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उत्तर: गोलीय दर्पण दो प्रकार के होते हैं, अवतल (Concave) और उत्तल (Convex)। दोनों दर्पणों के उपयोग उनके विशेष गुणों पर आधारित होते हैं। अवतल दर्पण प्रकाश को एक जगह इकट्ठा करता है, इसलिए इसका उपयोग वहाँ होता है जहाँ चीजों को बड़ा या केंद्रित रूप में दिखाना ज़रूरी होता है। वहीं, उत्तल दर्पण प्रकाश को फैला देता है और ज़्यादा क्षेत्र दिखाता है, इसलिए यह सुरक्षा और देखने की दृष्टि से इस्तेमाल होता है।
अवतल दर्पण और उत्तल दर्पण के उपयोग और कारण
अवतल दर्पण और उत्तल दर्पण के उपयोग और कारण नीचे दिए गए हैं:
| दर्पण का प्रकार | अवतल दर्पण और उत्तल दर्पण के प्रमुख उपयोग | कारण |
| अवतल दर्पण (Concave) | शेविंग मिरर, डॉक्टर व दंत चिकित्सक के उपकरण, सौर कुकर, हेडलाइट्स, दूरबीनें, टॉर्च और सौर ऊर्जा उपकरणों आदि में इसका उपयोग होता है। | प्रतिबिंब बड़ा और स्पष्ट बनता है; प्रकाश को एक बिंदु पर केंद्रित करता है। इससे वस्तुओं का प्रतिबिंब बड़ा हो जाता है। |
| उत्तल दर्पण (Convex) | गाड़ियों के रियर, व्यू मिरर, मॉल/ATM में सुरक्षा दर्पण, सड़क सुरक्षा दर्पण ओवरहेड प्रोजेक्टर आदि में इसका उपयोग मुख्य तौर पर किया जाता है। | इसके प्रयोग से दृश्य क्षेत्र बड़ा दिखता है, आसान भाषा में कहा जाए तो प्रतिबिंब छोटा लेकिन पूरा अथवा विस्तृत होता है। |
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