उत्तर: इस प्रश्न का सही उत्तर A है। 26 जनवरी 2020 को दादरा नगर हवेली और दमन दीव में विलय हुआ था, जो कि भारत के प्रशासनिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जाता है।
इस प्रश्न का विस्तृत उत्तर:
26 जनवरी 2020 इतिहास का वो महत्वपूर्ण दिन है, जिसे दादरा नगर हवेली और दमन दीव विलय के रूप में देखा जाता है। बता दें कि दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव, पहले दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश थे, जिनका विलय करके भारत सरकार ने इसे एक नए केंद्र शासित प्रदेश का स्वरुप दिया। साथ ही विलय के बाद इसका नाम “दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव” रखा गया।
बताना चाहेंगे केंद्र सरकार ने प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाने, संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने और दोहराव को कम करने के उद्देश्य से इन दोनों केंद्र शासित प्रदेशों का विलय करने का निर्णय लिया था। परिणामस्वरूप इससे प्रशासनिक खर्चों में कटौती आई और नागरिकों के लिए सेवाओं का बेहतर वितरण संभव हो पाया।
विलय की पृष्ठभूमि के अनुसार केंद्र सरकार ने 27 नवंबर 2019 को “दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव (केंद्र शासित प्रदेशों का विलय) विधेयक, 2019” को लोकसभा में पेश किया। इसके बाद 3 दिसंबर 2019 को संसद के दोनों सदनों से इस विधेयक को पारित किया गया। इसके बाद, 26 जनवरी 2020 को यह विधेयक लागू हुआ और इससे भारत को नया केंद्र शासित प्रदेश “दादरा नगर हवेली और दमन दीव” मिला।
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