बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग क्या है और कैसे करें?

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बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग

बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक डिवाईसेस की डिजाइनिंग, असेम्ब्लिंग, फंक्शनिंग और रिपेयर करने के बारे में है। इस चार साल की अवधि वाले कोर्स में आप एंट्रेंस एग्जाम के द्वारा एडमिशन ले सकते हैं। JEE MAIN और ADVANCED नैशनल लेवल पर देने वाले मेजर एंट्रेंस एग्जाम में से एक हैं। टेक्नोलॉजी में परस्पर ग्रोथ के साथ इस कोर्स में डिग्री हासिल करने वाले कैंडिडेट्स की मार्किट में काफी डिमांड देखने को मिल रही है। आइए इस ब्लॉग के ज़रिए जानते हैं बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के बारे में विस्तार से।  

फुल फॉर्म बैचलर ऑफ़ टेक्नोलॉजी इन इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग 
लेवल ऑफ़ स्टडी अंडरग्रेजुएट 
अवधि चार साल 
एडमिशन प्रोसेस एंट्रेंस बेस्ड 
जॉब प्रोफाइल्स एम्बेडेड सिस्टम्स इंजीनियर, क्वालिटी अश्योरेंस इंजीनियर, सिस्टम इंजीनियर, टेक्निकल सपोर्ट इंजीनियर

बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग क्या है?

बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एक चार साल का अंडरग्रेजुएट कोर्स है जो न केवल स्ट्रक्चर बल्कि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस के डिज़ाइन और फंक्शन से भी डील करता है। यह कोर्स एनालॉग और डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक के साथ उनके डिज़ाइन, कंस्ट्रक्शन और फ़ंक्शनैलिटी को भी कवर करता है। इस कोर्स के ज़रिए कैंडिडेट ASICs के लिए  VLSI डिज़ाइन, टेस्ट इनपुट और आउटपुट की कंडीशन और एफिशिएंसी के बारे में सीखते हैं। इसके साथ आप सेंसर्स, प्रोसेसर्स, ट्रांसिस्टर्स, सिम्युलेटर्स और ऐसे ही कई ज़रूरी डिवाइसेस के बारे में सीखते हैं। तो मोटे तौर पर देखा जाए तो यह कोर्स कैंडिडेट को न सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और सिस्टम्स के बारे में सिखाता है बल्कि मार्किट के लेटेस्ट ट्रैंड्स के बारे में भी जानकारी देता है, उसे मैनेज करना सिखाता है। 

बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग क्यों करें?

बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग करने के फायदों के बारे में हमने आपको नीचे दिए गए पॉइंटर्स के माध्यम से समझाया है-

  • कोर्स की डिमांड :- बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में कोर्स दुनिया के मोस्ट पॉपुलर कोर्सेज में से एक माना गया है जिसमें ग्रेजुएट होने के बाद मार्किट में आपकी आपकी डिमांड काफी बढ़ जाती है।
  • काम मिलने की अधिक संभावना :- डिजिटलाइज़ेशन की टेक्नीक में उछाल के साथ बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग करने वाले कैंडिडेट को मिलने वाली नौकरियों में भी उछाल देखने को मिलेगा। एक टेक्निकल फील्ड होने के नाते यह डिग्री आपको नई नए और रोमांचक रास्तों की और लेकर जाने में सक्षम है।
  • मल्टीपल फील्ड में काम करने का मौका :- बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग आपको एक ही स्ट्रीम में उलझाकर रखने वाली फील्ड नहीं है। यह आपको अलग अलग सेक्टर्स में बेहतर काम करने के काबिल बनाती है। इस डिग्री के साथ आप एक नहीं दो नहीं काफी फील्ड्स में एक्सप्लोर करने का मौका पाते हैं।
  • ज़रूरी स्किल्स को सीखने का मौका :- क्योंकि बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग आपको अलग-अलग फ़ील्ड्स में जाने का हुनर देती है आप उसका इस्तमाल कर अपने पसंद की स्किल्स को इम्प्रूव कर सकते हैं। देखिए जब भी आप किसी क्षेत्र में जाते हियँ आपका मुख्य उद्देश्य खुद को एक्सप्लोर करने का होना चाहिए। आप किस चीज़ में बेहतर परफॉर्म करते हैं और किस स्किल पर अभी काम करने की आवश्यकता है ये चीज़ आप उसी से जान पाते हैं।
  • हाई सैलरी पैकेज :- बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग आपको बेहतरीन सैलरी पैकेज देने में सक्षम है। हालांकि यह बात आपकी स्किल्स और काम करने के तरीके पर भी निर्भर करती है। एक बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद मिलने वाली शुरुआती सैलरी INR 12 लाख सालाना तक हो सकती है।
  • MNCs में काम करने का मौका :- बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग आपको रेप्यूटेड कंपनीज़ में नौकरी के काबिल बनाती है। इन कंपनीज़ में Google, Microsoft जैसी कंपनीज़ शामिल हैं। 

बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग सिलेबस 

 बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग का सिलेबस नीचे दिए गए टेबल में बताया गया है-

सेमेस्टर I सेमेस्टर II 
इंजीनियरिंग मैथमेटिक्स I बेसिक मैकेनिकल सिस्टम्स 
इंजीनियरिंग फिज़िक्स इंजीनियरिंग ड्राइंग 
इंजीनियरिंग केमिस्ट्री बेसिक सिविल एंड एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग 
इलेक्ट्रो-टेक्निक्स इंजीनियरिंग मैथमेटिक्स II 
बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग इंग्लिश एंड कम्युनिकेशन स्किल्स 
फंडामेंटल्स ऑफ़ कंप्यूटर एंड प्रोग्रामिंग वर्कशॉप प्रैक्टिस 
इंजीनियरिंग मैकेनिक्स बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग 
सेमेस्टर III सेमेस्टर IV 
इंजीनियरिंग मैथमेटिक्स III स्टैटिस्टिकल सिग्नल एनालिसिस 
इलेक्ट्रॉनिक सर्किट्स प्रिंसिपल्स ऑफ़ कम्युनिकेशन सिस्टम्स 
डिजिटल लॉजिक डिज़ाइन माइक्रोप्रोसेसर्स एंड माइक्रोकंट्रोलर्स 
सिग्नल्स एंड सिस्टम्स लीनियर IC ऍप्लिकेशन्स 
नेटवर्क एनालिसिस एंड सिंथेसिस कंट्रोल सिस्टम्स 
सेमेस्टर V सेमेस्टर VI 
डिजिटल कम्युनिकेशन डाटा कम्युनिकेशन एंड नेटवर्क्स 
डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग डिजिटल इंटीग्रेटेड सर्किट्स 
एनालॉग इंटीग्रेटेड सर्किट्स एम्बेडेड सिस्टम्स 
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स एंड रेडिएटिंग सिस्टम्स फाइबर ऑप्टिक्स कम्युनिकेशन 
इलेक्टिव सब्जेक्ट I इलेक्टिव सब्जेक्ट II 
सेमेस्टर VII सेमेस्टर VIII 
VLSI डिज़ाइन RF एंड माइक्रोवेव इंजीनियरिंग 
मोबाइल कम्युनिकेशन इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिज़ाइन 
इलेक्ट्रॉनिक्स इंस्ट्रूमेंटेशन इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट 
सेमिनार प्रोजेक्ट(फाइनल)
प्रोजेक्ट (प्रीलिम्स)इंटर्नशिप 

विदेश में बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग कोर्स के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज 

विदेश में बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग कोर्स के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज की लिस्ट नीचे दी गई है-

भारत में बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग कोर्स के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज 

भारत में बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग कोर्स के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज की लिस्ट नीचे दी गई है-

  • IIT BHU, वाराणसी 
  • अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ 
  • वीरमाता जीजाबाई टेक्नोलॉजिकल इंस्टिट्यूट, मुंबई 
  • भारती विद्यापीठ डीम्ड यूनिवर्सिटी, पुणे 
  • IK गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी, जलंधर 
  • राजीव गाँधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ पेट्रोलियम टेक्नोलॉजी, अमेठी-राय बरेली 
  • GH राइसोनी कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, नागपुर 
  • वालचंद कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, सांगली 
  • KJ सोमैया कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, मुंबई 
  • डॉ BR अंबेडकर इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, पोर्ट ब्लेयर 

बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के लिए योग्यताएं

यदि आप बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के क्षेत्र में डिग्री प्राप्त करने के इच्छुक हैं, तो आपको अपने चुने हुए विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित योग्यताओं को पूरा करना होगा। ये आवश्यकताएं कोर्सेज के स्तर के अनुसार भिन्न होती हैं, जैसे बैचलर, मास्टर या डिप्लोमा। बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में कोर्स के लिए कुछ सामान्य योग्यताएं इस प्रकार हैं:

  • बैचलर्स डिग्री प्रोग्राम के लिए ज़रुरी है कि उम्मीदवारों ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2(PCM) में कम से कम 50 % मार्क्स अर्जित किए हों।
  • कुछ यूनिवर्सिटीज प्रवेश परीक्षा के आधार पर भी एडमिशन स्वीकार करतीं हैं।
  • विदेश की अधिकतर यूनिवर्सिटीज मास्टर्स कोर्सेज के लिए GRE स्कोर की मांग करते हैं।
  • साथ ही मास्टर्स में एडमिशन के लिए आपकी अंडरग्रेजुएट डिग्री में कम से कम 50 % मार्क्स का होना आवश्यक है। 
  • विदेश की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए IELTS या TOEFL टेस्ट स्कोर, अंग्रेजी प्रोफिशिएंसी के प्रमाण के रूप में ज़रूरी होते हैं।
  • विदेश यूनिवर्सिटीज में पढ़ने के लिए SOP, LOR, सीवी/रिज्यूमे और पोर्टफोलियो भी जमा करने की ज़रूरत होती है।

आवेदन प्रक्रिया 

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। 
  • एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे। 
  • अगला कदम अपने सभी दस्तावेज़ों जैसे SOP, निबंध, सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टैस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है। 
  • यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
  • आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीज़ा और छात्रवृत्ति/छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे । 
  • अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लैटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है। 

भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है:

  • सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  • यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूज़र नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  • फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  • अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  • इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  • यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

आवश्यक दस्तावेज़  

कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ों की लिस्ट नीचे दी गई है–

प्रवेश परीक्षाएं

बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के लिए प्रवेश परीक्षाओं की लिस्ट नीचे दी गई है-

  • JET 
  • NPAT 
  • BHU UET 
  • SUAT 
  • CUET  
  • JEE MAIN 
  • JEE ADVANCED 
  • WBJEE 
  • MHT CET 
  • BITSAT 

करियर स्कोप 

बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की डिग्री के बाद एक विद्यार्थी चाहे तो अपनी आगे की पढ़ाई पूरी कर सकता है। जैसाकि बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एक बैचलर डिग्री है। आप चाहे तो मास्टर्स डिग्री(MTech इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग) और उसके बाद अपनी फील्ड में पीएचडी के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं। एक और ऑप्शन आपके लिए मौजूद है जिसमें आप अपनी ग्रेजुएशन के बाद MBA करने का विकल्प भी चुन सकते हैं। यह ऑप्शन उनके लिए फायदेमंद साबित होगा जो मैनेजमेंट की फील्ड में अपना करियर देखते हैं। इसके अलावा स्टूडेंट्स जो अपनी ग्रेजुएशन के बाद नौकरी करने का फैसला लेते हैं उनके लिए भी काफी द्वार खुलें है जिसके ज़रिए करियर में काफी बेहतर किया जा सकता है। मार्किट में इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर की भारी डिमांड के चलते ग्रेजुएट्स को इस प्रोग्राम की कम्पलीशन के बाद नौकरी के लिए परेशान होने की आवश्यकता नहीं होगी। आइए बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के बाद जो इंडस्ट्रीज़ आपको नौकरी देने में सक्षम है उनमें से कुछ के नाम जानते हैं :-

  • सिविल एविएशन 
  • टेलीकम्यूनिकेशन 
  • आईटी कंपनीज़ 
  • डिफेंस 
  • रेलवेज़ 
  • हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग 
  • टेलीविज़न इंडस्ट्री

इसके साथ आप जिन जॉब प्रोफाइल्स में अपना सिक्का आज़मा सकते हैं वह निम्नलिखित हैं :-

  • एम्बेडेड सिस्टम्स इंजीनियर 
  • क्वालिटी अश्योरेंस इंजीनियर 
  • सिस्टम इंजीनियर 
  • टेक्निकल स्पोर्ट इंजीनियर 
  • नेटवर्क इंजीनियर 
  • हार्डवेयर इंजीनियर 
  • CAD इंजीनियर 
  • प्रोडक्ट इंजीनियर 

जॉब प्रोफाइल्स एंड सैलरी 

बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के बाद मिलने वाली जॉब प्रोफाइल्स और उनकी सैलरी निम्नलिखित है :-

जॉब प्रोफाइल औसत सालाना सैलरी (INR) 
सर्विस इंजीनियर 3-4 लाख
ब्रॉडकास्ट एंड साउंड टेक्निशन 3-4 लाख
इलेक्ट्रॉनिक सेल्स मैनेजर 5-6 लाख
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन कंसलटेंट 4-5 लाख
इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्निशन 2-3 लाख

FAQs

इलेक्ट्रॉनिक कोर्स कितने साल का होता है?

यह चार साल की अवधि का कोर्स है जो इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बी. टेक (Bachelors of Technology) की ग्रेजुएशन डिग्री है। आप 12वीं कक्षा से सफल उत्तीर्ण होने के बाद यह कोर्स कर सकते हैं।

इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर बनने के लिए क्या करना चाहिए?

एक चार-वर्षीय अंडरग्रेजुएट लेवल डिग्री कोर्स है। इस कोर्स में इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकम्यूनिकेशन के विषय को एक साथ पढ़ाया जाता है। इस कोर्स को पढ़ने वाले छात्र इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, सर्किट्स, ट्रांसमीटर, रिसीवर, इंटीग्रेटेड सर्किट्स जैसे कम्यूनिकेशन इक्विपमेंट के बारे में सीखते और जानकारी प्राप्त करते हैं।

इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स में क्या अंतर है?

इलेक्ट्रिकल डिवाइस विद्युत् धारा को ऊर्जा के किसी अन्य उपयोगी रूप में परिवर्तित कर देता है जैसे प्रकाश,ऊष्मा,गति,आवाज आदि जबकि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस एलेक्ट्रॉनों के प्रवाह को नियंत्रित करके उसे किसी विशेष कार्य को करने के योग्य बनता है।

हम आशा करते हैं कि अब आप जान गए होंगे कि बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग क्या है और कैसे करें? अगर आप बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग कोर्स करना चाहते हैं और साथ ही एक उचित मार्गदर्शन चाहते हैं तो आज ही 1800572000 पर कॉल करके हमारे Leverage Edu के एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक कीजिए। 

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