Aerospace Engineering in Hindi : जानिए एयरोस्पेस इंजीनियरिंग क्या है, कोर्सेज, यूनिवर्सिटीज, करियर स्कोप

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Aerospace Engineering in Hindi

एयरोस्पेस इंजीनियर ही अंतरिक्ष में जाने वाली मिसाइलों, सैटेलाइट, स्पेस क्राफ्ट, और  एयरक्राफ्ट को डिजाइन करने का कार्य करते हैं। साथ ही सभी डिजाइन का सही असेसमेंट करने के लिए उनके प्रोटोटाइप का टेस्ट भी करते हैं। अंतरिक्ष में जाने वाली नासा की स्पेस साइंटिस्ट “कल्पना चावला” जिन्होंने अंतरिक्ष में जाकर पूरे भारत का नाम रौशन किया था। उसी प्रकार एयरोस्पेस का नाम लेते ही भारत के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के नाम से जाने वाले श्री “अब्दुल कलाम आजाद” का नाम बहुत सम्मान के साथ लिया जाता हैं। वर्तमान समय में एयरोस्पेस इंजीनिरिंग एक बढ़ता हुआ सेक्टर है, जिसमें आप अपना शानदार करियर बना सकते हैं। इसमें आपको अंतरिक्ष को और बेहतर जानने के साथ साथ स्पेस साइंटिस्ट के साथ मिलकर काम करने का मौका भी मिलता हैं। इस ब्लॉग में aerospace engineering in Hindi के बारे विस्तार से जानकरी दी गई है। 

कोर्सएयरोस्पेस इंजीनियरिंग
फुल फॉर्मबैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी इन एयरोस्पेस इंजीनियरिंग
स्तरअंडरग्रेजुएट
अवधि4 वर्ष 
योग्यता10+2 + एंट्रेंस एग्ज़ाम 
परीक्षा का प्रकारवार्षिक 
प्रवेश प्रक्रियाएंट्रेंस एग्जाम 
जॉब ऑप्शनएयरोस्पेस इंजीनियर, एयरक्राफ्ट प्रोडक्शन मैनेजर
जॉब  सेक्टर इसरो, डिफेंस मिनिस्ट्री, हिन्दुतान ऐरोनॉटिकल्स, रॉकेट साइंटिस्ट, टेक्निकल ऑफिसर 
औसत सैलरी 1-8 लाख/वर्ष
This Blog Includes:
  1. एयरोस्पेस इंजीनियरिंग क्या है?
  2. एयरोस्पेस इंजीनियर के कार्य
  3. एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए जरूरी स्किल्स
  4. एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए टॉप कोर्सेज
  5. एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज
  6. एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए भारत की टॉप यूनिवर्सिटी 
  7. एयरोस्पेस इंजीनियर बनने के लिए योग्यता
  8. एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए एप्लीकेशन प्रोसेस 
    1. विदेश में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए एप्लीकेशन प्रोसेस
    2. एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए भारतीय विश्वविद्यालयों में एप्लीकेशन प्रोसेस 
  9. एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए प्रवेश परीक्षाएं
    1. प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम की सूची 
  10. एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में करियर स्कोप
  11. एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए टॉप रिक्रूटर्स की सूची 
    1.  प्रमुख रिक्रूटर्स
  12. एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में जॉब प्रोफाइल्स 
  13. FAQs

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग क्या है?

एयरोस्पेस इंजीनिरिंग प्लेन और अंतरिक्ष यान के डेवेलपमेंट और रिसर्च का कार्य करते हैं। इसमें वह हवाई जहाज, सैटेलाइट,मिसाइलों,और अंतरिक्ष यान को बनाने और उनका स्पेस के अनुसार डिजाइन करने का कार्य करते हैं। इसमें इंजीनिरिंग की दो प्रमुख शाखाएं हैं: एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग और एस्ट्रोनॉटिकल इंजीनियरिंग।

एयरोस्पेस इंजीनियर के कार्य

एक एयरोस्पेस इंजीनियर बहुत से महत्वपूर्ण कार्य करते हैं, जिनकी सूची नीचे दिए गए बिंदुओं में दी गई हैं:-

  1. एयरोस्पेस इंजीनिरिंग का मुख्य कार्य एयरक्राफ्ट, स्पेस एयरक्राफ्ट, सैटेलाइट और मिसाइलों को अंतरिक्ष के अनुसार डिजाइन करना होता हैं। 
  2. एयरोस्पेस इंजीनियर अपने कार्य के दौरान कई तरह के टेस्ट, उनकी क्षमताओं को जाँचना और एयरक्राफ्ट, सैटेलाइट और मिसाइलों के सभी पार्ट्स की जाँच करने का भी काम करते हैं।   
  3. एयरोस्पेस इंजीनियर स्पेसक्राफ्ट, डिफेंस सिस्टम, एविएशन और एविओनिक्स में इस्तेमाल होने वाली नई इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी को भी तैयार करते है। 
  4. इसके साथ ही वे विभिन्न प्रकार के एयरोस्पेस मशीनरी को डिजाइन करने का भी महत्वपूर्ण कार्य करते है जिसमें फाइटर एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर, कमर्शियल प्लेन, लांच व्हीकल आदि शामिल होते है। 

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए जरूरी स्किल्स

यहां aerospace engineering in Hindi के लिए कुछ जरुरी स्किल्स के बारे में बताया जा रहा है, जिन्हें आप नीचे दिए गए कुछ पॉइंट्स में देख सकते हैं:

  1. क्रिएटिव एंड थिंकिंग एबिलिटी – एक एयरोस्पेस इंजीनियर में क्रिएटिव थिंकिंग एबिलिटी जरूर होनी चाहिए। तभी वह अंतरिक्ष के अनुसार एयरक्राफ्ट को बेहतर तरीके से डिजाइन कर पाएंगे। 
  2. एनालिटिकल और मैथेमैटिकल स्किल्स – एयरोस्पेस इंजीनियर में एनालिटिकल और मैथेमैटिकल स्किल्स होनी चाहिए क्योंकि अंतरिक्ष में एयरक्राफ्ट भेजने से पहले उसकी कोडिंग करना एक इम्पोर्टेंट कार्य होता है। 
  3. टीम वर्क – अंतरिक्ष में जाने वाले एयरक्राफ्ट, रॉकेट और मिसाइलों को बनाने में बहुत से लोगों की भूमिका होती हैं। एक एरोस्पेस इंजीनियर के अंदर टीम वर्क में काम करने की क्षमता जरूर होनी चाहिए। 
  4. राइटिंग स्किल एंड कम्युनिकेशन स्किल्स – एक एयरोस्पेस इंजीनियर में राइटिंग एंड कम्युनिकेशन स्किल्स का होना बहुत जरुरी होता है क्योंकि उनके अंदर स्पष्ट लेखन की स्क्लिस और अपने डिजाइन को टीम को समझाने का कौशल होना जरुरी है। ताकि अपने द्वारा बनाया गया डिजाइन अन्य टीम के मेंबर्स  पूरी तरह से समझ सकें।   
  5. प्रोजेट्स स्किल्स – एयरोस्पेस इंजीनियर को अपने प्रोजेट्स को समय के अनुसार कार्य करने की क्षमता होनी चाहिए, साथ ही प्रोजेक्ट में लगने वाली कॉस्ट को भी ध्यान में रखना होता है। 

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए टॉप कोर्सेज

यहां एयरोस्पेस इंजीनियरिंग से संबंधित कोर्सेज की डिटेल्स दी जा रही है:-

  • BE/ BTech in Aerospace Engineering 
  • BS/ BS(Hons) in Aerospace Engineering 
  • MS in Aerospace Engineering
  • ME/MTech in Aerospace Engineering 
  • PhD in Aerospace Engineering

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज

यहां हमने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग बनने के लिए विदेश की टॉप यूनिवर्सिटी की लिस्ट दी है, जिनसे आप अपनी एयरोस्पेस इंजीनिरिंग की पढाई कर सकते हैं:-

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए भारत की टॉप यूनिवर्सिटी 

जो स्टूडेंट्स aerospace engineering in Hindi की पढ़ाई अपने देश में करना चाहते है, उनके लिए भारत की कुछ प्रमुख यूनिवर्सिटी की लिस्ट नीचे दी गई है:-

  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT), दिल्ली 
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT),मुंबई 
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT),कानपुर
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT),खड़गपुर 
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT),मद्रास 
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी, तिरुवनंतपुरम
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (IISc),बैंगलोर
  • फिरोज गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (FGIET),रायबरेली 
  • बाबू बनारसी दास नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (BBDNITM),लखनऊ
  • दयानंद सागर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (DSCE), बैंगलोर
  • पीएसजी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर
  • जादवपुर यूनिवर्सिटी, पश्चिम बंगाल  
  • एलडी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, अहमदाबाद
  • आरवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, बैंगलोर
  • वीआईटी वेल्लोर, तमिलनाडु 

एयरोस्पेस इंजीनियर बनने के लिए योग्यता

 एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए आवश्यक योग्यता इस प्रकार है:-

  • एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (फिजिक्स,कैमिस्ट्री और मैथ्स) विषय के साथ स्टूडेंट को साइंस स्ट्रीम में न्यूनतम 60% (एससी / एसटी के लिए 55 प्रतिशत) के साथ उच्च माध्यमिक या कक्षा 12वीं कक्षा पास करनी जरुरी होती है। 
  • एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में अधिकांश डिग्री प्रोग्राम पोस्ट ग्रेजुएशन लेवल पर प्रोवाइड किए जाते हैं। छात्र के पास न्यूनतम 60% (एससी/एसटी के लिए 55 प्रतिशत) के साथ ग्रेजुएशन की डिग्री (बीई/बीटेक या समकक्ष) होनी चाहिए।
  •  पोस्ट ग्रेजुएशन और डॉक्टरेट प्रोग्राम्स के साथ-साथ रिसर्च में प्रवेश के लिए GATE स्कोर आवश्यक होता हैं। 
  • कुछ मामलों में प्रवेश परीक्षा भी आयोजित की जाती है। JEE Mains, JEE Advanced, IMU CET आदि देश की कुछ प्रमुख प्रवेश परीक्षाएं हैं।
  • विदेश की यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए, उम्मीदवार से SAT या ACT स्कोर की मांग की जाती है। 
  • अंग्रेजी प्रोफिशिएंसी के प्रमाण के रूप में IELTS या TOEFL या PTE आदि के टेस्ट स्कोर जरूरी होते हैं।
  • विदेश में इन आवश्यकताओं के अलावा भी LOR, SOP, CV/Resume, पोर्टफोलियो आदि की भी आवश्यकता होती है।

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए एप्लीकेशन प्रोसेस 

Aerospace engineering in Hindi के लिए भारत और विदेशी यूनिवर्सिटी में एप्लीकेशन प्रोसेस के बारे में नीचे बताया गया है:-

विदेश में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए एप्लीकेशन प्रोसेस

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:-

  • आपकी एप्लीकेशन प्रोसेस का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स और यूनिवर्सिटी को सिलेक्ट करना है। 
  • कोर्स और यूनिवर्सिटी के सिलेक्ट करने के बाद उस कोर्स के लिए उस यूनिवर्सिटी की एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के बारे में कम्पीट रिसर्च करें। 
  • आवश्यक टेस्ट स्कोर और डाक्यूमेंट्स एकत्र करें।
  • यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर एप्लीकेशन फॉर्म भरें।  
  • उसके बाद विदेश में जाने के लिए अपने ऑफर लेटर की प्रतीक्षा करें और सिलेक्ट होने पर इंटरव्यू की तैयारी करें। 
  • इंटरव्यू राउंड क्लियर होने के बाद आवश्यक ट्यूशन फीस का भुगतान करें और स्कॉलरशिप, छात्रवीजा, एजुकेशन लोन और छात्रावास के लिए अप्लाई करें।

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए भारतीय विश्वविद्यालयों में एप्लीकेशन प्रोसेस 

भारत के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:-

  • सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  • यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  • फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप स्टडी करना चाहते हैं।
  • अब शैक्षिक योग्यता, कैटेगिरी आदि के साथ एप्लीकेशन फॉर्म भरें।
  • इसके बाद एप्लीकेशन फॉर्म सबमिट करें और आवश्यक एप्लीकेशन फीस की पेमेंट करें। 
  • यदि एडमिशन, एंट्रेंस एग्जाम पर आधारित है तो पहले एंट्रेंस एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। एंट्रेंस एग्जाम के मार्क्स के आधार पर आपका सिलेक्शन किया जाएगा और फाइनल लिस्ट जारी की जाएगी।

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए आवश्यक डाक्यूमेंट्स 

विदेश में स्टडी करने के लिए कुछ इंपोर्टेंट डाक्यूमेंट्स की सूची नीचे दी गई है:-

भारत में aerospace engineering in Hindi यूनिवर्सिटी में प्रवेश करने के लिए कुछ इंपोर्टेंट डाक्यूमेंट्स की सूची नीचे दी गई है:-

  • आपकी 10वीं या 12वीं की परीक्षा की मार्कशीट और पासिंग सर्टिफिकेट
  • डेट ऑफ बर्थ का प्रूफ
  • विद्यालय छोड़ने का सर्टिफिकेट
  • ट्रांसफर सर्टिफिकेट
  • अधिवास प्रमाण पत्र/आवासीय प्रमाण या सर्टिफिकेट
  • अस्थायी सर्टिफिकेट
  • करेक्टर सर्टिफिकेट 
  • अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ी जाति प्रमाण पत्र
  • विकलांगता का प्रमाण (यदि कोई हो)
  • माइग्रेशन सर्टिफिकेट  

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए प्रवेश परीक्षाएं

भारत के प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेज और इंस्टिट्यूट में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्ज़ाम देना कम्पलसरी होता है, जिसकी सूची नीचे दी गई है:-

प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम की सूची 

  • जेईई मेंस (JEE Mains)
  • जेईई एडवांस (JEE Advanced)
  • डब्ल्यूबीजेईई (WBJEE) 
  • एमएचटी सीईटी (MHT CET)
  • बीआईटीएसएटी (BITSAT)
  • वीआईटीईईई  (VITEEE)
  • एआईसीईटीई  (AICTE)
  • एसआरएमजेईई (SRMJEE)
  • MERI Entrance Exam
  • आईएमयू सीईटी  (IMU CET)

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में करियर स्कोप

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग हमेशा से ही करियर के लिए एक अच्छा विकल्प रहा है। यह एक ऐसा क्षेत्र रहा है जहां आपको हमेशा नई-नई टेक्नोलॉजी को सिखने और रिसर्च करने का भरपूर मौका मिलता है। एक एयरोस्पेस इंजीनियर को डिफेंस मिनिस्ट्री, भारत अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), एयरलाइन कंपनियों, हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड और डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लेबोरेटरी जैसे प्रमुख जगहो पर काम करने का सुनहरा मौका मिलता हैं।  

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए टॉप रिक्रूटर्स की सूची 

यहां कुछ प्रमुख रिक्रूटर्स की सूची दी जा रही है, जो एयरोस्पेस इंजीनियर को जॉब और रिसर्च के लिए रिक्रूट करती हैं:-

 प्रमुख रिक्रूटर्स

  • इंडियन एयर फ़ोर्स
  • इसरो
  • गवर्नमेंट रिसर्च डिपार्टमेंट 
  • एयरलाइन्स कंपनियां 
  • हेलीकॉप्टर कंपनियां
  • एयरशिप्स कंपनियां
  • एविएशन कंपनियां
  • डिफेंस मिनिस्ट्री
  • सेटलाइट स्टेशन
  • यूनिवर्सिटीज 
  • नासा
  • हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड
  • डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लेबोरेटरी
  • सिवल एविएशन मिनिस्ट्री 

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में जॉब प्रोफाइल्स 

यहां कुछ प्रमुख एयरोस्पेस इंजीनियर के क्षेत्र से जुड़ी जॉब प्रोफाइल्स के बारे में नीचे बताया जा रहा है:-

  • एयरोस्पेस इंजीनियर
  • ऑटोमोटिव इंजीनियर
  • रॉकेट साइंटिस्ट 
  • एयरक्राफ्ट मैनेजर
  • मैंटेनस इंजीनियर
  • लेक्चरर 
  • थर्मल डिजाइन इंजीनियर
  • टेक्निकल ऑफिसर 
  • कंट्रोल एंड इंस्टूमेंटेशन इंजीनियर
  • क्वॉलिटी मैनेजर
  • प्रोडक्ट डिजाइनर 
  • मैन्युफैक्चरिंग सिस्टम इंजीनियर
  • फ्लाइट इंजीनियर 
  • एयरोस्पेस ऑफिसर
  • एयरोस्पेस टेक्निशियन

FAQs

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग कितने साल की होती है?

आपको किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान और यूनिवर्सिटी से एयरोनॉटिकल या एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में चार साल की B.Tech की डिग्री हासिल करनी होती है। इस डिग्री में आपके मैथ्स, साइंस और फिजिक्स के कोर्सेज शामिल होने चाहिए।

क्या एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की मांग में है?

एरोनॉटिक्स फाइनेंस और डिफेंस सेक्टर में तेजी से बढ़ने वाली इंडस्ट्री है। डिफेंस कंपनियां डिफेंस एयरक्राफ्ट्स के लिए व विशेष प्लेन डिजाइन करने के लिए एयरोस्पेस इंजीनियरों की भर्ती करती हैं।

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग बनने के लिए कौन से एंट्रेंस एग्जाम देने होते हैं?

कुछ प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम जैसे JEE Main, JEE Advanced, BITSAT, WBJEE आदि शामिल होकर आप एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एडमिशन ले सकते हैं।

क्या भारत में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग एक अच्छा करियर है?

भारत में एविएशन और स्पेस इंडस्ट्री काफी तेजी से बढ़ रही है, योग्य एयरोस्पेस इंजीनियरों के लिए कई क्षेत्रों में नौकरी के कई अवसर हैं। एक एयरोस्पेस इंजीनियर इंजीनियरिंग क्षेत्र में शीर्ष पांच टॉप सैलरी वाले प्रोफेशन में से एक है ।

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में कौन सा क्षेत्र सबसे अच्छा है?

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए एयरोस्पेस इंजीनियर, मैन्युफैक्चरिंग सिस्टम इंजीनियर, ऑटोमोटिव इंजीनियर, रॉकेट साइंटिस्ट और टेक्निकल ऑफिसर के क्षेत्र में जाना एक अच्छा विकल्प हो सकता हैं। 

उम्मीद है आपको aerospace engineering in Hindi पर आधारित एयरोस्पेस इंजीनियरिंग क्या है का यह ब्लॉग पसंद आया होगा। यह ब्लॉग अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर शेयर करें और ऐसे ही अन्य रोचक, ज्ञानवर्धक और आकर्षक ब्लॉग पढ़ने के हमारे साथ बने रहें। यदि आप विदेश में पढ़ना चाहते हैं तो आज ही Leverage Edu के विशेषज्ञो से 1800 572 000 पर कॉल कर आज ही 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करा कर सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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