International Tiger Day 2024: कब हुई थी विश्व बाघ दिवस मनाने की शुरुआत 

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विश्व बाघ दिवस

विश्व में बाघों के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर वर्ष 29 जुलाई को ‘विश्व बाघ दिवस’ (International Tiger Day 2024) मनाया जाता है। यह दिवस खासतौर पर बाघों की लगातार कम होती आबादी पर नियंत्रण करने के लिए मनाया जाता है। क्या आप जानते हैं कि विश्व बाघ दिवस मनाने की शुरुआत वर्ष 2010 में हुई थी। जब रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में एक अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस के दौरान बाघों की संख्या में गिरावट के बारे में जागरूकता बढ़ाने, उन्हें विलुप्त होने से बचाने और बाघ संरक्षण के कार्य को प्रोत्साहित करने के लिए ITD को मनाने का फैसला लिया गया था। बता दें कि इस वर्ष 29 जुलाई 2024 को हम 14वां अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने जा रहे हैं।

वहीं भारत के लिए यह दिवस बहुत खास है, क्योंकि बाघ न केवल भारत का ‘राष्ट्रीय पशु’ (National Animal) है बल्कि दुनिया के 70 प्रतिशत से अधिक बाघ भारत में ही पाए जाते हैं। वर्तमान में भारत के मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र राज्य में सबसे अधिक बाघ हैं। आइए जानते हैं विश्व बाघ दिवस (International Tiger Day 2024) के बारे में विस्तार से। 

विश्व बाघ दिवस का इतिहास 

वर्ष 2010 में रूस में आयोजित सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर समिट में दुनियाभर में बाघों के संरक्षण को बढ़ावा देने और उनके प्राकृतिक आवासों की रक्षा के लिए प्रतिवर्ष 29 जुलाई को ‘बाघ संरक्षण दिवस’ मनाने का फैसला लिया गया था। इस अंतरराष्ट्रीय समिट में बाघों की आबादी वाले 13 देशों ने भाग लिया था। वहीं इन सभी देशों को वर्ष 2022 तक बाघों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य दिया गया था। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भारत इकलौता देश है, जिसने यह लक्ष्य 4 वर्ष के भीतर साल 2018 में ही प्राप्त कर लिया। 

बाघ संरक्षण का महत्त्व

बाघ एक अनूठा पशु है जो किसी स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र और उसकी विविधता में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह खाद्य शृंखला (Food Chain) में उच्च उपभोक्ता है, जो खाद्य शृंखला में शीर्ष पर है और मुख्य रूप से बड़े स्तनपायी आबादी वाले जानवरों को नियंत्रण में रखता है। यह मुख्यतः हिरन, नीलगाय, जंगली भैंसे व सुअर का शिकार कर अपना पेट भरता है।

बाघ संरक्षण का उद्देश्य मात्र एक खूबसूरत जानवर को बचाना नहीं है, बल्कि उनके संरक्षण के परिणामस्वरूप हमें पारिस्थितिक संतुलन (Ecological Balance) बनाए रखने में सहायता मिलती है। इसके अलावा हमें स्वच्छ हवा, पानी, परागण, तापमान विनियमन आदि जैसी पारिस्थितिक सेवाओं की प्राप्ति होती है।

विश्व बाघ दिवस
Source: Pinterest

भारत में बाघ संरक्षण

क्या आप जानते हैं कि बाघ का वैज्ञानिक नाम ‘पैंथेरा टाइग्रिस’ (Panthera Tigris) है। वहीं भारत में ‘पैंथेरा टाइग्रिस की उप प्रजातियां पाई जाती है। बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है। इसके साथ ही दुनिया के 75% से अधिक बाघ भारत में ही पाए जाते हैं। वहीं अगर हम एशियाई देशों की बात करें तो भारत के अलावा बाघ बांग्लादेश, लाओस, मलेशिया, भूटान, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम में पाए जाते हैं। 

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प्रोजेक्ट टाइगर

भारत में बाघों के संरक्षण के लिए वर्ष 1973 में ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ (Project Tiger) शुरू किया गया था। बता दें कि यह ‘वन एवं पर्यावरण मंत्रालय’ (Ministry of Environment, Forest and Climate Change of India) की एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इसके माध्यम से देश के राष्ट्रीय उद्यानों में बाघों को आश्रय व संरक्षण प्रदान किया जाता है। आपकी  जानकारी के लिए बता दें कि प्रोजेक्ट टाइगर के समय देश में मात्र 8 अभयारण्य थे जबकि वर्ष 2022 में इनकी संख्या बढ़कर 53 हो चुकी है। वर्ष 1973 में बना उत्तराखंड का ‘जिम कार्बेट नेशनल पार्क’ (Jim Corbett National Park) भारत का सबसे पुराना अभयारण्य है। जबकि आंध्र प्रदेश में स्थित ‘नागार्जुनसागर श्रीशैलम टाइगर रिज़र्व’ (Nagarjunasagar-Srisailam Tiger reserve) देश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है। 

भारत में बाघों की दशा 

वर्ष 2010 में भारत में बाघों की संख्या 1706 थी। जबकि वर्ष 2022 की बाघ जनगणना के अनुसार भारत में 3682 बाघ हैं। इस तरह रूस के सेंटपीटर्सबर्ग में हुए टाइगर समिट में बाघों की संख्या वर्ष 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य भारत ने 04 वर्ष पहले ही प्राप्त कर लिया। वर्तमान समय में मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में सबसे अधिक बाघ पाए जाते हैं।  

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राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण 

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Source: Wikipedia

भारत में बाघों की जनगणना वर्ष 2006 से शुरू हुई थी। प्रत्येक 4 वर्ष में ‘राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण’ (NTCA) द्वारा पूरे भारत में बाघों की जनगणना की जाती है। बता दें कि NTCA पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है, जो 2006 में संशोधित वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत गठित है। 

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बाघों की आबादी में कमी के कारण

यहाँ दुनियाभर में बाघों की जनसंख्या में कमी आने के कुछ प्रमुख कारण बताए गए है, जो कि इस प्रकार हैं:-

  • बाघ का अवैध शिकार
  • जंगल की अधाधुंध कटाई
  • वन में खाने की कमी और इनके आवास को नुकसान पहुंचना
  • तस्करी और उनके अंगों का अवैध व्यापार

बाघों की विभिन्न प्रजातियां

  • साइबेरियन टाइगर – बाघ जो बर्फीले परिस्थितियों में ही रहते हैं।
  • बंगाल टाइगर – ये बाघ एशिया में पाए जाते हैं। एशिया में बंगाल टाइगर बांग्लादेश, भूटान, भारत और नेपाल में पाए जाते हैं।
  • इंडोचाइनीज टाइगर – इन बाघों को कई एशियाई देशों में देखा जा सकता है। इंडोचाइनीज टाइगर बर्मा, कंबोडिया, लाओस, चीन, वियतनाम और थाईलैंड में पाए जाते हैं।
  • मलेशियाई बाघ – ये बाघ केवल मलय प्रायद्वीप के दक्षिण में पाए जाते हैं।
  • साउथ चाइना टाइगर्स – ये सबसे लुप्तप्राय बाघ उप-प्रजातियों में से एक हैं। वे सुमात्राण बाघों की तुलना में अधिक संकटग्रस्त हैं।
  • सुमात्रा टाइगर्स – ये बाघ बिल्ली परिवार के सबसे बड़े सदस्य हैं।

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विलुप्त बाघ प्रजाति

  • बाली बाघ
  • कैस्पियन बाघ
  • जावन बाघ
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Source: Wikipedi

FAQs

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस क्यों मनाया जाता है?

बाघों के संरक्षण और उनकी विलुप्त होती प्रजातियों को बचाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है। 

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने की शुरुआत कब हुई?

वर्ष 2010 में रूस में आयोजित सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर समिट में बाघों की संख्या में गिरावट के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उन्हें विलुप्त होने से बचाने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी। 

बाघों की संख्या घटने के मुख्य कारण क्या हैं?

बाघों की संख्या घटने के प्रमुख कारण हैं, प्राकृतिक आवासों की कटाई, तस्करी तथा अवैध शिकार, जलवायु परिवर्तनन और शिकार प्रजातियों की कमी। इन समस्याओं का समाधान बाघों के संरक्षण के लिए आवश्यक है।

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के लिए 2024 की थीम क्या है?

बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 2024 के लिए अभी तक कोई आधिकारिक थीम घोषित नहीं की गई है।

बाघ का वैज्ञानिक नाम क्या है?

‘पैंथेरा टाइग्रिस (Panthera Tigris) बाघ का वैज्ञानिक नाम है।

बाघ एशिया के किन 13 देशों में पाए जाते हैं?

बाघ एशिया में भारत, बांग्लादेश, लाओस, मलेशिया, भूटान, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम में पाए जाते हैं। 

आशा है कि आपको विश्व बाघ दिवस (International Tiger Day 2024) के बारे में सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही ज्ञानवर्द्धक और ट्रेंडिंग इवेंट्ससे जुड़े ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहिए। 

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