No Confidence Motion in Hindi | अविश्वास प्रस्ताव क्या है, यह कैसे और कब लाया जाता है?

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अविश्वास प्रस्ताव

कई बार ऐसे शब्द हमारे सामने आते हैं, जिनके बारे में हम कम ही सुनते हैं। इन दिनों अविश्वास प्रस्ताव शब्द काफी चर्चा में है और इसे सुनते ही हमारे मन में कई सवाल आते हैं कि अविश्वास प्रस्ताव क्या होता है और किसके लिए होता या फिर कौन इसे लाता है आदि। ऐसे सवालों को कई बार परीक्षाओं में पूछा जाता है, इसलिए No Confidence Motion in Hindi ब्लाॅग में हम अविश्वास प्रस्ताव के बारे में विस्तृत जानेंगे।

अविश्वास प्रस्ताव क्या है?

No Confidence Motion in Hindi कई कारणों से सदन में लाया जा सकता है और यह कई बार भारत में लाया जा चुका है। जब किसी विपक्षी दल को लगता है कि लोकसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है तो वह अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। No Confidence Motion in Hindi को लेकर होने वाली वोटिंग में राज्यसभा सांसद हिस्सा नहीं लेते हैं। जब तक सरकार के पास लोकसभा में बहुमत है तब तक वह सत्ता में रह सकती है।

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अविश्वास प्रस्ताव का इतिहास क्या है?

No Confidence Motion in Hindi जानने के साथ ही इसका इतिहास जानना जरूरी है। No Confidence Motion in Hindi का इतिहास इस प्रकार हैः

  • संविधान यानी कांस्टिट्यूशन में अविश्वास प्रस्ताव का जिक्र आर्टिकल 75 में है।
  • इस प्रस्ताव के तहत अगर सत्तापक्ष इस प्रस्ताव पर हुए मतदान में हार जाता है तो प्रधानमंत्री समेत पूरे मंत्रिपरिषद को इस्तीफा देना पड़ता है।
  • सबसे पहले 1963 में पंडित जवाहर लाल नेहरू के खिलाफ No Confidence Motion in Hindi लाया गया था।
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 75 (3) में कहा गया है कि मंत्रिपरिषद लोक सभा के प्रति उत्तरदायी होगी।
  • लोकसभा की प्रक्रिया और संचालन नियमों के नियम 198 के तहत, एक सदस्य को सुबह 10 बजे से पहले एक लिखित नोटिस देना होता है, जिसे लिखित प्रस्ताव जमा होने के 10 दिनों के भीतर स्पीकर द्वारा पढ़ा जाएगा।
  • जी.सी. के अनुसार मल्होत्रा की पुस्तक कैबिनेट रिस्पॉन्सिबिलिटी टू लेजिस्लेचर: मोशन ऑफ कॉन्फिडेंस एंड नो-कॉन्फिडेंस इन लोकसभा एंड स्टेट लेजिस्लेचर्स, संसद डिजिटल लाइब्रेरी में उपलब्ध है। बहस 4 दिनों (19-22 अगस्त, 1963) में 21 घंटे और 33 मिनट तक चली।
  • 1964 से 1975 के बीच 15 बार No Confidence Motion in Hindi लाए गए।

अविश्वास प्रस्ताव अब तक कितनी बार सदन में लाया गया?

भारतीय संसद के इतिहास में 2023 से पहले 27 बार अविश्वास प्रस्ताव लाया जा चुका है। सबसे ज्यादा 15 बार अविश्वास प्रस्ताव इंदिरा गांधी के खिलाफ लाए गए और हर बार सरकार सुरक्षित रही। अब अगर कोई No Confidence Motion in Hindi आता है तो संख्या बढ़कर 28 हो जाएगी।

अविश्वास प्रस्ताव कब लाया जाता है?

No Confidence Motion in Hindi जानने के साथ ही यह जानना जरूरी है कि यह प्रस्ताव कब लाया जाता है? कई बार यह प्रस्ताव विपक्ष लेकर आता है और इसके पीछे विपक्ष का लक्ष्य होता है कि वर्तमान गवर्मेंट को सदन (House) में अकेला साबित कर देना है।

यह प्रस्ताव विपक्ष को सरकार से सवाल पूछने, समस्याओं को सामने लाने और हाउस में चर्चा करने की परमीशन देता है। अगर सरकार गठबंधन की है तो विपक्ष सरकार पर दवाब बनाने का भी प्रयास करता है। अगर सरकार के पास बहुमत नहीं है तो सरकार को लोकसभा में बहुमत साबित करने की चुनौती के लिए भी No Confidence Motion in Hindi लाया जाता है।

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अविश्वास प्रस्ताव कैसे लाया जाता है? 

No Confidence Motion in Hindi सही से समझने के साथ ही यह जानना जरूरी है कि यह प्रस्ताव कैसे लाया जाता है? अविश्वास प्रस्ताव कैसे लाया जाता है के बारे में हम यहां प्वाइंट्स में जानेंगेः

  • अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले दिन में सुबह 10 बजे से पहले रिटेन फाॅर्मेट में No Confidence Motion in Hindi को पेश करना होता है, इसके बाद सदन (हाउस) में स्पीकर इसे पढ़ता है। 
  • लोकसभा अध्यक्ष या स्पीकर इसे तभी एक्सेप्ट करेगा जब अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा के 50 मेंबर्स के साइन होंगे। 
  • लोकसभा अध्यक्ष प्रस्ताव को मंजूर करने के बाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए डेट की अनाउंसमेंट करेगा।
  • लोकसभा अध्यक्ष की परमीशन के बाद 10 दिनों में No Confidence Motion in Hindi पर चर्चा होनी जरूरी है, ऐसा नहीं होने पर इसे फेल माना जाता है। 
  • चर्चा के बाद स्पीकर इसके पक्ष में वोटिंग कराता है।
  • इस प्रस्ताव के माध्यम से वर्तमान सरकार लोकसभा सांसदों के बहुमत को साबित करती है।
  • अब सरकार सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाई तो पूरे मंत्रिपरिषद को इस्तीफा देना होता है।
  • यदि सरकार विश्वासमत हार जाती है तो इस्तीफा देगी या फिर दूसरी पार्टी या गठबंधन सरकार बनाने का दावा करती है। इसके अलावा लोकसभा भंग कर इलेक्शन भी कराया जा सकता है।

अविश्वास प्रस्ताव कौन ला सकता है?

No Confidence Motion in Hindi लोकसभा का कोई भी सदस्य ला सकता है। इसके लिए सदन के 50 मेंबर्स का समर्थन होना आवश्यक है। यदि प्रस्ताव को सदन में स्वीकार किया जाता है तो चर्चा के लिए दिन तय किया जाता है। 

अविश्वास प्रस्ताव किस आर्टिकल में है?

देश में अब तक 27 बार No Confidence Motion in Hindi आ चुके हैं, लेकिन संवैधानिक दृष्टि से देखा जाए तो अविश्वास प्रस्ताव का जिक्र नहीं होता है। हालांकि संविधान के आर्टिकल 118 के अंतर्गत कहा गया है कि हर सदन अपनी प्रक्रिया बना सकता है और 198 के अंतर्गत ऐसी व्यवस्था है कि कोई भी सदस्य लोकसभा अध्यक्ष को सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे सकता है।

अविश्वास प्रस्ताव किस सदन में लाया जा सकता है? 

अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में लाया जाता है। No Confidence Motion in Hindi के लिए होने वाली वोटिंग में राज्यसभा के सांसद भाग नहीं लेते हैं और एक बार अविश्वास प्रस्ताव आने पर सरकार को लोकसभा में अपना बुहमत साबित करना होता है।

अविश्वास प्रस्ताव में कितने सदस्यों का समर्थन चाहिए होता है?

किसी भी कारण से No Confidence Motion in Hindi लाया जा सकता है, लेकिन इसे स्वीकार तभी किया जाता है जब सदन में इस प्रस्ताव पर कम से कम 50 मेंबर्स का समर्थन मिल रहा हो। समर्थन के बाद आगे की प्रक्रिया के लिए कदम उठाए जाते हैं।

FAQs

No Confidence Motion in Hindi के लिए कितना बहुमत चाहिए?

अविश्वास प्रस्ताव के लिए 50 मेंबर्स का समर्थन चाहिए।

भारत में पहली बार अविश्वास प्रस्ताव कब लाया गया?

भारत में पहली बार यह प्रस्ताव 1963 में लाया गया था।

भारत में अविश्वास प्रस्ताव कितनी बार पारित हुआ?

2023 से पहले 27 बार।

1964 से 1975 के बीच कितनी बार अविश्वास प्रस्ताव लाए गए?

15 बार। 

उम्मीद है कि इस ब्लाॅग No Confidence Motion in Hindi में आपको अविश्वास प्रस्ताव के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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