नोट मेकिंग क्या होती है और इसके क्या-क्या फायदे होते हैं?

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नोट मेकिंग

कक्षा 12 का इतिहास हो या कक्षा 11 का राजनीति विज्ञान, रिवीज़न के लिए विशाल सब्जेक्ट्स के प्रभावी नोट्स बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। बहुत सारे विषयों से संबंधित जानकारी एकत्र करने के अलावा, नोट बनाने वाले प्रश्न 12वीं कक्षा के अंग्रेजी पाठ्यक्रम या ऐसे अन्य बोर्ड और परीक्षाओं का एक अभिन्न अंग भी हैं। ऐसे प्रश्नों में, जो थोड़े पेचीदा होते हैं, 2-3 पैराग्राफ का एक अंश दिया जाता है जिसे नोट्स के रूप में परिवर्तित करने की आवश्यकता होती है। हालांकि शुरुआत में यह कठिन लग सकता है, लेकिन समय के साथ इसमें महारत हासिल की जा सकती है। आईये विस्तार से जानते हैं की नोट मेकिंग क्या होती है और इसे कैसे करें।

नोट मेकिंग क्या होती है?

नोट बनाना, पैसेज, पैराग्राफ आदि जैसे सोर्सेज़ से महत्वपूर्ण डिटेल्स का रिकॉर्ड बनाने का एक प्रोसेस है। स्सोर्स लिखित दस्तावेज या मौखिक संचार भी हो सकता है। नोट बनाने का अर्थ है महत्वपूर्ण जानकारी के सार को रिकॉर्ड करना।

नोट मेकिंग के फायदे क्या हैं?

नोट मेकिंग के कुछ फायदे हैं –

  • नोट मेकिंग से आपकी अटेंशन इम्प्रूव होती है। 
  • नोट मेकिंग से आपको बेहतर समझ मिलती है। 
  • नोट मेकिंग से आपको चीज़ें बेहतर याद रहती हैं। 
  • नोट मेकिंग आपको स्टडी टूल देता है 
  • नोट मेकिंग आपको एक बेहतर स्टूडेंट बनाती है। 

नोट मेकिंग कैसे करें?

नोट मेकिंग करने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड नीचे दी जा रही है –

टेक्स्ट को तेज़ी से पढ़ लें (अंदाज़ा लगाने के लिए)

नोट मेकिंग शुरू करने से पहले हमें रीडिंग के महत्व को समझ लेना चाहिए। यह ज़रूरी है की आप सोर्स टेक्स्ट/ पैसेज को एक बार जल्दी से पढ़कर देख लें। इससे आपको टेक्स्ट की इनफार्मेशन, टोन, उद्देश्य और मैसेज आदि  का अंदाज़ा लग जायेगा। चूँकि यह एक प्रिलिमिनरी रीडिंग है, इसलिए इसमें 3- 5 मिनट्स से ज़्यादा न लगाएँ। 

इंटेंसिव रीडिंग करें 

एक बार सोर्स टेक्स्ट पर नज़र फेर लेने के बाद, आप इसे आराम से ध्यान लगाकर पढ़ें। चूँकि आप पैसेज पहले से पढ़ चुके हैं और उसके मूल आईडिया को समझ चुके हैं, इसलिए पैसेज को दोबारा पढ़ने से आप उसके लेखक द्वारा बताए गए फैक्ट्स, विचार, मत, आर्ग्यूमेंट्स और काउंटर- आर्ग्यूमेंट्स को बेहतर तरीके से समझ पाएँगे। 

  • इसके अलावा, कई पैसेज में भारी मात्रा में जानकारी होती है जिसे आपने प्रासंगिक, कुछ हद तक प्रासंगिक या अप्रासंगिक की श्रेणियों में रखा है। ऐसा करने से आपको बेहतर नोट मेकिंग और तैयारी करने में मदद मिलेगी। 
  • आपको यह भी याद रखना चाहिए कि ऐसे सेक्शंस या राय हो सकती हैं जिनसे आप सहमत नहीं हो सकते हैं। आपको किसी भी तरह या तरीके से तैयार किए गए नोट्स पर ऐसी किसी भी जानकारी का प्रभाव नहीं पड़ने देना चाहिए। इस फेज़ के दौरान, किसी वाक्य या वाक्यांश को छोड़ना उचित नहीं है, भले ही आपको लगता है कि यह प्रासंगिक नहीं है।

वर्ड लिमिट का ध्यान रखें 

आमतौर पर, नोट मेकिंग के लिए वर्ड लिमिट 50 से 100 के बीच रखी जाती है। हाँलांकि, ज़रूरत के हिसाब से वर्ड काउंट बदला भी जा सकता है। 

नोट मेकिंग क्यों की जाती है?

अक्सर, एग्जाम में बेहतर परफॉरमेंस ही नोट मेकिंग का लक्ष्य होता है। नोट मेकिंग करने के कुछ कारण हैं –

  • बेहतर याददाश्त 
  • बेहतर एग्जाम स्कोर 
  • रिविज़न में समय की बचत 
  • रिविज़न में मदद 
  • टेक्स्ट/ चैप्टर की बेहतर समझ 
  • इम्पोर्टेन्ट डिटेल्स को मिस करने से बचना 

नोट मेकिंग फॉर्मेट जानिए

नोट मेकिंग एक कला है। चाहें वह आर्टिकल राइटिंग के लिए हो, निबंध लिखने के लिए हो, कहानी लेखन के लिए हो या प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए, आपको एक स्ट्रक्चर या आउटलाइन की आवश्यकता पड़ती है ताकि आपसे कोई इम्पोर्टेन्ट डिटेल न छूट जाए। आप नीचे बताये गए नोट मेकिंग के रफ़ फॉर्मेट को फॉलो कर सकते हैं –

शीर्षक/ टाइटल 

यह आपकी नोट मेकिंग का सबसे पहला स्टेप है। ध्यान रखें कि आपका टाइटल आपके पैसेज का मेन आईडिया बताए। यह छोटा, स्पष्ट और सरल होना चाहिए। 

उपशीर्षक, पॉइंट और सुबपॉइंट्स 

उपशीर्षक किसी भी पैसेज का एक फंडामेंटल कम्पोनेंट होते हैं जिसे आगे और पॉइंट्स और सबपॉइंट्स का इस्तेमाल कर स्पष्ट किया जाता है। 

अब्बरेविएशन्स और सिम्बल्स 

नोट मेकिंग में लम्बे शब्दों को कम करने के लिए, एब्बरीविएशन्स का इस्तेमाल किया जाता है। इनका इस्तेमाल ध्यान से करें और नोट्स के अंत में सभी इस्तेमाल किए गए एब्बरीविएशन्स और उनकी फुल फॉर्म्स की लिस्ट दे दें। 

नोट मेकिंग के उदाहरण 

नोट मेकिंग के बारे में बेसिक डिटेल्स से परिचित होने के बाद, आइए यह समझने के लिए एक उदाहरण देखें कि कोई कैसे इस तरह के प्रश्नों का उत्तर दे सकता है और परीक्षा में अच्छा स्कोर कर सकता है:

नोट मेकिंग करते समय किन बातों का रखें ध्यान?

अब जब आप नोट मेकिंग की प्रोसेस की बारीकियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं, तो निम्नलिखित टिप्स और ट्रिक्स को फॉलो करें और जानिए आमतौर पर की जाने वाली गलतियाँ और उनसे कैसे बचें: 

थीसिस स्टेटमेंट का इस्तेमाल करें 

एक थीसिस स्टेटमेंट पूरे पैसेज के आईडिया या मूल भाव को एक अकेले वाक्य में समाहित करता है। यह एक रोड मैप की तरह काम करता है जो पाठक को बताता है की उसे एक पैसेज से क्या एक्सपेक्ट करना चाहिए। आप जितने थीसिस स्टेटमेंट लिख सकते हैं, उतने लिखें ताकि आपकी प्रैक्टिस होती रहे। 

कम से कम एक बार रिविज़न करें 

चूंकि नोट मेकिंग में आपको इनफार्मेशन को काटकर छोटा करके लिखना होता है, इसलिए एक बार फाइनल रिविज़न ज़रूर कर लें। ऐसा भी हो सकता है कि आपसे कोई रिलेवेंट डेटा छूट गया हो। 

एक्टिव वॉइस का इस्तेमाल करें 

नोट मेकिंग के दौरान, वाक्यों में हमेशा एक्टिव वॉइस का ही इस्तेमाल करें और पैसिव वॉइस के इस्तेमाल से बचें। 

वर्ड लिमिट क्रॉस न करें 

नोट मेकिंग एक शब्दों का खेल है और वर्ड लिमिट क्रॉस करना नियमों को तोड़ने जैसा है। इसलिए वर्ड लिमिट पर विशेष रूप से ध्यान दें। 

ध्यान से चुनें 

नोट मेकिंग करते समय सबसे ज़्यादा रेलेवेंट इनफार्मेशन को ही चुनें और पैसेज के मूल भाव से न भटकें। 

FAQs

क्या नोट मेकिंग से पढ़ाई में मदद मिलती है?

जी हाँ, नोट मेकिंग से पढ़ाई में मदद ज़रूर मिलती है। इससे एग्जाम के समय विशेष रूप से मदद मिलती है। 

क्या नोट मेकिंग से समय की बचत होती है?

हाँ, नोट मेकिंग से समय की बचत होती है। रिविज़न के समय आपको शुरुआत से कोई पैसेज/ चैप्टर पढ़ने की आवश्यकता नहीं। आप अपने बनाये हुए नोट्स से ही फाइनल रिविज़न कर सकते हैं। 

क्या नोट मेकिंग करने से बेहतर स्टूडेंट बना जा सकता है?

हाँ, नोट मेकिंग आपकी बेहतर स्टूडेंट बनने में मदद करती है। अक्सर आपने देखा होगा की क्लास के टॉपर्स के नोट्स बहुत साफ़ सुथरे और आर्गनाइज्ड तरीके से बने हुए होते हैं।

आशा करते हैं कि आपको नोट मेकिंग क्या होती है? का हमारा ब्लॉग अच्छा लगा। ऐसे ही अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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