जानिए एंडोक्राइनोलॉजिस्ट कौन होते हैं और एंडोक्राइनोलॉजिस्ट क्या है in Hindi?

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एंडोक्राइनोलॉजिस्ट

हॉर्मोन्स हमारी एंडोक्राइन ग्रंथि द्वारा कंट्रोल्ड होते हैं जो शरीर की कई गतिविधियों के कोऑर्डिनेशन और कंट्रोल में मदद करते हैं। हमारे शरीर में 50 से अधिक हॉर्मोन्स उपस्थित हैं जो शरीर की विभिन्न जटिल क्रियाओं में शामिल हैं। इनमें आई ज़रा सी भी गड़बड़ी शरीर के लिए काफ़ी नुकसानदेय हो सकती है। ऐसे में ज़रूरत होती है एक एंडोक्राइनोलॉजिस्ट की, जो इन समस्याओं के उपचार के विशेषज्ञ होते हैं। इस ब्लॉग में हम एंडोक्राइनोलॉजिस्ट और उनसे जुड़ी सभी जानकारियों के बारे में विस्तार से जानेंगे। 

This Blog Includes:
  1. एंडोक्राइनोलॉजिस्ट किसे कहते हैं?
  2. एंडोक्राइनोलॉजिस्ट क्या करते हैं?
  3. एंडोक्राइनोलॉजिस्ट के लिए आवश्यक स्किल्स
  4. एंडोक्राइन सिस्टम शरीर के फंक्शन को कंट्रोल करता है
  5. एंडोक्राइनोलॉजिस्ट कैसे बनें?
    1. स्टेप–1 MBBS की डिग्री हासिल करें
    2. स्टेप–2 MD की डिग्री हासिल करें
    3. स्टेप–3 एक रेजीडेंसी प्रोग्राम कम्पलीट करें
    4. स्टेप–4 सर्टिफिकेशन प्राप्त करें
  6. एंडोक्राइनोलॉजी से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
  7. एंडोक्राइनोलॉजी की पढ़ाई के लिए दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज़ की लिस्ट
  8. एंडोक्राइनोलॉजी की पढ़ाई के लिए भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज़ की लिस्ट
  9. एंडोक्राइनोलॉजिस्ट बनने के लिए योग्यता की आवश्यकता
  10. एंडोक्राइनोलॉजिस्ट बनने के लिए आवेदन प्रक्रिया क्या है? 
  11. एंडोक्राइनोलॉजिस्ट बनने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की लिस्ट  
  12. एंडोक्रिनोलॉजिस्ट किन समस्याओं और बीमारी का इलाज करते हैं?
  13. एंडोक्राइनोलॉजिस्ट बनने के लिए प्रवेश परीक्षाओं के नाम क्या हैं?
  14. एंडोक्राइनोलॉजिस्ट के रूप में करियर
  15. एंडोक्राइनोलॉजिस्ट बनने के बाद एम्प्लॉयमेंट एरियाज
  16. एंडोक्राइनोलॉजिस्ट की सैलरी
  17. FAQs

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट किसे कहते हैं?

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट क्या है in Hindi, हॉर्मोन्स से संबंधित बीमारियों के निदान और उपचार में माहिर, एक डॉक्टर होता है।  एंडोक्रिनोलॉजिस्ट एंडोक्राइन कंडीशन और डिसऑर्डर्स जैसे– डायबिटीज, थाइरोइड डिसफंक्शन, ओबेसिटी या फैट-बेस्ड क्रोनिक डिजीज (ABCD), ऑस्टियोपोरोसिस, एड्रेनल डिसऑर्डर्स, लिपिड डिसऑर्डर्स, मेटाबोलिक अब्नोर्मलिटीज़, ग्रोथ डिसऑर्डर, सेक्सुअल फंक्शन और रिप्रोडक्शन आदि से पीड़ित व्यक्तियों का इलाज करते हैं। 

कई एंडोक्राइनोलॉजिस्ट एंडोक्राइन डिजीज की बेहतर समझ हासिल करने के लिए बेसिक और क्लीनिकल रिसर्च में भी शामिल होते हैं, जो बाद में उन्हें बेहतर ट्रीटमेंट ऑप्शन के खोज की ओर ले जाता है। कुछ एंडोक्राइनोलॉजिस्ट एंडोक्राइन डिसऑर्डर की एक श्रृंखला का इलाज करते हैं, जबकि अन्य डायबिटीज, इनफर्टिलिटी और एंडोक्राइन ऑन्कोलॉजी जैसे किसी एक क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन चुनते हैं।

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट क्या करते हैं?

मरीज की समस्या को पहचान कर उसके लक्षणों को भांपते हुए एंडोक्राइनोलॉजिस्ट मरीज का इलाज करते हैं। नीचे उनके काम के बारे में दिया गया है–

  • डायबिटीज बीमारी के मामले में जब हमारे शरीर के पैनक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। इंसुलिन शरीर में भोजन को एनर्जी में तब्दील करता है, यदि इससे संबंधी किसी प्रकार की कोई समस्या होती है तो एंडोक्राइनोलॉजिस्ट उससे ठीक करने का काम करते हैं।
  • एड्रेनल ग्रंथि किडनी के ऊपरी छोर पर होता है। वहीं यह शरीर में ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के साथ मेटाबोलिज्म, स्ट्रेस रिस्पांस और सेक्स हॉर्मोन्स को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है। यदि इसमें किसी प्रकार की समस्या हो तो उसका इलाज एंडोक्राइनोलॉजिस्ट करते हैं।
  • हाइपोथैलेमस हमारे दिमाग का एक भाग है जो बॉडी ट्रेम्प्रेचर, भूख और प्यास को कंट्रोल करता है, इससे जुड़ी यदि किसी प्रकार की समस्या किसी व्यक्ति को होती है तो उसका इलाज एंडोक्राइनोलॉजिस्ट करते हैं।
  • पैराथायरायड एक प्रकार के छोटे ग्लैंड होते हैं जो हमारी गर्दन के नीचे होते हैं, यह शरीर में कैल्शियम के लेवल को कंट्रोल करने में मददगार साबित होते हैं। यदि इससे संबंधी किसी प्रकार की कोई समस्या होती है तो एंडोक्राइनोलॉजिस्ट उसे ठीक करने का काम करते हैं।
  • पिट्यूटरी ग्रंथि शरीर में मटर के दाने की साइज के बराबर होता है, यह हमारे दिमाग में होता है। वहीं शरीर के हार्मोन को बैलेंस करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। पिट्यूटरी ग्रंथि से जुड़ी बीमारी को एंडोक्राइनोलॉजिस्ट ठीक करते हैं।
  • प्रजनन ग्रंथियां गोनाड महिलाओं में ओवरी और पुरुषों में टेस्टिस में यदि किसी प्रकार की समस्या होती है तो उसका इलाज एंडोक्राइनोलॉजिस्ट द्वारा किया जाता है।
  • थाइरोइड एक प्रकार का तितली के आकार की ग्रंथि होती है, यह ग्रंथि हमारी गर्दन में होता है वहीं शरीर के मेटाबोलिज्म को कंट्रोल करने में मदद करता है। शरीर को एनर्जी देने के साथ दिमाग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। यदि इससे संबंधित किसी प्रकार की कोई समस्या आती है तो एंडोक्राइनोलॉजिस्ट इसका इलाज करते हैं।
  • हड्डियों की मेटाबोलिज्म सहित ऑस्टियोपोरोसिस के इलाज के लिए एंडोक्राइनोलॉजिस्ट की जररूत होती है।
  • कोलेस्ट्रोल के कारण होने वाली परेशानी का इलाज भी एंडोक्राइनोलॉजिस्ट करते हैं।

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट के लिए आवश्यक स्किल्स

एक एंडोक्राइनोलॉजिस्ट के लिए आवश्यक स्किल्स के बारे में नीचे बताया गया है–

  • एंडोक्राइनोलॉजिस्ट को लेबोरेटरी टेस्ट, एक्स-रे और अन्य संबंधित प्रक्रियाओं को समझने में सक्षम होना चाहिए।
  • उन्हें ऑर्गन इमेजिंग इन्वेस्टीगेशन, हॉर्मोन ट्रांसप्लांट, फाइन नीडल एस्पिरेशन और एंडोक्रिनोलॉजी के लिए उनके एप्लीकेशन का अच्छा ज्ञान होना चाहिए।
  • उनके पास डायबिटीज सहित क्लीनिकल एंडोक्रिनोलॉजी और मेटाबोलिज्म का भी विशेष ज्ञान होना चाहिए।
  • उन्हें एंडोक्राइन फिजियोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, सेलुलर और हार्मोनल मेटाबोलिज्म के प्रिंसिपल्स की अच्छी समझ भी होनी चाहिए।

एंडोक्राइन सिस्टम शरीर के फंक्शन को कंट्रोल करता है

मानव शरीर में मौजूद एंडोक्राइन सिस्टम में कई ग्लैंड होते हैं। जो हार्मोन रिलीज करने के साथ शरीर के फंक्शन को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। जब हार्मोन ग्लैंड से निकलते हैं तो यह हमारी रक्तकोशिकाओं से होते हुए हमारे आर्गन और टिशू से होते हुए शरीर के विभिन्न हिस्सों में पहुंचते हैं। यदि इससे संबंधित किसी प्रकार की समस्या होती है तो एंडोक्राइनोलॉजिस्ट हमारी मदद करते हैं।

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट कैसे बनें?

एंडोक्राइनोलॉजी के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के इंटरेस्टेड कैंडिडेट्स नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करके एंडोक्राइनोलॉजिस्ट बन सकते हैं। 

स्टेप–1 MBBS की डिग्री हासिल करें

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट बनने के इच्छुक छात्रों के लिए पहला कदम MBBS की डिग्री हासिल करना है। यह साढ़े 5 साल का कोर्स है। भारत में MBBS कोर्स के लिए NEET की परीक्षा क्लियर करना ज़रुरी है। विदेश में मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम जैसे MCAT क्लियर करके MBBS कोर्स का चयन कर सकते हैं। 

स्टेप–2 MD की डिग्री हासिल करें

अगला स्टेप 2 एडोक्रिनोलोजी में MD (Doctor of Medicine) प्रोग्राम को पूरा करना है जो आमतौर पर 3-4 वर्षों में होता है। इस डिग्री प्रोग्राम के दौरान, पहले दो साल थ्योरेटिकल स्टडी पर केंद्रित होते हैं, जबकि बाकी 2 साल का इंटर्नशिप प्रोग्राम है। 

स्टेप–3 एक रेजीडेंसी प्रोग्राम कम्पलीट करें

जो लोग विदेश में एंडोक्रिनोलॉजी का अभ्यास करना चाहते हैं, उन्हें एंडोक्रिनोलॉजी रेजीडेंसी प्रोग्राम के लिए आवेदन करना होगा। यह कार्यक्रम आम तौर पर तीन साल तक चलता है जिसमें एक प्रैक्टिसिंग एंडोक्रिनोलोजिस्ट के रूप में परामर्श करना शामिल हो सकता है। यदि आप भारत में एंडोक्रिनोलोजिस्ट बनने की योजना बना रहे हैं, तो आप अपने MD के पूरा होने पर अस्पतालों में काम कर सकते हैं। आप एंडोक्रिनोलॉजी में तीन साल के ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए भी जा सकते हैं।

स्टेप–4 सर्टिफिकेशन प्राप्त करें

सबसे आखरी स्टेप में छात्रों को अपने देश के मेडिकल सर्टिफिकेशन बोर्ड के लिए संबंधित परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। उदाहरण के लिए, यूएस में एंडोक्रिनोलॉजी, डायबिटीज एंड मेटाबोलिज्म सर्टिफिकेशन एग्ज़ाम के बाद आप एक प्रमाणित एंडोक्रिनोलोजिस्ट बन सकते हैं। भारत में अपने ट्रेनिंग प्रोग्राम के जरिए छात्र मेडिकल कॉउन्सिल ऑफ़ इंडिया द्वारा एंडोक्रिनोलोजिस्ट के रूप में सर्टिफिकेट हासिल कर सकते हैं।

एंडोक्राइनोलॉजी से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

  • एंडोक्राइन टिशू में एड्रनल ग्लैंड के साथ हायपोथैलमस, ओवरी और टेस्टिस आता है, वहीं एंडोक्रिनोलॉजिस्ट इसमें होने वाले हार्मोनल इंबैलेंस को ठीक करने का काम करते हैं
  • एंडोक्राइन डिसऑर्डर में कुल तीन बड़े ग्रुप होते हैं- एंडोक्राइन डिसऑर्डर में टाइप 1 डायबिटीज, टाइप 2 डायबिटीज, ऑस्टियोपोरोसिस, थायराइड कैंसर, एडिसंस डिजीज, कशिंग सिंड्रोम, ग्रेव्स डिजीज, हेशीमोटोज थायरायडिटीज आते हैं।
  • महिलाओं को होने वाले एंडोक्राइन डिसऑर्डर में सबसे कॉमन पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम होता है, इसका इलाज कराने के लिए एंडोक्राइनोलॉजिस्ट जैसे एक्सपर्ट की सलाह ले सकते हैं।

एंडोक्राइनोलॉजी की पढ़ाई के लिए दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज़ की लिस्ट

एंडोक्राइनोलॉजी की पढ़ाई के लिए विश्व की कुछ टॉप यूनिवर्सिटीज़ इस प्रकार है:

एंडोक्राइनोलॉजी की पढ़ाई के लिए भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज़ की लिस्ट

भारत में एंडोक्राइनोलॉजी की पढ़ाई के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज़ की लिस्ट नीचे दी गई है–

  • AIIMS दिल्ली 
  • जिपमेर पुडुचेरी
  • KGMU लखनऊ
  • निम्स विश्वविद्यालय
  • स्किम्स श्रीनगर 
  • मद्रास विश्वविद्यालय
  • इंदिरा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस, पटना
  • SVIMS तिरुपति
  • PGIMER चंडीगढ़
  • बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी, भोपाल

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट बनने के लिए योग्यता की आवश्यकता

बिना एमबीबीएस के 12वीं के बाद बायोलॉजी कोर्सेज के लिए सामान्य योग्यता नीचे दी गई है:

  • किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से छात्र 10+2 पास होने चाहिए और 10+2 में उनके कम-से-कम 50% अंक होने चाहिए।  
  • 10वीं के बाद साइंस होनी जरुरी है, जैसे फिजिक्स, केमिस्ट्री और जूलॉजी या बॉटनी, बायोलॉजी साथ ही मुख्य विषय के रूप में अंग्रेजी का होना भी जरुरी है।  
  • आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों के लिए 10+2 में 40% अंक आवश्यक है। 
  • 12वीं के बाद नेशनल लेवल, स्टेट लेवल या यूनिवर्सिटी लेवल के एंट्रेंस एग्ज़ाम क्लियर करने होंगे।
  • विदेश की अधिकतर यूनिवर्सिटीज बैचलर्स के लिए SAT और मास्टर्स कोर्सेज के लिए GRE स्कोर की मांग करते हैं।
  • विदेश की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए IELTS या TOEFL टेस्ट स्कोर, अंग्रेजी प्रोफिशिएंसी के प्रमाण के रूप में ज़रूरी होते हैं। जिसमे IELTS स्कोर 7 या उससे अधिक और TOEFL स्कोर 100 या उससे अधिक होना चाहिए।
  • विदेश यूनिवर्सिटीज में पढ़ने के लिए SOP, LOR, सीवी/रिज्यूमे और पोर्टफोलियो भी जमा करने की जरूरत होती है।

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट बनने के लिए आवेदन प्रक्रिया क्या है? 

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। 
  • एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे। 
  • अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध, सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है। 
  • यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
  • आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीज़ा और छात्रवृत्ति/छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे । 
  • अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है। 

भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है:

  • सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  • यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  • फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  • अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  • इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  • यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट बनने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की लिस्ट  

कुछ ज़रूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–

एंडोक्रिनोलॉजिस्ट किन समस्याओं और बीमारी का इलाज करते हैं?

एंडोक्रिनोलॉजिस्ट जिन बिमारियों का इलाज करते हैं, उनकी सूची नीचे दी गई है-

  • डायबिटीज
  • ऑस्टिओपोरोसिस
  • मेनोपॉज
  • मेटाबॉलिक डिसऑर्डर
  • थायरॉयड डिजीज
  • असामान्य व अनियमित हार्मोन का निकलना
  • कुछ प्रकार के कैंसर
  • छोटा कद
  • इनफर्टिलिटी

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट बनने के लिए प्रवेश परीक्षाओं के नाम क्या हैं?

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट क्या है in hindi जानने के बाद अब इनसे जुड़ी प्रवेश परीक्षाओं के नाम इस प्रकार हैं:

  • Acharya Institutes of Health Sciences & Sciences Medical Entrance Exam
  • All India Institute of Medical Sciences (AIIMS) Medical Entrance Exam
  • Amrita Vishwa Vidyapeetham University Medical Entrance Exam
  • Andhra Pradesh University of Hellcat Sciences Medical Entrance Exam
  • Annamalai University Medical Entrance Exam
  • Baba Farid University of Health Sciences Medical Entrance Exam
  • Banaras Hindu University Medical Entrance Exam
  • Berhampur University Medical Entrance Exam
  • Calicut University Medical Entrance Exam
  • Jadavpur University Medical Entrance Exam

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट के रूप में करियर

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट के लिए करियर के अवसर निकट भविष्य में काफी अच्छे हैं और यह उन युवाओं के लिए वास्तव में बहुत अच्छी खबर है जो चिकित्सा की इस फील्ड में आगे बढ़ने की योजना बना रहे हैं। बढ़ते मिलावट और रहन सहन में बदलावों के कारण अधिक से अधिक लोग एंडोक्राइन सिस्टम से संबंधित समस्याओं जैसे थाइरोइड, डायबिटीज, इनफर्टिलिटी, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल डिसऑर्डर, ऑस्टियोपोरोसिस और एंडोक्राइन ग्रंथि कैंसर की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में एंडोक्राइनोलॉजिस्ट की मांग बढ़ रही है। लगातार बढ़ती मांग के कारण एंडोक्राइनोलॉजिस्ट के लिए सरकारी और कॉर्पोरेट हॉस्पिटल्स में नौकरी के अवसर बढ़ रहे हैं। साथ ही कुछ बड़े अस्पतालों में कार्य अनुभव के बाद वे अपना खुद का अभ्यास शुरू कर सकते हैं।

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट बनने के बाद एम्प्लॉयमेंट एरियाज

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट क्या है in hindi जानने के बाद अब यह जानते हैं कि इनके एम्प्लॉयमेंट एरियाज कौनसे हैं, जो इस प्रकार हैं:

  • सरकारी अस्पताल
  • प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम
  • क्लीनिक और हेल्थ सेंटर्स
  • NGOs
  • मेडिकल कॉलेज
  • अपना क्लिनिक

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट की सैलरी

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट की औसत सैलरी एक सरकारी हॉस्पिटल में लगभग INR 40,000-50,000 प्रति माह और कॉर्पोरेट सेक्टर हॉस्पिटल में लगभग INR 80,000- 1 लाख प्रति माह हो सकती है। हालांकि, एंडोक्राइनोलॉजिस्ट की सैलरी अलग– अलग जगहों में भिन्न हो सकती हैं, साथ ही यह उनके अनुभव पर भी निर्भर करती है। 

FAQs

कुछ सामान्य एंडोक्राइन डिसऑर्डर्स क्या हैं?

सामान्य एंडोक्राइन डिसऑर्डर–
1. टाइप 1 डायबिटीज
2. एडिसनस डिजीज
3. कुशिंग सिंड्रोम
4. ग्रेव्स डिजीज
5. हाशिमोटो थायरॉइडीटीएस

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट कौन होते हैं?

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट एंडोक्राइन कंडीशन जैसे डायबिटीज, थाइरोइड डिजीज, इनफर्टिलिटी, ग्रोथ इश्यूज, मेटाबोलिक डिसऑर्डर, ऑस्टियोपोरोसिस कुछ कैंसर, हॉर्मोन-प्रोड्यूस करने वाली एड्रेनल ग्रंथि और पिट्यूटरी ग्रंथि में उत्पन्न बीमारी का उपचार करते हैं।

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट की सैलरी कितनी होती है?

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट की औसत सैलरी एक सरकारी हॉस्पिटल में लगभग 40,000 रू. से 50,000 रू. प्रति माह और कॉर्पोरेट सेक्टर हॉस्पिटल में लगभग 80,000 रू. प्रति माह हो सकती है। हालांकि, एंडोक्राइनोलॉजिस्ट की सैलरी अलग– अलग जगहों में भिन्न हो सकती हैं, साथ ही यह उनके अनुभव पर भी निर्भर करती है।

हम आशा करते हैं कि अब आप एंडोक्राइनोलॉजिस्ट के बारे में सारी बातें जान चुके होंगे। यदि आप भी विदेश में एंडोक्राइनोलॉजिस्ट बनने का सपना देख रहे हैं तो बेहतर मार्गदर्शन के लिए आज ही 1800572000 पर कॉल करके Leverage Edu के एक्सपर्ट के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक कीजिए। 

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