प्रतियोगी परीक्षाओं में करंट अफेयर्स से जुड़े क्वेश्चन पूछे जाते हैं, क्योंकि करंट अफेयर्स का उद्देश्य मनुष्य की समझ को विस्तार करना है। UPSC में प्री और मेंस एग्जाम के अलावा इंटरव्यू का भी महत्वपूर्ण रोल है, इसलिए कैंडिडेट्स को रोजाना हो रहीं आसपास और देश-दुनिया की घटनाओं को समझना होगा। करंट अफेयर्स में अक्सर बायोफ्यूल पर भी प्रश्न पूछे जाते हैं। इस ब्लाॅग Biofuel in Hindi में बायोफ्यूल क्या है के बारे में जानेंगे, जिसे आप अपनी तैयारी में जोड़ सकते हैं।
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बायोफ्यूल क्या होते हैं?
जैव ईंधन (Biofuel in Hindi) एक प्रकार के नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत होते हैं, जो सूक्ष्मजीव, पौधे या पशु सामग्री से प्राप्त होते हैं। जैव ईंधन के उदाहरणों में इथेनॉल, बायोडीजल (वनस्पति तेल और तरल पशु वसा से प्राप्त), हरा डीजल (शैवाल और अन्य पौधों के स्रोतों से प्राप्त), और बायोगैस (मीथेन से प्राप्त) शामिल हैं। बायोफ्यूल ठोस, तरल या गैसीय हो सकता है। जैव ईंधन शब्द आम तौर पर तरल ईंधन और बायोमास सामग्री से उत्पादित मिश्रण घटकों पर लागू होता है जिन्हें फीडस्टॉक कहा जाता है।
बायोफ्यूल के प्रकार क्या हैं?
जैव ईंधन (Biofuel in Hindi) के प्रकार इस प्रकार दिए गए हैं-
- ठोस जैव ईंधन (solid biofuel)
- जैवडीजल (biodiesel)
- तरल जैव ईंधन (liquid biofuel)
- बायोगैस (biogas)
जैव ईंधन/बायोफ्यूल का उपयोग क्या है?
Biofuel in Hindi के उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। यहां हम जैव ईंधन यानी बायोफ्यूल का उपयोग जानेंगे-
- इलेक्ट्रिसिटी को उत्पन्न करने के लिए
- परिवहन में
- तेल रिसाव और ग्रीस को साफ करने के लिए
- पेंट को निकलने के लिए इस्तेमाल होने वाले साधनों में
- गर्मी उत्पन्न करने के लिए
- पेंट और चिपकने वाला पदार्थ हटाने के लिए
- जब जीवाश्म ईंधन ख़त्म हो जाएं तो ऊर्जा बनाने के लिए
- आयातित तेल की लागत और आवश्यकता कम करने के लिए।
बायोफ्यूल के फायदे क्या हैं?
Biofuel in Hindi जानने के साथ ही यह समझना आवश्यक है कि बायोफ्यूल के फायदे क्या हैं, यहां हम प्वाइंट्स में बायोफ्यूल के फायदे जानेंगे-
- जैविक मूल का नवीकरणीय ईंधन
- वायु प्रदूषण की रोकथाम
- जीवाश्म ईंधन पर कम निर्भरता
- स्थानीय अर्थव्यवस्था और सोर्सिंग
- चक्रीय अर्थव्यवस्था एवं स्थिरता
- ऊर्जा सुरक्षा
- पर्यावरण के अनुकूल।
पौधों के उत्पादों से जैव ईंधन का उत्पादन कैसे होता है?
लकड़ी और घरेलू कचरे का उपयोग गर्मी और एनर्जी के स्रोत के रूप में किया जाता है। जैव ईंधन का उत्पादन पशु वसा (फैट), पौधों के अपशिष्ट (वेस्ट) और जीवित जीवों से उत्पन्न अन्य जैविक अपशिष्टों की सहायता से भी तैयार किया जाता है।
इस प्रक्रिया को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है-
- पहली जनरेशन: जैव ईंधन मुख्य रूप से एडिबल चीनी, स्टार्च से बनाए जाते हैं और अन्य खाद्य फसलें कृषि योग्य भूमि पर उगाई जाती हैं।
- दूसरी जनरेशन: जैव ईंधन का उत्पादन इनएडिबल पौधों की सामग्री, जैसे पौधों के सूखे पदार्थ या लकड़ी के बायोमास, या कृषि अवशेषों और अपशिष्टों से किया जाता है।
- तीसरी जनरेशन: जैव ईंधन मुख्य रूप से शैवाल (algae) और सूक्ष्मजीवों उत्पादित किए जाते हैं।
जैव ईंधन बनाने की प्रक्रिया
जैव ईंधन बनाने की प्रक्रिया की जानकारी नीचे दी गई है-
- स्टेप 1: चुने गए पौधों की फसलों को सूर्य से गर्मी जमा करने के लिए छोड़ दिया जाता है।
- स्टेप 2: बाद में इन फसलों को कारखानों में रिफाइन कर फ़ूड प्रोडक्ट्स तैयार किये जाते हैं।
- स्टेप 3: एक बार फ़ूड प्रोडक्ट्स तैयार हो जाने के बाद, इन फसलों को जैव ईंधन बनाने के लिए रिफाइन किया जाता है।
- स्टेप 4: जैव ईंधन के उत्पादन के बाद, उन्हें टैंकों में एक-साथ किया जाता है और एक अलग प्रक्रिया के लिए उपयोग किया जाता है।
FAQs
जैव ईंधन।
पौधे या शैवाल सामग्री या पशु अपशिष्ट।
लकड़ी, कोयला, कृषि अवशेष और सूखे गोबर।
वनस्पति तेल या पशु वसा या तेलों और वसा के संयोजन को एथेनॉल के साथ रासायनिक रूप से प्रतिक्रिया करके बनाया जाता है।
भारत में आंध्रप्रदेश राज्य में सबसे ज्यादा जैव ईंधन उत्पादन किया जाता है। यहां 288.00 बायोमास इलेक्ट्रिसिटी (मेगावाट) का उत्पादन किया जाता है।
जैव ईंधन के उत्पादन में सोलफैटेरिकस का उपयोग किया जाता है।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Biofuel in Hindi की पूरी जानकारी मिल गई होगी। एग्जाम की तैयारी और बेहतर करने व UPSC में पूछे जाने वाले क्वैश्चंस के बारे में अधिक जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।