World TB Day in Hindi: हर साल 24 मार्च के दिन विश्व क्षयरोग दिवस मनाया जाता है। इस दिन विश्व स्वास्थय संगठन – WHO द्वारा दुनियाभर में तरह- तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। विश्व क्षयरोग दिवस दुनयीभार में इस रोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। क्षयरोग – टीबी एक जानलेवा बीमारी है। इसका समय रहते इलाज आपकी जान बचा सकता है। क्षयरोग एक संक्रामक रोग है, जो कि माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु की वजह से होती है। क्षयरोग आमतौर पर फेफड़ों पर हमला करता है, लेकिन यह फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित करता है। यह रोग हवा के माध्यम से फैलता है।
उपन्यासकार चार्ल्स डिकेंस ने 1838 में क्षयरोग के बारे में “एक भयानक बीमारी ” के रूप में लिखा था, जिसे “दवा कभी ठीक नहीं करती” और जिससे “धन कभी बचा नहीं पाया ।” एक बीमारी “जिसमें मृत्यु और जीवन इतने अजीब तरह से मिश्रित होते हैं, कि मृत्यु जीवन की चमक और रंग लेती है, और जीवन मृत्यु का भद्दा और भयानक रूप लेता है।
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विश्व क्षयरोग दिवस का इतिहास
वर्ष 1882 में, डॉ रॉबर्ट कोच ने क्षयरोग- टीबी की बीमारी के लिए निदान और उपचार की पहचान की। जैसा कि हम सभी जानते हैं, क्षयरोग सबसे गंभीर संक्रामक हत्यारों में से एक है जिसका हमें बचाव करना चाहिए। सितंबर 2018 में, संयुक्त राष्ट्र का एक उच्च-स्तरीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था जहाँ राष्ट्रीय नेताओं ने इस बीमारी को खत्म करने का संकल्प लिया।
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विश्व क्षयरोग दिवस का उद्देश्य
विश्व क्षयरोग दिवस का उद्देश्य, जो हर साल 24 मार्च को मनाया जाता है, इस तथ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना है कि क्षयरोग अभी भी दुनिया भर में हर साल लगभग 1.5 मिलियन लोगों को मारता है, ज़्यादातर विकासशील देशों में। यह 1882 में उस दिन का सम्मान करता है जब डॉ रॉबर्ट कोच ने यह खुलासा करके वैज्ञानिक दुनिया को चौंका दिया था कि उन्होंने टीबी बैसिलस, क्षयरोग का कारण पाया था। टीबी यूरोप और अमेरिका को तबाह कर रहा था जब कोच ने बर्लिन में अपना बयान दिया, जिसमें हर सात व्यक्तियों में से एक की मौत हो गई। कोच द्वारा की गई खोज ने टीबी की पहचान और उपचार का मार्ग प्रशस्त किया।उनकी इस खोज की वजह से डॉ. रॉबर्ट कोच को साल 1905 में नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया
World TB Day 2024 Theme in Hindi
हर साल विश्व क्षयरोग दिवस एक निर्धारित थीम के तहत मनाया जाता है। अभी 2024 की थीम निर्धारित नहीं की गई है। वहीं साल 2023 की थीम है- यस! वी कैन एंड टीबी! – Yes! We can end TB! इसका मतलब है कि हां, हम टीबी का अंत कर सकते हैं। इस थीम का उद्देश्य है टीबी उपचार के प्रति जागरूकता बढ़ाना। मरीज़ों और उनके परिवारों को प्रेरणा देना की टीबी का जड़ से उपचार संभव है और वह हार न मानें। टीबी का खात्मा हम सब मिलकर कर सकते हैं।
विश्व क्षयरोग दिवस का महत्व
आज क्षयरोग का इलाज संभव है। मरीज़ों और उनके परिवारों को डरने या पैनिक मोड में जाने की ज़रूरत नहीं है। यह सब हालिया चिकित्सा प्रगति के कारण संभव हुआ है। पहले टीबी के उपचार में सालभर या उससे भी ज़्यादा समय लग जाता था। लेकिन अब 6 महीने का दवाई का कोर्स करके टीबी का उपचार संभव है। हम जानते हैं कि टीबी दुनिया में मौत का नौवां सबसे आम कारण है। इसमें एक कारण यह भी है कि कुछ लोग अपने डॉक्टरों को नहीं देख पाए या अपनी निर्धारित दवाएं अंत तक नहीं ले पाए।
24 मार्च को विश्व भर में विश्व क्षयरोग दिवस के रूप में मनाया जाता है। आइए इस घातक बीमारी को पूरी तरह से खत्म करने का काम करें। यह दिन न केवल जनता को इस बीमारी के बारे में सूचित करता है बल्कि उन सभी सावधानियों के बारे में भी बताता है जो वे अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अपना सकते हैं। विभिन्न देशों में क्षयरोग के सभी रोगी सरकार से मुफ्त दवा और जांच के लिए योग्य हैं। भारत में, सभी सार्वजनिक अस्पताल और मान्यता प्राप्त सुविधाएं मुफ्त टीबी उपचार प्रदान करती हैं।
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विश्व क्षयरोग दिवस के बारे में कुछ तथ्य
विश्व क्षयरोग दिवस के बारे में कुछ तथ्य हैं –
FAQs
हर साल 24 मार्च को
टीबी (यक्ष्मा, तपेदिक, क्षयरोग)
माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको विश्व क्षयरोग दिवस (World TB Day in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।