अब छत्तीसगढ़ बोर्ड SCERT के स्कूल सिलेबस में पढ़ाया जाएगा AI विषय 

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ab chattisgarh board ke syllabus mein padhaya jayega ai vishay

आज का समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का समय है। आज के समय में एजुकेशन से लेकर बिजनेस और फिल्म आदि हर क्षेत्र में AI का प्रयोग बढ़ता जा रहा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के स्टेट काउंसिल ऑफ़ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (SCERT) ने छत्तीसगढ़ बोर्ड के स्कूल सिलेबस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को एक विषय के रूप में जोड़ने का फैसला किया है। 

जल्दी शुरू किया जाएगा सिलेबस पर काम 

SCERT के एक अधिकारी के मुताबिक़ अभी SCERT के द्वारा इस विषय में रणनीति बनाई जा रही है। एक बार सारी चीज़ें फाइनल हो जाने के बाद SCERT के द्वारा एक समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति में AI से जुड़े विशेषज्ञ शामिल होंगे जो छत्तीसगढ़ बोर्ड के स्कूल सिलेबस के लिए AI विषय की का कोर्स तैयार करेंगे। इसके साथ ही सिलेबस तैयार करना अपने आप में एक बड़ी चुनौती होगा। रायपुर के ग्रामीण इलाकों से आने वाले छात्रों के लिए AI जैसे मुश्किल विषय को  समझने में थोड़ी परेशानी हो सकती है। इस कारण से SCERT द्वारा AI कोर्स को स्थानीय भाषा में तैयार करने का प्रयास भी किया जा सकता है। ताकि छात्र AI के कठिन सिलेबस को अच्छे से समझ सकें।  

क्या होता है आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को हिंदी में कृतिम बुद्धि कहते हैं। आसान भाषा में हम इसे नकली दिमाग कह सकते हैं। यह कम्प्यूटर विज्ञान की ही एक शाखा है। इसको यह नाम सन वर्ष 1955 में जॉन मैकार्थी के द्वारा दिया गया था। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अंतर्गत मशीन को तर्क और रिसर्च जैसे ह्यूमन टास्क करने के लिए दिए जाते हैं और वर्तमान समय में मशीन इन कामों को बेहतर तरीके से करने की क्षमता रखती है। दिन प्रतिदिन AI क्षमता में विकास होता जा रहा है। AI का लक्ष्य मशीन की मदद से मनुष्य के काम को आसान करना है। 

स्टूडेंट्स के लिए फ़ायदेमंद साबित होगा AI विषय  

 SCERT द्वारा छत्तीसगढ़ बोर्ड के स्कूल सिलेबस में शुरू किया जा रहा AI विषय स्टूडेंट्स के लिए बहुत फायदेमंद है-

  • आज का समय AI का है। अगर छात्र स्कूल से ही AI जैसे विषय के बारे में पढ़ेंगे तो उनके लिए भविष्य में बेहतर करियर विकल्प होंगे। 
  • जब छात्र छोटी उम्र में ही AI जैसी उन्नत तकनीक के बारे में पढ़ेंगे तो इससे उनका बौद्धिक विकास होगा। 
  • इससे छात्रों  में पढ़ाई के प्रति जिज्ञासा और रूचि उत्पन्न होगी।  

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