनिरपेक्षता की निशानी है। इस मस्जिद का निर्माण गोरखा राजाओं ने महल में रहने वाले मुसलमान सैनिकों के लिए कराया था। 
  • शिव मंदिर : पिथौरागढ़ के किले के अंदर मौजूद शिव मंदिर भी इस दुर्ग के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर की दीवारों पर नक्काशी का सुंदर काम किया गया है। 

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पिथौरागढ़ किले से जुड़े रोचक तथ्य 

यहाँ पिथोरागढ़ किले से जुड़े कुछ रोचक तथ्य बताए जा रहे हैं : 

  • पिथौरागढ़ के किले का नाम पूर्व में बाउलीकी गढ़ था जिसे अंग्रेजों के द्वारा लन्दन फोर्ट कर दिया गया। 
  • यह किला 135 सालों से भी अधिक पुराना है।  
  • पांच साल पहले इस किले को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जा चुका है। 
  • यह किला पिथोरागढ़ के बीच में एक पहाड़ी  पर स्थित है। इस किले से पूरे पिथौरागढ़ शहर का सुंदर नज़ारा देखा जा सकता है।  
  • स्थानीय लोगों ने किले का नाम लंदन फोर्ट से बदलकर सोरगढ़ किए जाने की मांग उठाई थी। जनभावनाओं को देखते हुए सरकार ने किले का नाम बदलकर सोरगढ़ कर दिया। 
  • इस किले के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण के लिए सरकार द्वारा लगभग पांच करोड़ रूपए व्यय किए गए हैं। 
  • पिथौरागढ़ का किला धर्मनिरपेक्षता का एक बहुत ही उत्तम उदाहरण है। जहाँ इस किले के अंदर भगवान शिव का एक विशाल मंदिर स्थित है तो वहीँ एक मस्जिद भी स्थित है। इस मस्जिद का निर्माण इस किले पर शासन करने वाले गोरखा राजाओं के द्वारा उनके मुस्लिम सैनिकों के लिए करवाया गया था। 

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FAQs  

पिथौरागढ़ का पुराना नाम क्या है? 

पिथौरागढ़़ का पुराना नाम सोरघाटी है।

पिथौरागढ़़ का राजा कौन था?

पिथौरागढ़़ नगर पर लंबे समय तक कत्यूरी शासकों का राज रहा। इस वंश के ही पिथौरा शाही यहां के शासक थे, जिन्हें प्रीतम देव, पृथ्वी शाही और राजा राय पिथौरा शाही के नाम से भी जाना जाता है।

पिथौरागढ़़ की भाषा क्या है?

पिथौरागढ़ के लोग बोलचाल के लिए मुख्य रूप से हिंदी और कुमाउँनी भाषा का प्रयोग करते हैं। 

पिथौरागढ़़ में कौन सा मंदिर है?

पिथौरागढ़़ में मोस्टामानु मंदिर स्थित है। 

पिथौरागढ़़ को छोटा कश्मीर क्यों कहा जाता है?

पिथौरागढ़ की सुंदरता के कारण इसे छोटा कश्मीर कहा जाता है। 

आशा है कि आपको इस ब्लाॅग में पिथौरागढ़ का किला के बारे में जानने को मिल गया होगा। इसी प्रकार के अन्य दुर्ग और किलों का इतिहास पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें। 

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